Tuesday, July 31, 2018

जिगोलो बनाने के बाद मेरी पहली क्लाइंट

अब वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा. 10 मिनट बाद उसकी चूत का पानी निकल गया और मैंने उसकी चूत का पूरा पानी पी लिया. कुछ देर बाद मेरा भी पानी निकल गया था. उसने भी मेरा पूरा पानी पी लिया… हेलो फ्रेंड, मेरा नाम गौरव है और मैं …

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Monday, July 30, 2018

Sunday, July 29, 2018

Saturday, July 28, 2018

Friday, July 27, 2018

Thursday, July 26, 2018

माँ ने मुझे उकसाकर चुदवाया

इतना कह कर माँ मेरे होंठों पर अपने नरम होंठ रख कर मेरा मुंह बंद कर दिया और मेरे होंठों को चूसने लगी. अब मैं भी मूड में आ गया और उनका साथ देने लगा. ये किस करीब 5 मिनट तक चला…

हेलो दोस्तों, ये मेरी पहली कहानी है और मैं आशा करता हूँ कि ये आपको पसंद आएगी. मेरा नाम रवी है और मैं 18 साल का हूँ. ये कहानी मेरे और मेरे माँ के बीच हुई सच्ची घटना है.

दोस्तों, मेरी माँ का नाम संगीता है. एक बार मेरे पिता जी अपने काम से आऊट ऑफ स्टेशन गये थे और उनको आने में अभी 2 हफ्ते बाकी थे. शाम का समय था और मैं घर पर बैठ कर टीवी देख रहा था. मेरी माँ किचन में खाना बना रही थी.

तभी फोन बजा. मैंने फोन उठया तो फोन पर दूसरी तरफ मां की सहेली शांती आंटी थीं. फिर मैंने माँ को आवाज दी और कहा कि मां आपका फोन है. तो मां बोली कि रुको मैं अभी आती हूँ.

फिर माँ किचन से बादर आते ही बोलीं, “किसका फोन है?” मैं बोला कि शांती आंटी का है. फिर मां उनसे बात करने लगीं. माँ बोली, “क्या हाल चाल हैं तेरे, बहुत दिन बाद फोन किया!”

उधर से शांती आंटी बोलीं कि तेरा काम हुआ कि नहीं? इस पर माँ ने कहा, “अरे नहीं हुआ, और तेरा?” तो शांती आंटी बोलीं, “मेरा तो मत ही पूछ, मैं तो अब दिन रात राहुल से चुदवती हूँ. मेरी तो फैन्टसी सच हो गई. चिंता न कर तेरी भी हो जायेगी.”

इस पर माँ बोलीं, “अरे यार, अपनी भी क्या मस्त फैन्टसी है बेटे से चुदवाने की! ये छोड मुझे बता कि ये हुआ कैसे?” इस पर शांती आंटी बोलीं कि मैंने राहुल के पापा के बाहर जाने के बाद उसे सीधा बता दिया.”

माँ बोली – क्या बता दिया?

शांती आंटी – मैंने राहुल से कहा कि मुझे तुझसे चुदवना है.

माँ – फिर?

शांती – वो बोला, “माँ मैं जो बात तुमको नहीं कह पा रहा था, वो बात तुमने कह दी. बस फिर क्या, अब दिन हो या रात मैं राहुल से हरदम चुदवती हूँ.”

माँ बोलीं – तेरी तो निकल पड़ी, पर मैं नहीं कह सकती. मुझमे इतनी हिम्मत नहीं है. तू मुझे कुछ नया आइडिया बता.

शांती – एक काम कर तू रवी पर नजर रख कि वो तुझे घूरता है कि नहीं और अगर वो तुझे घूरता है तो तभी उसे सीधा बता दे कि तू उससे चुदवाना चाहती है.

माँ बोलीं – अगर कुछ गड़बड़ हुई तो?

शांती – अब अगर मगर कुछ नहीं.

माँ – पर!

शांती – इतना क्यों घबरा रही हो?

माँ – यार मुझमे तुम्हारे जितनी हिम्मत नहीं है.

शांती बोली – क्या यार, अच्छा रूक, मैं कुछ सोचती हूँ.

माँ – हां

कुछ देर बाद शांती बोली कि एक काम कर, तू उसे अपने जलवे दिखा. अगर वो कुछ तुझमें दिलचस्पी लेता है तो समझ ले कि तेरा रास्ता साफ है. फिर थोड़ा रुक कर बोलीं कि अच्छा चल अब राहुल बाथरूम में है और मुझे आवाज दे रहा है.

माँ – क्यों उसने टॉवल नहीं लिया क्या?

शांती – अरे नहीं, मैं उसके साथ नहाने जा रही हूँ. चल तुझे फिर से जल्दी ही फोन करूंगी. मुझे खुशखबरी देना हां, ओके बाय!

जब फ़ोन कट चुका तो मैं मां के पास पहुंच गया और माँ से बोला, “इतनी क्या बातें हो रही थी आंटी के साथ?” माँ बोलीं, “नहीं कुछ नहीं, अरे शांती बता रही थी कि वो राहुल के साथ घूमने जाने वाली है.” इस पर मैं बोला, “अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात है.”

अब माँ बोली, “तू टीवी देख मैं जरा नहाकर आती हूँ.” यह कहकर माँ चली गईं. थोड़ी देर बाद माँ ने कहा, “रवी, जरा यहां तो आना.” मैं बोला, “आया माँ, और मैं माँ के बेडरूम में गया. वहां का सीन देखकार मैं तो पूरा हिल गया. माँ कमर पर टॉवल लपेट कर खड़ी थी और ब्रा का हुक लगाने की कोशिश कर रही थी.

उन्हें इस हालात में देख कर मैं थोड़ा घबरा गया और बोला, “सॉरी माँ, लेकिन क्या हुआ?” माँ बोलीं, “अरे, जरा ब्रा का हुक तो लगा दे, मुझसे लग ही नहीं रहा है.”

मैं बोला, “माँ तुम ही लगा लो, मैं आपको ऐसे कैसे देख सकता हूँ?” माँ बोलीं, “अरे लगा दे, मुझसे नहीं लग रहा है.” फिर मैंने ब्रा के दोनों साइड पकड़ कर हुक लागने लगा. ब्रा थोडा टाइट था तो मैंने थोडा जोर लगा दिया. इससे माँ के मुंह से हल्की सी आवाज निकल गई.

मैं बोला, “सॉरी माँ दर्द हुआ क्या? लेकिन थोड़ा जोर लगाना ही पड़ेगा नहीं तो हुक लग ही नहीं पायेगा.” माँ बोली, “ठीक है, पर जरा कम जोर लगाना.”

अब मैं फिर से ब्रा का हुक लगाने लगा. मेरा हाथ माँ की गोरी चिकनी पीठ पर छू रहा था. इस छुआ छाई में मेरा 6.5 इंच का लंड खड़ा होने लगा और जोर लगाने के कारण मैं थोड़ा आगे सरक गया तो मेरा खड़ा लंड माँ के भरे हुए गद्देदार हिप को टच हो गया.

अब मां बोली, “अरे ये क्या चुभ रहा है मुझे पिछवाड़े में?” माँ को तो इसी मौके की तलाश थी. इतना कह कर उसने हाथ पीछे ले जाकर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे दबाने लगी.

मैं बोला, “माँ, ये क्या कर रही हो?” तो माँ बोली, “अरे, ये चुभ रहा है.” ये कह कर माँ पलट जाती हैं और मेरी आखों में देखने लगती हैं.” फिर माँ बोलीं, “इतना बडा हो गया मेरा बेटा!” और फिर उन्होंने मेरे चड्डी में हाथ डाल के लंड को सहलने लगी.

अब मैं बोला, “माँ, ये क्या कर रही हो तुम?” माँ बोली, “अपने बेटे से प्यार कर रही हूँ. क्या तुझको ये पसंद नहीं आया?” अब मैं बोला, “आहह्ह पसंद आया माँ पर तुम मेरी माँ हो!” माँ बोली, “हां, ये सच है के मैं तेरी माँ हूँ पर मत भूल कि मैं एक औरत हूँ और तू एक मर्द और मैं चाहती हूँ कि तू अपनी मर्दानगी मुझपर दिखाए.

इतना कह कर माँ मेरे होंठों पर अपने नरम होंठ रख कर मेरा मुंह बंद कर दिया और मेरे होंठों को चूसने लगी. अब मैं भी मूड में आ गया और उनका साथ देने लगा. ये किस करीब 5 मिनट तक चला.

अब माँ ने कहा, “मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे खूब प्यार करो.” यह कह कर उन्होंने मेरी टीशर्ट और चड्डी निकाल दी. अब मैं माँ के सामने सिर्फ फ़्रेंची में था. फिर माँ मुझे खींचकर बेड पर ले गई. माँ के कंधों पर जो खुली हूई ब्रा थी वो मैंने निकाल दी. अब माँ की 38 की चूचियां मेरे सामने हिल रही थी. निप्पल भूरे रंग के थे.

फिर मैंने घुमा कर माँ को बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ कर चूचियाँ चूमने और चूसने लगा. मां बोलीं, “बेटा, मुझे तेरा लंड चूसना है.” इतना सुन कर मैं खड़ा हो गया.

माँ ने मेरी फ्रेंची निकाल दी और मेरा 6.5 इंच को अपने नरम होंठ में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. मुझे सहना मुश्किल हो गया और 5 मिनट में मैंने पूरा अपना माल माँ के मुंह में गिरा दिया. माँ मादक अंदाज में उसे पूरा गटक गई.

फिर माँ अपनी चूत खोल दी और बोली, “अब मुझे मज़ा दो. अब मैं माँ की चूत चूसने लगा. कुछ देर बाद माँ ने पानी छोड़ दिया. अब तक मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया था. अब मैंने माँ को नीचे किया और चूत चौड़ा करके लन्ड रख दिया. अब माँ तड़पने लगी थी.

फिर मैंने हल्का सा धक्का देकर लन्ड अंदर सरका दिया. अब माँ के मुंह से सिसकारी निकल रही थी. करीब 10 मिनट की चुदाई में माँ की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया. उनकी चूत का गर्म पानी पाकर मेरे लन्ड ने भी अपना पानी छोड़ दिया. मैं माँ के ही चूत में झड़ गया.

उस दिन से हमारी कहानी शुरू हो गई. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – loveg2178@gmail.com

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Wednesday, July 25, 2018

फ़ेसबुक चैट पर मिली भाभी को उनके घर में चोदा

इसके बाद मैंने उसका पेटीकोट खोल दिया और फिर अपनी टीशर्ट और लोअर को भी उतार दिया. अब वो और मैं लगभग नंगे ही थे. वो बस ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला और उसकी चूत के साथ खेलने लगा…

अन्तर्वासना के नियमित पाठकों और चूत वाली चुदासी भाभियों को मेरा चुदाई भरा नमस्कार! साथियों, मैं अन्तर्वासना साईट का नियमित पाठक हूँ और लगभग इसकी हर एक कहानी को मस्त होकर पढ़ता हूँ.

आज, जो कहानी या कहें कि सच्ची घटना मेरे साथ घटी है, मैं उसे आप सब के साथ शेयर कर रहा हूँ. उम्मीद है आप सबको जरूर पसंद आएगी.

दोस्तों, मेरा नाम मोहित है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. दोस्तों, मैं एक शादीशुदा युवक हूँ. ये घटना मेरे साथ लगभग दो साल पहले घटी है. उस समय मैं शादी शुदा नहीं था. तब मैं रोज की तरह फेसबुक पर अपने दोस्तों के साथ चैट कर रहा था.

तभी मुझे अपनी फ्रेंड लिस्ट में एक लड़की की प्रोफ़ाइल दिखाई दी. जिसका नाम स्नेहा ( बदला हुआ नाम) था और वह लगभग एक साल पहले मेरी फ्रेंड बनी थी. मैं किसी कारण से उस दौरान उससे बात नहीं कर पाया था. उस दिन अचानक मन में आया तो मैंने उसको हाय भेजा, लेकिन उसका रिप्लाई नहीं आया.

अगले दिन उसका रिप्लाई आया तो मैंने बदले में उसे हाय कहा, और बात करने लगा. बात करते – करते पता चला कि वो एक शादी शुदा औरत है और उसे एक बच्चा भी है.

फिर मैंने उससे बात आगे बढ़ाई. इस दौरान हमारे बीच पढ़ाई और उसके पति के बिज़नेस के बारे में बात हुई. वो मेरे ही शहर की थी. दोस्तों, मुझे शादी शुदा औरतों की चूत मारना ज्यादा पसंद है तो मैं धीरे – धीरे उसकी तरफ आकर्षित होने लगा, और मैंने बातों ही बातों में ये जानने की कोशिश की कि क्या वो अपने पति से संतुष्ट है या नहीं?

मुझे पता चला कि वो अपने पति से बहुत ज्यादा परेशान है. उसके पति का किसी और लड़की के साथ अफेयर चल रहा था. इसके बाद हम अक्सर रात – रात भर फेसबुक पर ही बातें करते थे और धीरे – धीरे हमारी बातें सेक्सी होती चली गयी और हम फ़ोन पर खुल कर और खूब मस्ती में सेक्स चैट करने लगे. मैंने उसको पूरी तरह खोल दिया था. अब वो डर्टी वर्ड्स बोलले लगी थी. चूत और लंड जैसे शब्द भी हम दोनों अपने सेक्स चैट में इस्तेमाल करते थे.

उसके बाद हम एक – दूसरे से मिलने के लिए तड़पते रहते थे. एक दिन वो वक़्त भी आया और हम पहले से निश्चित एक जगह पर मिले. दोस्तों, उसे देख के तो मैं पागल सा हो गया और उसके हुस्न का दीवाना हो गया था.

उसके बाद हम कहीं प्राइवेट में मिलने का सोचने लगे. क्योंकि अब न तो मैं चुदाई के बिना रह सकता था और न ही. अब तो आग दोनों तरफ बराबर थी और दोनों ही चुदाई के लिए तड़प रहे थे.

फिर एक दिन हमें मौका मिल ही गया. जब उसका पति किसी काम से दो दिन के लिए बाहर गया था, तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया. जब मैं उसके घर के पास पहुंचा तो उसने मुझे पीछे के रास्ते से अपने घर में घुसाया.

उस समय उसने पीली साड़ी पहन रखी थी. जिसमें वो एक दम मस्त माल लग रही थी. इसके बाद फिर हम दोनों उसके बेड रूम में दाखिल हुए तो मैंने पहले उसको पीछे से पकड़ा और उसकी गर्दन पर हल्का सा स्मूच किया. जिससे उसके बदन में सरसराहट सी महसूस हुई.

फिर मैंने उसे अपनी तरफ करके उसके होंठों पर किस किया और हम दोनों लगभग 10 मिनट तक एक – दूसरे को किस करते रहे. इसके बाद मैंने उसके बूब्स से खेलना शुरू किया और अब स्नेहा इन सब में मेरा पूरा साथ दे रही थी. मेरी भी यही कोशिश थी कि इस सब में उसे भी पूरा मजा आये.

फिर मैंने उसका ब्लाउज खोला और उसकी नरम – नरम चूचियों को दबाते हुए उसके निप्पल को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. वह ‘आह्ह्ह आह्ह्ह’ की आवाज कर रही थी. इसके साथ ही उसने कहा कि खेलो मस्त होकर इनसे, मैं बहुत समय से चुदासी हूँ, अहहाह हाहाह ईईइ..”

इसके बाद मैंने उसका पेटीकोट खोल दिया और फिर अपनी टीशर्ट और लोअर को भी उतार दिया. अब वो और मैं लगभग नंगे ही थे. वो बस ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला और उसकी चूत के साथ खेलने लगा.

पहले उसकी चूत के दाने को अपनी उंगलियों से रगड़ा और फिर ऊँगली को चूत में घुसा के अन्दर – बाहर करने लगा. अब वो ‘अहहहह्हहाह ईई’ की मस्त मादक आवाज निकाल रही थी. कुछ देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और फिर वो कहने लगी कि मेरे राजा, मैं काफी टाइम से चुदी नहीं हूँ तो प्लीज मेरी प्यास जल्दी से बुझा दो.”

इस पर मैंने कहा, “अभी नहीं मेरी रानी, पहले तड़प को और बढ़ने दो.” इतना कह कर मैंने उसकी पेंटी उतार दी और फिर उसकी चूत को अपनी जीभ से चूसने लगा. अब उसकी तड़प बढ़ती जा रही थी और वो ‘आहहहह’ की मधुर आवाज निकलने लगी थी.

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उससे कहा कि मेरे लंड को आजाद करके उसे अपने मुंह में लेकर चूसो. इस पर पहले तो वो मना करने लगी पर बाद में उसने उसे लन्ड को अपने मुंह में लिया और मस्त होकर चूसने लगी.

इस दौरान उसने कहा कि आज तक कभी मेरे पति ने भी ऐसा नहीं किया और अब मुझे लन्ड चूसने में मस्त मजा आ रहा है, बस अब देर न करो और जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल के मुझे मस्त ख़ुशी दे दो और मेरी प्यास बुझा दो.

उसके बाद मैंने बिना देरी किए अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और पहले धीरे से और फिर एक झटके से अपना लन्ड अन्दर घुसा दिया. जिससे वो तेज़ आवाज में चिल्लाई और दर्द के मारे छटपटाने लगी. इधर मैं उसकी चूत में धक्के पर धक्के मारने लगा.

थोड़ी देर में उसे इन धक्कों में मजा आने लगा और फिर मैंने धक्कों की रफ़्तार को और तेज़ किया. अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. करीब 15 मिनट के बाद मैंने कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि मेरे ऊपर निकाल दो और फिर मैं तेज़ फुहार के साथ उसके बूब्स के ऊपर झड़ गया.

उसके बाद हमने 3 बार और चुदाई की और आगे भी ये सिलसिला जारी रहा. दोस्तों, अगर आपको ये सच्ची घटना अच्छी लगी हो तो मुझे ईमेल जरुर करें. मेरी मेल आईडी – Thisizmohit49@gmail.com

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Tuesday, July 24, 2018

पत्नी के साथ वफादारी कर मैंने भाभी को चोदा

मेरी उंगलियां बड़ी नजाकत से उसके निप्पल्स को टच कर रही थीं. वो सिसकियां लेने लगी थी. फिर मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया. मैं बिल्कुल किसी छोटे बच्चे के जैसे चूस रहा था. इतना आनंद आ रहा था दोस्तों, मैं बता नहीं सकता…

हेल्लो दोस्तों, सभी अन्तर्वासना के पाठक भाइयों तथा भाभियों की प्यारी होंठ जैसी गुलाबी चूतों को आरव का नमस्कार. दोस्तों, मैं गुजरात के सूरत शहर का रहने वाला एक युवा हूँ. मेरी उम्र 30 साल है. मैं यहां इस कहानी के माध्यम से अपने साथ हुए एक सत्य अनुभव को कहने जा रहा हूँ. उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी.

मैं मेरी मैरिज लाइफ से बहुत संतुष्ट हूँ और मेरी बीवी भी मुझसे बहुत खुश है. ये कहानी मेरी पड़ोस में रहने वाली भाभी की है, जिसने मुझे मेरी वफ़ादारी का ईनाम दिया. उनका नाम सोनल है और वो भी वैसे ही खूबसूरत हैं. एक दम परफेक्ट फिगर की. क्या बताऊँ दोस्तों, क्या क़यामत लगती है! हमारी पूरी सोसाइटी के पुरुष उसके नाम की मुठ मारते होंगे.

मैं भी उसकी खूबसूरती का दीवाना था पर कभी मैंने उसको उस नजर से नहीं देखा. वो मेरे बाजू के मकान में रहती है. उसका पति मेरा अच्छा दोस्त है. चूंकि हम सब हम उम्र थे तो हम चारों लोग घूमने और मूवी देखने साथ में ही जाते है.

हम आपस में बहुत घुल मिल चुके थे. दोस्तों, जब लेडीज आपस में बात करती है तो वो अपनी निजी समस्या भी बताती है. एक बार मेरी वाइफ और सोनल में सेक्स की बात हुई तो उसने बताया कि उसके पति हार्दिक का लौड़ा 4 इंच का है तो बहुत ज्यादा मजा नहीं आता.

फिर मेरी वाइफ ने उससे बताया कि आरव का लौड़ा तो देखते ही प्यार करने को मन करता है. उस दिन के बाद से वो मुझे ऐसी ही नजर से देखने लगी थी, पर वो जानती थी कि मैं उसकी बहुत रिस्पेक्ट करता हूँ. धीरे – धीरे वो मेरे साथ ज्यादा चुलबुली हो गयी.

एक दिन मेरी बीवी के मायके में उसके सबंधी की शादी थी तो उसको चार – पाँच दिन के लिए वहां जाना था. इसलिए उसने मेरा सारा काम सोनल को बता दिया और खाना भी उसके घर पर खाने को बोल के वह चली गई.

फिर एक दिन के बाद हार्दिक के गांव में उसके फॅमिली में किसी की मौत हो गई तो उसको उस रात ही जाना पड़ा. जब मैं उसको बस के लिए छोड़ने गया तो उसने बताया कि सोनल की अभी वहां ऐसी जरुरत नहीं है, इसलिए नहीं ले जा रहा हूँ. तुम उसका ध्यान रखना, मैं दो दिन में आ जाऊँगा.

उसके छोड़ कर मैं घर पहुंचा और बेड पर जाकर सो गया. इतने में सोनल का कॉल आ गया. वह सुबह के नाश्ते के बारे में पूछ रही थी. तो मैंने बताया कि मैं सुबह नाश्ता नहीं करता. इस पर वह बोली कि आरती क्या सोचेगी कि मैंने आपको नाश्ता भी नहीं करवाया. फिर मैं बोला, “ठीक है, कुछ भी चलेगा.”

सुबह उठ कर तैयार होकर जब उसके घर गया तो वह नहाने गयी थी. यह देख मैं न्यूज़ पेपर पढ़ने लगा. जब सोनल नहा कर बाहर आई तो उसको देख कर मेरा लन्ड तन गया था. दोस्तों क्या लग रही थी वो! उसने टीशर्ट पहनी हुई थी और उसके अंदर ब्रा नहीं पहनी थी.

वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली कि मुझे आपसे एक बात करनी है. आप आरती के प्रति कितने वफादार हैं? मैंने कहा कि वह मेरी लाइफ है. तो उन्होंने कहा कि हार्दिक मेरी जान है पर अगर आप बुरा न मानें तो एक बात बोलूं. मैंने सिर हिलाया तो बोलीं, “क्या हम एक ऐसे रिलेशन में रह सकते हैं, जिसमे आपको कभी अपनी वफादारी पर शक ना हो?” इस पर मैं बोला, “मैं आपकी बात समझा नहीं.” लेकिन दोस्तों, वास्तव में, मैं उसकी पूरी बात समज गया था कि वह क्या कहने वाली है.

फिर उसने बोला कि मैं एक ऐसा प्यारा दोस्त चाहती हूँ, जो मेरे दुःख को समझे और दुनिया भी हमारे सबंध को गलत ना समझे. फिर उसने कहा कि आरती ने मुझे बताया था कि आपका वो बहुत बड़ा है. तो यदि आपको कोई प्रॉब्लम न हो तो मुझे आपके साथ एक बार सेक्स करना है.

मैं उसकी इतनी साफ बात सुन कर दंग ही रह गया. मैं अपने आप पर विश्वास ही नहीं कर पा रहा था, पर वह सच था. अब मेरे घोड़े सातवें आसमान पर उड़ रहे थे कि जिसके पीछे पूरी कायनात है वह मेरे पीछे पड़ी है और वो भी मेरी वफ़ादारी की वजह से. क्योंकि वह जानती थी कि मैंने कभी उसको ऐसी नजर से देखा ही नहीं है.

फिर मैंने एक शर्त रखी कि तुम्हारा हार्दिक के प्रति प्यार कभी कम नहीं होना चाहिए और हम दोस्त ही रहेंगे. इस पर उसने हां बोल के मुझे अपने गले से लगा लिया.

शाम को जल्दी वापस आने का बोल कर मैं काम पर चला गया और शाम को जब मैं वापस आया तो देखा कि उसका दरवाजा बंद है. फिर मैंने डोर बेल बजाई तो जब वो दरवाजा खोलने आई तो उन्होंने वन पीस पहना था. उसे देख कर अंडरवियर से मेरा लौड़ा बाहर आने को तड़पने लगा.

फिर मैंने दरवाजा बन्द किया और उसको कसके हग कर लिया और फिर उसके लिप पर मेरा मुंह रुकने का नाम नहीं ले रहा था. क्या रसीले लिप्स थे यारों! अब मैं पीछे से उसकी गांड को दबाने लगा और मेरी छाती उसके बूब्स के साथ ऐसे सेट हो गए कि जैसे फेविकॉल लगा हो.

फिर मैंने उसको उठा लिया और उसके बेडरूम में ले आया और उसको लेटा दिया. वो मुझे प्यासी नजरों से देख रही थी. ऐसा लग रहा था कि बरसों की प्यासी हो. मैं उसके बूब्स देखने के लिए इतना बेक़रार था कि मेरे से उसका वन पीस फट गया. अब मैं किसी जंगली की तरह उस पर टूट पड़ा.

क्या मस्त बूब्स थे उसके! एक दम गोरे. उन पर उंगली भी लग जाए तो भी लाल हो जाये. फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और धीरे – धीरे उसके गले पर किस करने लगा. मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स को दबा कर रहे थे.

मेरी उंगलियां बड़ी नजाकत से उसके निप्पल्स को टच कर रही थीं. वो सिसकियां लेने लगी थी. फिर मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया. मैं बिल्कुल किसी छोटे बच्चे के जैसे चूस रहा था. क्या आनंद आ रहा था दोस्तों, मैं बता नहीं सकता!

मेरा एक हाथ उसके बूब पर और दूसरा धीरे से उसकी पैंटी में चला गया. वो पूरी गीली हो गई थी. इस दरम्यान उसने मेरा शर्ट खोल दिया और फिर पैंट का बेल्ट खोलने लगी. मेरा पैंट उतार के उसने मेरी अंडर वियर में हाथ डाल दिया और मेरा लौड़ा हाथ में लेकर मेरी तरफ देखके ऐसे एक्सप्रेशन दिए कि बहुत बड़ा है.

फिर उसने मेरी अंडर वियर भी उतार दी और मेरे लौड़े को किस करने लगी. फिर वो उसे मुंह में लेकर चूसने लगी. उसे देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो. मेरा पूरा लन्ड उसने चूस कर गीला कर दिया था.

इसके बाद मैंने उसको 69 की पोजिशन में लेकर उसकी चूत का टेस्ट लिया. उस दरमियान वह झड़ चुकी थी और मेरे लन्ड से भी वीर्य निकल चुका था. बाद में फिर उसने मेरा लन्ड चूस के खड़ा किया. वो इतनी प्यासी थी कि उसके मुंह से ‘आअह्ह आहहहह’ की आवाज बन्द नहीं हो रही थी.

फिर मैंने उसके दोनों पैर को ऊंचा किया और मेरे कंधे पर रखा. अब मैंने मेरा लौड़ा उसकी चूत पर रखा। मैं पहले धीरे से अंदर डालने की कोशिश कर रहा था पर उसकी चूत बहुत ही टाइट थी तो मैंने उसको बोला कि थोड़ा दर्द मेरे नाम से सह लेना. इतना बोल कर फटाक से धक्का दिया तो आधा लन्ड अंदर चला गया और वह चिल्ला पड़ी.

मैं मानने वालों में से नहीं था. फिर मैंने दूसरा धक्का दिया तो मेरा पूरा लन्ड ही अंदर चला गया. अब उसकी आँख में आंसू आ गए थे, लेकिन मैं रुका नहीं और लन्ड अंदर – बाहर करने लगा.

अब मैंने झटके शुरू कर दिए. थोड़े समय में सब नार्मल हो गया और वह मेरा साथ देने लगी. अब वो ‘मेरी प्यास बुझा दे मेरे आरव’ कह कर ऊपर नीचे होने लगी.

बाद में मैंने उसको मेरे ऊपर बैठा के चोदा और लास्ट में डोगी पोजिशन में भी चोदा. अंत में मैंने मेरा वीर्य उसके चूत में छोड़ दिया. अब मैं थक गया था तो नीचे उतर कर लेट गया और वह मुझे अपनी मुंह से हवा देने लगी.

क्या दिन था यारों! उन दो दिनों में मैंने सोनल को 10 बार चोदा और वो भी अलग – अलग अंदाज में. उन 3 दिनों के बाद हमारी लाइफ पहले जैसी नार्मल हो गयी और हम चारों लोग पहले जैसे ही रहने लगे. अब ऐसा लग रहा था, जैसे कि पहले कुछ हुआ ही ना हो. अब टाइम मिलने पर मैं सोनल को अभी भी चोदता हूँ, लेकिन अपनी वफादारी में रह कर.

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी? आप मुझे मेल करके जरूर बताएगा. मेरी ईमेल आईडी – prempatelak1000@gmail.com

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Monday, July 23, 2018

चूत सूंघ कर बड़ी मां को चोदा

अब मैंने अपना हाथ बुर से निकाल के अपनी उंगलियों को चाटना और सूंघना चालू कर दिया. यह देख बड़ी माँ ने कहा, “चाटना है तो पहले से बता देता.” यह कह के वो नंगी हो गईं और सोफे के ऊपर बैठकर अपनी जांघों को खोल दिया…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम शिवम हैं और मैं बिहार का रहने वाला हूँ. ये सेक्स कहानी मेरी और मेरी बड़ी माँ की है. आप का समय ख़राब का करते हुए, मैं अब सीधा इस चुदाई की कहानी पर ही आता हूँ.

मेरी बड़ी माँ एक गदराई हुई जवान औरत हैं. उनका फिगर एक दम हॉट हैं. एक दम टाईट गोल चूचे और मसलवाली बड़ी गांड भी हैं उनकी. बड़ी माँ को देख कर किसी का भी लन्ड खड़ा हो जाए. वो दिखने में किसी परी के जैसी लगती हैं.

एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था. सिर्फ मैं और मेरी बड़ी माँ ही थे. वो दोपहर में सो गई थी. तभी मैं क्रिकेट खेल के घर आया तो देखा की उनकी साड़ी ऊपर उठी हुई है और उनका बुर पूरा पसीने से भीगा हुआ था. उस समय मुझे पता नहीं चला कि बड़ी माँ नींद में ही झड़ चुकी हैं.

मैं उन्हें नींद में समझ के उनके जांघ की तरफ जा के सूंघने लगा. उनकी बुर से बहुत मस्त खुशबू आ रही रही थी उनकी. फिर मैंने उसकी साड़ी को थोड़ा सा ऊपर किया. तभी उनकी आँख खुल गई. इसके बाद भी उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा और वो उठ के मेरी तरफ देखने लगी.

यह देख मैं डर गया और फिर मैंने बहाना बना के कहा कि बड़ी माँ खाना दो न बहुत भूख लग रही हैं. लेकिन तभी मैंने देखा कि वो मुझे एक दम नशीली आँखों से देख रही थी. यह देख मैंने कहा, “क्या हुआ बड़ी माँ, ऐसे क्यूँ देख रही हो. तो उन्होंने कहा कि तू मेरा एक काम करेगा?

मैंने कहा – क्यों नहीं बड़ी माँ! आप बताइये।

अब बड़ी माँ बोलीं – किसी से कहेगा तो नहीं ना?

मैं बोला – नहीं बड़ी माँ, आप बताइये क्या बात है.

तो बड़ी माँ बोली – वही, जो तू अभी मेरे साथ करने लगा था उसे अच्छे से और खुल कर कर लेते हैं.

यह सुन कर मैं पूरा शर्म के मारे लाल हो गया. तो बड़ी माँ ने फिर कहा – मेरी नजर तेरे ऊपर तो बहुत पहले से ही थी. तू जब भी नहाता था तो मैं तेरा लौड़ा बड़े ही प्यार से देखती हूँ.

अब मैं बड़ी माँ के पास गया तो उन्होंने मुझे कमर से पकड़ लिया. मुझे भी अन्दर से बहुत मस्त लग रहा था, क्यूंकि मेरी भी सालों की तमन्ना आज पूरी होने को थी. कितने दिनों से मैं बड़ी माँ की गांड और बूब्स को देखना और टच करना चाहता था. तभी बड़ी माँ ने मेरा माथा पकड़ के अपने बुर की तरफ कर दिया.

मुझे बड़ी माँ के बुर से गीली खुसबू का अहसास हो रहा था. फिर मैंने उनके बुर पर हाथ रखा तो जैसे मेरे लन्ड में करंट सा लगा. अब वो उठीं और मेरी पैंट को नीचे कर के बोली, “तू रोज मेरे नाम की मुठ मारता है, आज जो करना चाहता हैं कर ले.”

फिर मैंने भी देरी न करते हुए पसीने से लथपथ उनके कंधे को और कानों को चाटना चालू कर दिया. बड़ी माँ भी एकदम मदहोशी में डूबी हुई थी. अब मैं नीचे गया और उनकी बुर को चाटना चालू कर दिया.

वो पूरी मदहोशी से सिसकारी ले रही थी. वो ‘आह्ह्ह चाट, आह्ह्ह मेरे राजा, चाट चाट के साफ़ कर दे अपनी बड़ी माँ के भोसड़े को. आह आह तू ही है जो मेरी चुदाई का दर्द दूर करेगा मेरे राजा, आह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह’ और भी पता नहीं क्या बोले जा रही थी.

फिर बड़ी माँ ने अपनी जांघों के बीच में मेरी मुंडी को कस के दबा लिया और मैं समझ गया की मेरे चाटने की वजह से वो झड़ने की कगार पर आ चुकी थी.

तभी मुझे किसी के आने की आवाज सुनाई दी. वो कोई और नहीं मेरे बड़े पापा थे. उस आवाज को सुन कर मैं जैसे – तैसे अपने आप को रोक के वहाँ से भाग खड़ा हुआ. बड़े पापा के आने से बड़ी माँ को बड़ा गुस्सा आ गया था, लेकिन उन्होंने कंट्रोल कर लिया.

फिर मैं शाम को बड़ी मम्मी के यहाँ गया तो देखा उनकी आँखों में एक अलग ही चमक थी. मैंने कुछ बोला भी नहीं और वो मेरे पास आ गईं और एक झटके में मुझे किस करने लगी. मैंने भी जवानी के जोश में आकर खूब जोर से उसे किस करना चालू कर दिया.

फिर मैंने देर न करते हुए अपने दोनों हाथों से उनकी साड़ी के अन्दर बूब्स को पकड़ लिया. पहले मैंने बूब्स को थोड़ा मसला और फिर अपना एक हाथ उनके बुर में डाल दिया. क्या बताऊँ दोस्तों, उनके बुर की खुशबू को मैं सूंघना चाहता था और इसके लिए मैं खुद को रोक नहीं सका.

अब मैंने अपना हाथ बुर से निकाल के अपने उंगलियों को चाटना और सूंघना चालू कर दिया. यह देख बड़ी माँ ने कहा, “चाटना है तो पहले से बता देता.” यह कह के वो नंगी हो गईं और सोफे के ऊपर अपनी जांघों को खोल दिया.

अब मैं उनके पास गया और उनकी बुर को चाटने लगा. मैं उनकी बुर को चाट रहा था और हाथ में लन्ड भी पकड़ रखा था. मैं लन्ड हिलाते हुए अपनी बड़ी माँ का बुर चाट रहा था.

मैंने 20 मिनट तक उनकी बुर को अपनी जुबान से चोदा. इस बीच वो 2 बार झड़ भी गई. बीच – बीच में वो मुझे अपना बुर जोर – जोर से चाटने के लिए कह रही थी. अब मैं और भी जोर से बड़ी माँ का बुर चाटने. वो फिर से एक बार झड़ गई और मैं उसके बुर का सारा पानी पी गया.

अब मैंने अपना लन्ड बड़ी माँ को चूसने के लिए दे दिया. मेरी बड़ी माँ सच में एक चुदसी औरत थी. उसने इतना हॉट ब्लो जॉब दिया कि मेरे लौड़े में जैसे आग लग गई हो. वो अपनी जुबान से मेरे सुपारे को हिलाती थी और लंड को एक दम तड़पा के फिर अपने मुह में ले लेती थी. मैं करीब 5 मिनट में ही उसके मुंह में ही झड़ गया. बड़ी माँ ने मेरा सारा वीर्य पी लिया था.

फिर हम दोनों ने एक – दूसरे को गले लगा लिया. करीब मिनट में उन्होंने फिर से मेरा लंड हिलना चालू कर दिया. मेरे सिकुड़े हुए लन्ड में फिर से खुसपुसाहट सी हो गई और उसकी सलवटें मिट गई और लन्ड फिर से कड़क हो गया.

अब मैंने बड़ी माँ की बुर को खोला और अपना लंड उनके बुर पर रख दिया. तभी बड़ी माँ ने आह भरी और बोली कि जल्दी से अन्दर कर दे अपने तोते को, मेरी मैना बहुत ही प्यासी है.

फिर मैंने एक झटका दिया और मेरा लन्ड बड़ी माँ के बुर में घुस गया. इधर मैंने अपने मुंह में उनके बूब्स भर लिये और बूब्स को चूसते हुए ही उन्हें चोदने लगा. बड़ी माँ को बड़ा अच्छा लग रहा था और वो भी अपनी गांड हिला – हिला के चुदवा रही थी.

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद फिर मैंने अपना सब वीर्य बड़ी माँ के बुर में ही छोड़ दिया और लन्ड बाहर निकाल लिया. बड़ी माँ ने फिर मेरा लौड़ा अपने मुंह में भर लिया और लंड में लगे वीर्य को चाट कर लन्ड एकदम साफ़ कर दिया.

दोस्तों, यह थी मेरी और मेरी बड़ी माँ की पहली चुदाई की कहानी. अब हम दोनों सेक्स के रेग्युलर पार्टनर हो चुके हैं और जब भी चांस मिलता है, मैं उनकी बुर चोद आता हूँ. उम्मीद है आप लोगों को मेरी यह कहानी पसंद आई होगी. कहानी से संबंधित सुझाव आप मुझे मेल कर सकते हैं. मेरी मेल आईडी – sarryaman@gmail.com

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Sunday, July 22, 2018

Saturday, July 21, 2018

बगल वाली भाभी ने खाना खिलाया फिर चुदाई करवाई

फिर मैंने उसका नाईटी निकाल कर फेंक दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी. फिर उसने कहा कि लाइट ऑफ कर दो मुझे शरम आ रही है तो मैंने कहा, “अब किस बात की शरम” और फिर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसे सीधा कर के उसकी चूची को चूसने लगा…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अंश है और मैं 26 साल का हूँ. मैं हजारीबाग का रहने वाला और मेरा लन्ड 6 इंच का है. दोस्तों, यह घटना मेरे साथ घट चुकी है. इस कहानी को पढ़ कर आपको कैसा लगा ज़रूर बताना.

अब सीधा कहानी पर आते हैं. मेेरे सामने एक कपल रहते हैं. उनके दो बच्चे हैं. भाभी की उम्र 32 साल है और उनके पतिदेव की उम्र 37 साल. उनकी शिफ्ट में ड्यूटी रहती थी. यह बात मेरे यहां आने के 2 महीने के बाद की है. अब तक हम लोग आपस में बहुत घुल मिल गये थे. क्योंकि मुझे बच्चों से बहुत लगाव है.

दोस्तों, भाभी का फिगर मस्त था. उनका रंग सावला था और सबसे मस्त उनकी गांड थी. भाभी मुझसे सारी चीज़ डिस्कस करती थी. वो बोलती थी कि उनको (उनके पति को) मेरा आपसे इतना बात करना पसंद नहीं है तो मैं उन्हें समझाता था कि ये नेचुरल है.

फिर धीरे – धीरे मेरा और भाभी का साथ बढ़ता गया और फिर वो किसी ना किसी बहाने से मेरे रूम में आ जाया करती थी. वो कभी चाय तो कभी कॉफी, स्नैक्स ऑफर करने के बहाने आती थी.

अब मैं समझ गया था कि यह मुझे पसंद करती हैं पर मैं ये सोच के चुप था कि कुछ भी इधर – उधर करने से प्रोब्लम हो सकती है और जॉब से भी हाथ धोना पड़ सकता है.

मगर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. एक बार उसके पति ट्रेनिंग के लिय 15 दिन के लिए आउट ऑफ स्टेट गये. पहला दिन नॉर्मल बीत गया. वो मेरे रूम में आईं और मुझे नॉर्मल टी और स्नेक्स ऑफर किया, थोड़ी देर बात की और यह बोल कर चली गयी की बच्चे अकेले हैं.

दूसरे दिन उसने कहा कि रात का खाना आपके लिए बना दूंगी, आप बाहर मत जाना खाने के लिए. रात के 10 बजे वो खाना लेकर आई और मुझे खाना खिलाने लगी और साथ में खुद भी खाने लगी. मुझे थोड़ा अजीब लगा क्योंकि कोई इस तरह से क्यों करेगा या तो उसे कुछ चाहिए जो मैं दे सकता हूँ या फिर पता नहीं.

भाभी ब्लू कलर की नाईटी पहने हुई थी. यह सब देख कर मेरे लंड में तूफान सा मचने लगा. मैं अक्सर ब्लू फिल्म देख कर मुठ मारता था और अपनी प्यास बुझाता था. मगर आज तो कुछ और ही होना था. खाने के बाद भाभी मेरे पास आई और पूछा कि वो मुझे कैसी लगती हैं?

मैंने कहा, “भाभी, मैं तो आपको शुरू से ही पसंद करता था, मगर एक डर बना रहता था कि कुछ प्रॉब्लम ना हो जाए.” इस पर उसने कहा कि कोई प्रोब्लम नहीं होगी, मैं सब संभाल लूँगी.

अब हम दोनों एक – दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगे. फिर उन्होंने बोला कि आज मेरी पूरी प्यास बुझा दो आज से मैं तुम्हारी हूँ. तो मैंने कहा कि सब यहीं करेंगे या बेडरूम में चलें. इस पर उसने मुस्कुरा कर कहा, “तुम जहाँ शुरू हो जाओ वही मेरा बेडरूम है.’

फिर मैं उसे बेडरूम में ले गया. रात के 11 बज चुके थे और बाहर मौसम भी बारिश का था. फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और खुद भी लेट गया. हम दोनों की साँसें तेज हो चुकी थी. अब मैं उसे किस करने लगा तो वो मदहोश होने लगी.

फिर मैंने उसका नाईटी निकाल कर फेंक दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी. फिर उसने कहा कि लाइट ऑफ कर दो मुझे शरम आ रही है तो मैंने कहा, “अब किस बात की शरम” और फिर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसे सीधा कर के उसकी चूची को चूसने लगा.

वो भी मुझे किस कर रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना शर्ट और पैंट निकाल दिया और अंडरवियर में से लंड निकाल कर उसके हाथ में दे दिया. वो उसे पकड़ कर खेलने लगी और मैं भी उसके चूची को खूब मसलने लगा.

फिर मैंने उसके पेट को छूना शुरू किया और नीचे देखा तो उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. उसने अपना पानी छोड़ दिया था. वो मेरे लंड को ज़ोर – ज़ोर से हिला रही थी. अब मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया और उसका पैंटी भी निकाल फेंकी.

अब हम दोनों पूरे नंगे होकर एक – दूसरे के ऊपर लेटे हुए थे. फिर उसने कहा कि अब कंट्रोल नहीं हो रहा है, अब मुझे चोदो. तो मैंने कहा, “अभी तो शुरुआत है मेरी जान, जम के चुदाई होगी.”

फिर मैं फ्रीज़ में से कुछ आइस लेकर आया और उसे उसके निप्पल और पेट पर रगड़ने लगा. 5 मिनट के बाद मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया. जिसे वो लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. फिर मैंने उसके चूत में भी एक आइस डाल दिया. इससे वो उछलने लगी और अपनी गांड नचाने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसकी चुसाई से मेरा पूरा वीर्य निकल गया और उसने जोश में उसे पी लिया.

फिर मैंने खुद को साफ किया और उसकी चूत को चाटने लगा. वो चिल्लाने लगी और बोलने लगी, “कुत्ते, चुदाई भी करोगे या मुझे तड़पाते ही रहोगे.” इस पर मैंने कहा, “मेरी प्यारी रंडी भाभी, लंड से तुमने सारा माल निकाल लिया अब इसे फिर से चूस के खड़ा करो.”

फिर वह बिना कुछ बोले ज़ोर – ज़ोर से लंड चूसने लगी और उसे खड़ा कर दिया. अब मैंने उसके ऊपर आकर लंड उसके चूत में डाल दिया और उसे ज़ोर – ज़ोर से चोदने लगा. अब वो चिल्लाने लगी और गलियां भी दे रही थी.

उसके मुंह से अजीब – अजीब सी आवाज़ आ रही थी. वो लगातार ‘आआआहह…..उूउउ….माआअ…..और ज़ोर से डालो मेरे राजा, आज से तुम्हारी रांड़ बन के रहूंगी बहन चोद फाड़ दो मेरी चूत को’ बोले जा रही थी.

ये सब सुन के मैं और जोश में आ गया और उसे घोड़ी बनने को कहा. जब वह घोड़ी बन गई तो मैं पीछे जाकर ज़ोर – ज़ोर से धक्के लगाने लगा. वो पागलों की तरह गांड मटका रही थी.

फिर मैंने कहा, “तुम्हारी गांड तो चूत से भी मस्त है” और इतना कह कर एक उंगली उसकी गांड में डाल दी. अब वो और गांड मटकाने लगी. ये देख कर मैं उंगली और ज़ोर से डालने लगा और फिर चूत से लंड निकाल कर उसकी गांड में डाल दिया. इससे वो चिल्लाने लगी.

फिर मैंने उसकी मस्त गांड चुदाई की. कभी मैं उसकी गांड तो कभी चूत में लन्ड डालता और उसको चोदता रहा. थोड़ी देर बाद फिर मैंने उससे कहा कि मेरा निकलने वाला है. उसने कहा कि चूत में ही डाल दो. फिर मैं उसके चूत में ही डिस्चार्ज हो गया और उसी पोज़िशन में उसके उपर लेट गया.

हमने उस रात सुबह 4 बजे तक तीन बार सेक्स किया. उसे भी बहुत मज़ा आया क्योंकि मैंने उसे अलग – अलग पोज़िशन में चोदा था. वो बहुत ही खुश थी. इसके बाद हमने अगले 13 दिन बहुत सेक्स किया. उसने कहा कि तुम इतने हॉट होगे मैंने कभी नहीं सोचा था.

अब हमें जब भी मौका मिलता है तब चुदाई करते हैं. उसके पति की जब भी नाइट शिफ्ट होती है तब वो मेरे रूम में आती है और हम लोग जम के चुदाई करते हैं.

दोस्तों, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – ansh.zmr@gmail.com

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Friday, July 20, 2018

बच्चे के लिए पैसे देकर चुदी डॉक्टर मैम

यह सुन कर अब मुझे और भी जोश आ गया. अब मैं उन्हें किस करने लगा. करीब 25 मिनट हो चुके थे. फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मार कर पूरा पेनिस अन्दर डाल दिया. अगर मैं अपने होंठों से उनके मुंह को बन्द न किया होता तो उनकी तेज चीख निकल जाती…

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार. यह मेरी पहली कहानी है और उम्मीद करता हूँ कि आप सब की जरूर पसंद आएगी.

दोस्तों, मेरा नाम राम है और मैं भंडारा में रहता हूँ. मेरी उम्र 26 वर्ष है. मैं दिखने में हैडसम हूँ. वैसे तो यहां मैं प्रैक्टिस के लिए आया था, लेकिन पैसा कमाने के लिए जॉब करने लगा. मेरी जॉब एक सरकारी अस्पताल में क्लर्क के पद पर लगी है और यहां लगभग सभी को मुझसे काम पड़ता है.

मेरे अस्पताल में एक मैडम हैं. जिनका नाम प्रियंका है. उनकी उम्र 28 है. मैं अधिकांश उनका ही काम करता था. वो देखने में खूबसूरत हैं और उनका फिगर 36-30-38 का होगा. उनको देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था और मैं अक्सर उन्हें चोदने के बारे में सोचता रहता था.

प्रियंका मैम शादीशुदा थीं और उनकी शादी को 4 साल हो गए थे, मगर अभी तक वह माँ नहीं बन पाई थीं. वह अक्सर मुझसे मजाक करती रहती थीं और मैं भी उनसे मज़ाक कर देता था.

एक दिन अस्पताल में कोई खास काम नहीं था. मैं अपना काम कर रहा था. तभी वो मेरे पास आईं और बोलीं, “क्या कर रहे हो डॉक्टर साहब?” मैंने कहा कि काम कर रहा हूँ. तो वो बोलीं कि इतना काम क्यों करते हो. इस पर मैं बोला, “काम नहीं करूँगा तो पैसे कैसे मिलेंगे?’‘

तब उन्होंने कहा, “कितने पैसे मिलते हैं तुम्हें यहां?” मैं बोला, “यही कोई 20,000 मिल जाते हैं.” अब प्रियंका बोली, “मैं आपको इससे भी ज्यादा पैसे दूँगी, लेकिन मेरा एक काम करना पड़ेगा.” तो मैं बोला, “मैं आपका ही तो काम करता हूँ. खैर, बोलो क्या काम करना हैं?’‘

इस पर वो बोलीं, “मैं माँ बनना चाहती हूँ. तुम मुझे मां बना सकते हो?” मैं थोड़ा चौंका और बोला, “यह कैसा काम है! मैं मैं समझा नहीं!” तो उन्होंने कहा कि मेरे पति मुझे माँ नहीं बना सकते. क्या तुम मुझे माँ बना सकते हो?” अब मैं उनकी तरफ देखने लगा. तो उन्होंने फिर कहा, “मैं तुम्हें बहुत सारा पैसा भी दूंगी.” अब मैंने हाँ कर दी.

फिर शाम को मैं मैडम के घर जा पहुँचा. उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा और रसोई में चली गईं. कुछ देर बाद हाथ में कॉफी का कप लिए वो मेरे सामने आईं तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि यह मेरी वही मैम हैं, जिनके साथ मैं रोज काम करता हूँ! उन्होंने एक सफेद नाइटी पहन रखी थी, जिसमें से बहुत ज्यादा हॉट दिखाई दे रही थी.

मैं एकटक उन्हें ही देखे जा रहा था. तभी उन्होंने कहा, “कॉफी पीना है कि नहीं?” उनकी आवाज सुनकर ऐसा लगा जैसे कि सपना देखते – देखते मेरी नींद खुल गई हो. फिर मैंने मुस्कुराते हुए हाँ में सिर हिला दिया. अब उन्होंने कॉफी लेकर टेबल पर रख दी.

तभी मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपने ऊपर खींच लिया और फिर मैंने उनके मुस्कुराते हुए उनके होंठों को अपने होंठों में कैद कर लिया. प्रियंका भी पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी.

अब मेरे हाथ उनके गले से होते हुए उनके बड़े – बड़े मम्मों पर पहुँच गए. मैं और इंतजार नहीं कर सकता था. इसलिए मैंने उनकी नाईटी और ब्रा को निकाल दिया. अब उनका एक दूध मेरे मुँह में था और दूसरे को मैं अपने हाथ से मसल रहा था.

अब वह भी गर्म होने लगी थीं. अब उन्होंने भी मेरे कपड़े निकाल दिए और मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया. वे मेरे लण्ड को हाथ में लेकर आगे – पीछे करने लगी. फिर वह मेरे लण्ड को मुँह में लेकर उस पर अपनी जीभ फिराने और बोलीं, “जानू, आपका पेनिस 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, इससे तो मेरी वजीना ही फट जाएगी.”

इस पर मैं कुछ नहीं बोला और कुछ देर बाद किसी लॉलीपॉप की तरह मेरे लन्ड को चूसने लगीं और फिर लन्ड को अपने होंठों में दबाकर बोली कि अंदर – बाहर करो. मैं करने लगा बहुत मज़ा रहा था. फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैं उनकी वजीना चाट रहा था और वह मेरा पेनिस ऐसे चूस रही थीं, जैसे उसे खा ही जाएंगी.

तभी अचानक उनका बदन अकड़ने लगा और वह मेरे मुँह में ही झड़ गईं. मेरा पूरा मुँह उनके पानी से भर गया. अब मैं उठा और बाथरुम जाकर मुँह पानी से धोकर आया. मेरा अभी होना बाकी था. फिर मैंने अपनी दो उंगली उनकी वजीना में डाल दी और अन्दर – बाहर करने लगा.

अब उनके मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं. कुछ देर बाद वह बोलीं, “जानू, अब नहीं रहा जाता. अब और मत तड़पाओ, जल्दी से अपना लन्ड मेरी चूत में डाल दे और फाड़ दे मेरी वजीना को.”

मैं भी अब देर नहीं करना चाहता था. तो मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधे पर रखकर उनकी गीली वजीना पर अपना पेनिस रखकर एक धक्का मारा. मेरा लण्ड अभी 3 इंच ही गया होगा कि उनकी चीख निकल गई. मैंने कहा, “क्या हुआ?” तो वह बोलीं कि आराम से करो, मेरे पति का लण्ड बहुत छोटा है और पूरी तरह से खड़ा भी नहीं होता है.”

यह सुन कर अब मुझे और भी जोश आ गया. अब मैं उन्हें किस करने लगा. करीब 25 मिनट हो चुके थे. फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मार कर पूरा पेनिस अन्दर डाल दिया. अगर मैं अपने होंठों से उनके मुंह को बन्द न किया होता तो उनकी तेज चीख निकल जाती.

मैं थोड़ी देर ऐसे ही उनके ऊपर लेटा रहा और उनको किस करता रहा. थोड़ी देर बाद वह भी नीचे से अपनी कमर उठाकर मेरा साथ देने लगीं, जिससे मुझे भी यह अंदाजा हो गया कि उन्हें भी मजा आने लगा है. अब मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और अब उनके मुँह से अजीब आवाजें निकलने लगीं थीं. वह लगातार, “आह अइउउउ उईई मा इसहह… ओर जोर से.. फाड़ डाल मेरी वेजिना को..” कर रही थीं.

करीब 30 मिनट हो गए थे पर मैं भी रंग में आ गया था, मेरा अभी भी नहीं निकला था और जाने क्या – क्या बोल रही थीं. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं तो जैसे आसमान में उड़ रहा था.

तभी उनका बदन फिर से अकड़ने लगा और उनके अन्दर का रस मेरे पेनिस पर गिरा. दोस्तों, मैं बता नहीं सकता कि इसमें मुझे कितना मजा आया. यह तो वही समझ सकता है, जिसने अपनी जिंदगी में चुदाई का मजा लिया है.

अब उन्होंने मुझे इतने जोर से पकड़ लिया कि मेरा हिलना भी मुश्किल हो गया. अब मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि मेरा भी निकलने वाला है कहां निकालूँ? तो उन्होंने कहा कि अन्दर ही निकाल दे, इसीलिए तो तुझसे चुदी हूँ.

फिर थोडी ही देर बाद मेरी स्पर्म उनकी वजीना में ही निकल गया. अब मैं ठंडा होकर उनके ऊपर ही पड़ा रहा और अपनी सांसों को काबू करने लगा. कुछ देर बाद हम दोनों उठे तो वो मेरा पेनिस चूसने लगी. उन्होंने कहा, “जानू, तुम असली मर्द हो, मेरा हसबंड तो नामर्द है.”

उसके बाद उन्होने मुझे होंठों पर किस किया. फिर हमने खाना खाया और रात भर में 5 बार और चुदाई का मजा लिया. सुबह प्रियंका ने मुझे 50000 रुपए दिए और मुझे घर तक छोड़ दिया. उसके बाद भी मैडम ने कई बार मुझे बुलाया.

दोस्तों, कैसी लगी मेरी पहली कहानी, मुझे मेल करके जरूर बताइएगा. मेरी मेल आईडी – Rampanda5001@gmail.com

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Thursday, July 19, 2018

स्कूल की दोस्त को उसके दोस्त के घर पर चोदा

अंदर जाकर मैंने कमरे का दरवाजा बन्द किया और रेनू को गोद में लेकर बिस्तर पर चला गया. फिर मैंने उसके कपड़े उतारे और किस करने लगा. रेनू अभी थोड़ा – थोड़ा शर्मा रही थी पर बाद में वो खुल कर साथ देने लगी. फिर मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए. वो ब्रा और कच्छी में थी और मैं सिर्फ कच्छे में था…

नमस्कार दोस्तों, अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है. उम्मीद है कि यह आपको पसंद आएगी. इसमें अगर कोई गलती हो जाए तो माफ कर देना.

मेरी कहानी तब की है, जब मैं स्कूल में पढ़ता था. मेरे साथ एक लड़की मेरी ही क्लास में पढ़ती थी. उसका नाम रेनू था और वो मेरी दोस्त थी. वो दिखने में अच्छी थी. उसका रंग साफ था और 5 फुट 3 इंच का उसका कद था. उसका फिगर 30-28-32 का था.

मैं उससे बहुत बातें करता था पर हमारे बीच सैक्स की बातें नहीं होती थीं. एक दिन मेरे एक दोस्त मनन ने मुझे उसकी और उसकी गर्लफ़्रेंड सलोनी की चुदाई की बात बताई तो मेरा मन भी किसी को चोदने का होने लगा.

फिर मैंने मनन को बोला कि मुझे भी किसी लड़की को चोदना है, तो उसने तुरन्त रेनू का नाम लिया और बोला उसे चोद ले. इस पर मैं बोला कि यार, वो अच्छी लड़की है, नहीं मानेगी. तो मनन बोला कि सलोनी रेनू की दोस्त है, और वो दोनों आपस में सेक्स की बातें करती हैं.

तब मैं उसे पटाने की कोशिश करने लगा. इसमें सलोनी ने मेरा साथ दिया. मैं धीरे – 2 रेनू से चुदाई की बात करने लगा. अब वो भी मेरे साथ खुलने लगी थी. धीरे – धीरे वो मेरी दोस्त से मेरी गर्लफ्रेंड बन गई और खुल कर चुदाई की बातें करने लगी.

तब एक दिन मैंने उसे चोदने की इच्छा बताई तो इस पर वो कुछ नहीं बोली. अगले दिन मैंने उससे फिर बोला तो वो बोलने लगी कि बिना चोदे नहीं रह सकते क्या? लेकिन फिर थोड़ा मनाने पर मान गई. फिर वो मुझसे पूछने लगी कि मुझे कब और कहाँ चोदोगे?

अब मैंने जुगाड़ करके बताने को कहा. फिर चोदने की जगह का जुगाड़ सलोनी के घर पर हुआ. वो एक अमीर घर से थी और उसके मम्मी – पापा बिजनेस करते थे तो दिन में उसके घर कोई नहीं रहता था.

प्लान तैयार होने के बाद हम चारों ने अगले दिन स्कूल से छुट्टी ले ली और सलोनी के घर चले गए. वहाँ मनन सलोनी को लेकर एक कमरे में चला गया. फिर मैं और रेनू भी दूसरे कमरे में चले गए.

अंदर जाकर मैंने कमरे का दरवाजा बन्द किया और रेनू को गोद में लेकर बिस्तर पर चला गया. फिर मैंने उसके कपड़े उतारे और किस करने लगा. रेनू अभी थोड़ा – थोड़ा शर्मा रही थी पर बाद में वो खुल कर साथ देने लगी. फिर मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए. वो ब्रा और कच्छी में थी और मैं सिर्फ कच्छे में था.

अब किस करते हुए मैं उसके चूचे दबाने लगा. इससे वो मस्त होने लगी. अब उसने भी मेरा लन्ड पकड़ लिया और दबाने लगी. फिर हम दोनो ने एक – दूसरे के बचे हुए कपड़े भी निकाल दिए. उसने मेरा 6 इंच का लन्ड देख कर अपनी आंखें बड़ी कर ली और फिर मुस्कुराई.

दोस्तों, उस दिन मैंने भी पहली बार किसी लडकी को नंगा देखा था. उसके चूचे और चूत देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया था. मैं भी उसे देख कर मुस्कुराया और उसे लिटा कर जैसा ब्लू फ़िल्म में देखा था ठीक उसी तरह उसकी चूत चाटने लगा.

थोड़ी देर तक उसकी चूत चाटने के बाद मैं मुड़ गया, जिससे मेरा लन्ड रेनू के मुंह के पास आ गया. इस पर वो बोली कि मुझे क्या करना है, तो मैंने उससे पूछा कि कभी ब्लू फिल्म नहीं देखी क्या? तो उसने मना कर दिया. फिर मैं खड़ा हो गया और उसे बैठा कर उसे मुंह खोलने को बोला.

जेसै ही उसने अपना मुंह खोला वैसे ही मैंने अपना लन्ड उसके मुंह में दे दिया और उसे चूसने को बोला. फिर वो धीरे – धीरे मेरे लन्ड को चूसने लगी. अब मैंने उससे पूछा कि मजा आ रहा है तो उसने हाँ में सर हिलाया.

अब मैंने लन्ड उसके मुंह से बाहर निकाला तो उसने फिर अन्दर ले लिया. यह देख कर मैंने दोबारा बाहर निकाला और उसे चाटने को बोला वो मस्ती में चाटने लगी. फिर कुछ देर बाद हम 69 की पोजीशन में हो गए. अब मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लन्ड. हम दोनों का ही पहली बार था तो ज्यादा अच्छे से नहीं हुआ पर मजा बहुत आया.

फिर मैंने उसे सीधा लिटाया और उसके पैर खोलने लगा. उसने भी बिना कुछ बोले अपना पैर खोल दिया। फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लन्ड रखा और धक्का दिया पर उसकी चूत सील पैक थी तो लन्ड फिसल गया.

अब मैंने फिर दोबारा लन्ड उसकी चूत पर सैट किया और उसको हाथ से पकड़ने को बोला तो उसने दाहिने हाथ से लन्ड को पकड़ लिया. अब मैंने फिर जोर से धक्का दिया तो मेरा लन्ड उसकी चूत को चीरता हुआ थोड़ा सा अन्दर घुस गया.

इस पर रेनू दर्द से झटपटाने और चिलाने लगी. अब मैं थोड़ी देर रुक गया. जब वो सामान्य हुई तो मैंने एक और जोर का धक्का लगाया. अब लन्ड आधे से ज्यादा अन्दर घुस गया था. अब मैं धीरे – धीरे लन्ड उसकी चूत में अन्दर – बाहर करने लगा.

जब लन्ड पूरा अन्दर तक जाने लगा तो मैंने स्पीड बढा दी और एक हाथ से उसके बाएं चूचे को दबाने लगा. अब हम दोनों जन्नत में थे. दोनों को बहुत मजा आ रहा था. फिर कुछ ही देर में रेनू अकड़ने लगी और 4-5 धक्कों के बाद उसकी धार निकल गई. उसने मुझे जोर से पकड़ लिया था. जिससे मेरे धक्के की स्पीड थोड़ी कम हो गई थी.

थोडी देर बाद जब उसने मुझे ढीला छोड़ा तो मैंने स्पीड से उसे चोदना चालू किया. करीब 7-8 मिनट बाद मेरा पानी भी निकल गया. मैं रेनू की चूत में झड़ गया था. फिर हम दोनों निढाल होकर पड़ गए. मैं उसके चूचों पर सर रख कर लेट गया.

कुछ देर बाद जब हम सामान्य हुए तो हमने कपड़े पहने और बाहर बरामदे में आ गए और टीवी देखने लगे. करीब 5 मिनट बाद ही मनन और सलोनी भी बाहर आ गए, लेकिन उन दोनों ने कपड़े नहीं पहने थे.

इसके बाद क्या हुआ ये मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा. यह मेरी पहली कहानी है. आशा है पसंद आई होगी. कहानी के संबंध में मुझे आपके ई-मेल का इंतजार रहेगा. मेरी मेल आईडी – Hsrock4u@gmail.com

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Wednesday, July 18, 2018

राखी बंधवाकर ट्रेन के बाथरूम में बहन को चोदा

अब मैंने कहा कि बॉय फ्रेंड कुछ चाहता है तो वो बोली कि तेरी ही तो हूँ, जो चाहता है ले ले. फिर मैंने उसकी जीन्स नीचे कर दी और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. मेरे ऐसा करने से वो एकदम मचल सी गईं. अब उनकी सिसकारी बढ़ती जा रही थी. वो लगातार ‘आर्यन, आई लव यू, आई लव यू’ बोल रही थीं…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. मैं देहरादून के एक कॉलेज में पढ़ता था. वहां मैंने रूम लिया हुआ था. नया नया कॉलेज में आया था तो कोई दोस्त भी नहीं था. अचानक एक दिन पता चला कि दिल्ली की कोई लड़की जो मेरी सीनियर थी. वो मेरे पड़ोस की है. मैं उसे दीदी बोलता था.

फिर मैंने उसे फ़ेसबुक से ढूँढा और कहा कि दीदी मैं नया हूँ यहां तो पढ़ाई में थोड़ी हेल्प कर दीजिए. दोस्तों, वो बहुत सेक्सी थी. उस समय उसकी उम्र यही कोई 21 साल की रही होगी और मैं 19 का था.

कुछ दिन बात चलती रही और फिर धीरे – धीरे हम घुल मिल गये. एक साल बाद पेपर खत्म होने के बाद हम घर आ गये. घर पर हम रोज सुबह से शाम तक साथ रहते थे. मैं मन ही मन उनका दीवाना बन गया.

उन्हें देखने के बाद मेरा उन्हें चोदने का मन करता था. एक दिन वो नहा के आई तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. उनका फिगर 36-27-38 का था. उन्हें देख कर तो मेरा लंड पागल हो गया था. अब मुझे उन्हें चोदने का प्लान बनाना था.

राखी का दिन था. दीदी ने मुझे बुलाया. मैंने देखा कि वो राखी लेकर आ गई थीं. मेरे लंड को जैसे नज़र लग गई. उस दिन मैंने जैसे – तैसे राखी बँधवा ली और फिर सोचा कि अब तो इसे चोद के ही रहूंगा.

हमें रात की ट्रेन से वापस जाना था. हम समय से पहुंच कर ट्रेन में बैठे गए. हम दोनों की सबसे ऊपर वाली सीट थी. इधर मेरे मन में चुदाई की आग जल रही थी. रात के 2 बजे मैंने कहा, “दीदी, मेरी गोद में सिर रख के सो जाओ, बहुत रात हो गई है.” तो वो सो गई.

अब मेरा लंड उनकी सिर के वजन से खड़ा हो गया था. मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था, फिर मैंने सोने का नाटक किया और उनके बगल में लेट गया और उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिए. थोड़ी देर बाद वो मेरे होंठ को कस के चूसने लगी. हमें एक – दूसरे का स्वाद आने लगा था और अब हम दोनों गरम हो गये थे.

अब मैंने अपनी आंख खोल दी थी. हमने बहुत देर तक एक – दूसरे को चूसा और फिर एक – दूसरे को देखा. तभी दीदी ने एक चादर निकाली और दोनों उसमें आ गये. फिर वो मुझे पकड़ के स्मूच करने लगी. अब मैंने भी उनके बूब्स दबाने चालू कर दिए और वो ‘आह्ह आह’ करने लगी.

फिर मैंने धीरे से उनकी जीन्स में हाथ डाला तो पाया कि वो पूरी गीली हो चुकी हैं. फिर पहले मैंने उनकी जीन्स खोल दी और उसके बाद मैंने अपनी भी खोल दी. मैंने उनसे कहा कि दीदी आप बहुत हॉट हो, मुझे आपका भाई नहीं बनना.

तब वो बोली कि मेरा बॉय फ्रेंड बनेगा? मैंने झट से हां कह दिया. इस पर वो बोलीं कि तो फिर दीदी क्यों बोल राहा है. इतना बोल कर उन्होंने मुझे स्मूच करना शुरू कर दिया.

अब मैंने कहा कि बॉय फ्रेंड कुछ चाहता है तो वो बोली कि तेरी ही तो हूँ, जो चाहता है ले ले. फिर मैंने उसकी जीन्स नीचे कर दी और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. मेरे ऐसा करने से वो एकदम मचल सी गईं. अब उनकी सिसकारी बढ़ती जा रही थी. वो लगातार ‘आर्यन, आई लव यू, आई लव यू’ बोल रही थीं.

अब मैंने कहा कि मुझ से रहा नहीं ज़ा रहा है, मुझे आपको चोदने का बहुत मन कर रहा है तो वो बोली कि फिर चल टॉयलेट में. अब हम दोनों ट्रेन के टॉयलेट में चले गये. वहां जाते ही उसने मेरी जीन्स उतार दी और लंड चूसने लगी. मैं एक दम जन्नत में था.

वो मुंह में लेकर ज़ोर – ज़ोर से मेरा लंड चूस रही थी. अब मैंने भी उसका मुंह चोदन शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद मैंने उसके मुंह में ही अपना सारा मुठ झाड़ दिया. जिसे वो सारा पी गई.

अब मैंने उसकी जीन्स और पैंटी खोल दी और उसकी चूत चाटने लगा. वो पागल हो गई थी और ‘आआहह आआहह उउउइ हाअययययी आआहह’ की आवाज करने लगी थी. थोड़ी देर बाद वो मेरे मुंह में ही झड़ गई.

अब तक मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया था. फिर मैंने थूक लगा कर लन्ड चूत में रखा. उसकी चूत गीली होने के कारण लंड फिसल गया और सुपरा अन्दर चला गया. लेकिन अभी भी मेरा 7 इंच लंड बाहर ही था.

अब मैंने उसकी टाँग उठा के ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा 4 इंच लंड अंदर चला गया. उन्हें बहुत दर्द हुआ और वो रो पड़ी. अब मैंने ज़्यादा टाइम ना लगते हुए एक जोरदार धक्का और दिया और उसकी चूत फाड़ता हुआ मेरा लंड पूरा अंदर चला गया.

मैंने उससे ज़ोर से पकड़ लिया था और थोड़ी देर तक हम ऐसे ही खड़े रहे. थोड़ी देर बाद मैं धीरे – धीरे लंड ऊपर – नीचे करने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था. करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उससे कहा कि तू कुतिया बन जा. वो झट से कुतिया बन गई और फिर मैंने डॉगी स्टाइल में उसे चोदना शुरू किया. अब तो वो भी गांड़ उठा – उठा के चुद रही थी.

माफ करना दोस्तों, मैं कहानी में इतना व्यस्त हो गया कि उसका नाम ही बताना भूल गया था. उसका नाम राशी है. अब राशी बोली, तू तो बहुत बड़ा बहनचोद निकला रे. इस पर मैं बोला, हां दीदी, तुझे तो मैं पहले दिन से ही चोदना चाह रहा था.

अब राशी बोली, मुझे भी तेरा लोड़ा बहुत पसंद है. इस पर मैं बोला, आज से मेरा ये लन्ड तेरा हो गया राशी. इस पर राशी बोली, और ये मेरी चूत तेरी हुई मेरे राजा. अब मैंने स्पीड बहुत तेज कर दी और कुछ देर बाद राशी की चूत में ही झड़ गया.

अब राशी बोली, मेरा राजा भाई खुश हुआ न? इस पर मैं बोला, हां मेरी जान, तेरी चूत मेरे लंड को बहुत प्यारी लगी. आज से तू सिर्फ़ मेरी है. तो राशी बोली, हां मेरी जान, मेरी चूत अब सिर्फ तेरे लंड के नीचे ही रहेगी, पर मॉर्निंग में अपनी दीदी के लिए आई-पिल ले आना भैया. फिर मैंने आई-पिल लाने का प्रॉमिस किया और वापस आकर अपनी सीट पर सो गए.

दोस्तों, इसके बाद देहरादून आकर हमने बहुत चुदाई की. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल जरूर करें. मेरी मेल आईडी – aryan.roy.919@gmail.com

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Tuesday, July 17, 2018

रात को छत पर चुदी खूबसूरत पड़ोसन

फिर उसने मेरी शॉर्ट्स उतारी और मेरे लण्ड को पकड़ के उसको कैद से बाहर किया और मेरे लण्ड को चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. फिर थोड़ी देर बाद मैं उसकी चूत चाटने लगा, जिससे उसे भी बहुत मजा आ रहा था…

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और मैं रायपुर के छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. दोस्तों, मेरा लण्ड 6 इंच का है, जो किसी भी स्त्री या महिला को संतुष्ट करने के लिए बहुत है. मेरी उम्र 20 साल है.

मैं अन्तर्वासना की कहानियों को बहुत समय से पढ़ रहा हूँ. इन्हें पढ़कर ही मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी अपनी कहानी आप सभी लोगों के साथ शेयर करूं. इस वेबसाइट पर यह मेरी पहली कहानी है, उम्मीद है आप सबको पसंद जरूर आएगी.

ये कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली लड़की सारा की है. वो बहुत ही सुन्दर और सेक्सी है. उसकी उम्र 19 साल है. उसके बूब्स बहुत बड़े – बड़े हैं और उसकी गांड तो ऐसे कि देखते ही किसी का भी लन्ड खड़ा हो जाये.

जून 2016 की बात है. मेरी छुट्टियां चल रही थी तो मैं अपने दोस्तों के साथ खेलने बाहर गया हुआ था. मैं खेलकर दोपहर के वक़्त घर लौटा. जब मैं घर लौटा तो मेरे घर में उस समय कोई नहीं था.

दोस्तों, मैं अपने माँ – बाप का एकलौता बच्चा हूँ और उस दिन मेरे पेरेंट्स किसी काम से बाहर गए हुए थे. फिर मैं फ्रेश हुआ और कुछ स्नैक्स लेकर टीवी देखने लगा. तभी घर की घंटी बजी. मैंने सोचा कि शायद मेरे मम्मी – पापा आये होंगे, पर जब मैंने दरवाजा खोला तो वहाँ सारा खड़ी थी.

मैंने उसे अंदर बुलाया और पूछा कि कुछ काम है क्या? वो बोली कि उसके घर का पानी खत्म हो गया है और उसे नहाना है तो क्या वो हमारा बाथरूम यूज़ कर सकती है? मैंने कहा कि वो कर सकती है. फिर वो बाथरूम में चली गयी.

दोस्तों, हमारे बाथरूम के गेट में एक छोटा सा छेद है, जिससे अंदर का थोड़ा – बहुत नज़ारा दिख जाता है. उसके बाथरूम में घुसने के 5 मिनट बाद मैं बाथरूम के पास गया और उस छेद से अंदर देखने लगा अंदर वो पूरी नंगी होकर अपने बूब्स को रगड़ रही थी.

ये देखते हे मेरा लण्ड तुरंत खड़ा हो गया. फिर उसने अपने चूत पर पानी डाला और उसे भी साफ़ करने लगी. ये देखते ही मुझसे रहा नहीं गया और मैं वही पर मुठ मरने लगा. उस समय मुझे ऐसे लगा कि उस छेद से उसने मुझे ऐसा करते देख लिया है. फिर मैंने अपना माल निकाला और तुरंत जाकर टीवी के पास बैठ गया.

थोड़ी देर बाद वो आई और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए चली गयी. उसकी इस मुस्कान का मैं कुछ मतलब समझ नहीं पाया. दोस्तों, हमारे यहाँ बहुत ज्यादा गर्मी होती है, तो मैं रात को छत पर सोता हूँ. रात को मैंने खाना खाया और सोने के लिए छत पर चला गया. वहां जाकर मैं बिस्तेर पर लेट कर गाने सुन रहा था.

तभी मैंने देखा कि सारा और सना ( सना उसकी छोटी बहन का नाम है और उसकी उम्र 12 साल के आसपास है ) भी अपनी छत पर सोने के लिए आई थीं. क्योंकि हम दोनों एक – दूसरे को बचपन से जानते हैं तो कभी – कभी बात भी हो जाती थी.

उसके आते ही मैं उठा और अपने छत पर इधर – उधर घूमने लगा. फिर मैंने उससे थोड़ी सी बात की. चूंकि वे लोग लूडो लेकर आए थे तो हम तीनों मिलकर उसके छत पर लूडो खेलने लगे. लूडो खेलते – खेलते मैं कब सो गया मुझे पता ही नहीं चला.

रात के करीब 11 बजे के आसपास मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की छत पर सिर्फ मैं और सारा ही हैं. ये देख कर मैं बहुत खुश हुआ. सारा सो रही थी. फिर मैं धीरे से उसके पास गया और उसके एक बूब्स को धीरे से छू दिया. इस पर जब उसने कोई रिएक्शन नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं उसके दोनों बूब्स दबाने लगा.

उसके बाद भी जब उसने कुछ नहीं किया, तब मैं धीरे से अपना हाथ उसके कैपरी के अंदर ले गया. उसने कैपरी के अन्दर चड्डी नहीं पहनी थी. फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसके चूत में डाल दी. तब उसने धीरे से आह की सिसिकारी ली.

अब मुझे पता चल गया था कि वो सोई नहीं है और इन सभी चीज़ों का मजा ले रही है. इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. फिर मैंने उसकी कैपरी उतार दी. अब वह बस टी-शर्ट में थी. अब मैं उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था और वो “अह्ह्ह्ह् अह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह” कर रही थी.

फिर मैंने उससे पूछा कि तुम कब से जगी हुई हो? तो उसने बताया कि शुरु से, उसने बताया कि एक दिन जब मैं अपने रूम में अपना लण्ड हिला रहा था तब उसने मुझे देखा था और तभी से वह मेरे लण्ड की दीवानी हो गयी थी.

फिर मैंने उसे जोर से अपनी तरफ खींचा और उसे किस करने लगा. अब मैंने उसका टी-शर्ट भी उतार दिया था. अब वह पूरी तरह से नंगी हो गयी और मैं उसके बूब्स को जोर – जोर से दबाने लगा और उसे चूमने लगा.

फिर उसने मेरी शॉर्ट्स उतारी और मेरे लण्ड को पकड़ के उसको कैद से बाहर किया और मेरे लण्ड को चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. फिर थोड़ी देर बाद मैं उसकी चूत चाटने लगा, जिससे उसे भी बहुत मजा आ रहा था.

फिर वो बोली, “प्लीज, अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है, अब अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो.” फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिया और अपना लण्ड उसकी चूत में रगड़ने लगा. वो सिस्कारियां ले रही थी और लगातार अंदर डालने को बोल रही थी.

फिर मैंने अपना लण्ड उसके चूत के छेद पर सेट किया और एक जोर का झटका दिया. उसकी चूत बहुत टाइट थी. अभी मेरा बस सुपाड़ा ही अंदर गया था कि वो आह करके जोर से चिल्लाई और बोली तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है, बाहर निकालो नहीं तो मैं मर जाउंगी.

फिर मैंने थोड़ा इंतजार किया और फिर एक जोर का झटका दिया और मेरा लण्ड पूरा अंदर चला गया. उसे बहुत दर्द हो रहा था, वो बोल रही थी कि हो गया निकाल दो अब, मुझे नहीं करना, पर मैंने उसे मनाया और फिर धीरे – धीरे अपना लण्ड अंदर – बाहर करने लगा.

अब उसे भी मजा आ रहा था वो लगातार आहें भर रही थी और कह रही, “और चोदो, फाड़ दो मेरी चूत, आह आह”. फिर कुछ देर के बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि कहाँ निकालूँ तो उसने कहा कि अन्दर ही निकाल दो, मैं कल दवा ले लूँगी.

फिर मैंने अपना पूरा माल उसके अंदर ही निकाल दिया. थोड़ी देर बाद मेरा फिर से खड़ा हुआ तो मैंने उससे बोला कि मुझे अब डोगी स्टाइल में करना है तो वो डोगी बन गयी और मैंने उसे पीछे से बहुत चोदा.

उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा और सुबह होते ही हम दोनों अपने – अपने घर चले गए. अब हमें जब भी मौका मिलता है, हम दोनों खूब चुदाई करते हैं.

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Monday, July 16, 2018

ट्यूशन टीचर को उसके घर में चोदा

अब वो सीत्कारियाँ भरने लगी, लेकिन मैं उसकी गोरी – गोरी टाँगों पर अपना हाथ फेरता रहा और उसके बाद मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी. उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी और वह थोड़ी गीली भी हो गई थी…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम संदीप है और मेरी उम्र 23 वर्ष की है. यह जो मैं आप सबको बताने जा रहा हूँ, वह मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है.

बात उन दिनों की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ा करता था. मैं अंग्रेजी में थोड़ा कमजोर था, इसलिए मेरे पिता जी ने अपने एक दोस्त की बेटी के पास ट्यूशन के लिए भेजना शुरू कर दिया. उसका नाम आरती है और वो एक स्कूल में टीचर थी.

मैं हर रोज शाम को 5 बजे उसके पास पढ़ने जाता था. उसके पास मेरे अलावा और भी विद्यार्थी आते थे. आरती का रंग गोरा था और वह देखने में बहुत सैक्सी थी. उसके बड़े – बड़े संतरे थे और उसकी पिछाड़ी तो एक दम बाहर की तरफ उभरी हुई थी. कुल मिलाकर उसका फिगर ऐसा था कि कोई भी एक बार उसे देख ले तो वह देखता ही रह जाए.

मैं हर रोज उसके पास तो अंग्रेजी पढ़ने के लिए जाता था, लेकिन मैं पढ़ता कम था और उसको देखता ज्यादा रहता था. मैं हर समय उसके चूतड़ों की तरफ देखता रहता था. कभी – कभी तो वह इतने पतले कपड़े पहन लेती थी कि उनमें से उसकी पैन्टी भी साफ दिखाई पड़ती थी.

जिस दिन मैं उसे इस रूप में देखता था, उस दिन तो मैं घर में जाकर उसके नाम की मुठ जरूर मारता था. बात उस दिन की है, जब मैं दो दिन ट्यूशन नहीं गया था. मुझे अपने एक दोस्त की बहन की शादी में जाना था, लेकिन मैं ट्यूशन पर बताना भूल गया कि मैं दो दिन नहीं आऊँगा.

मैं दो दिन ट्यूशन पर नहीं गया, लेकिन जब मैं दो दिनों के बाद ट्यूशन पर मुझे उस दिन की छुट्टी के बारे पता नहीं था. मैंने सोचा कि चलो पूछ लेता हूँ. फिर मैंने आरती ‘मैडम जी’ कह कर आवाजें दीं, लेकिन कोई नहीं आया. फिर मैंने दरवाजा भी खड़काया, लेकिन तब भी कोई नहीं आया, तो मैं घर का दरवाजा खोल कर सीधा अंदर चला गया.

जब मैं अंदर गया तो आरती अपने कमरे में पड़ी थी. शायद वो सो रही थी, इसलिये उसने मेरी आवाज नहीं सुनी. घर पर और कोई नहीं था. ऐसा लग रहा था कि सब कहीं बाहर गये हुऐ थे.

दोस्तों, मैं तो इसी मौके की तलाश में था. पहले तो मैं कुछ देर ऐसे ही आरती को देखता रहा. वो सोते हुए इतनी ज्यादा सुन्दर लग रही थी कि मन कर रहा था कि अभी उसके साथ जाकर चिपक जाऊँ.

फिर मैं हल्के – हल्के कदमों के साथ आगे बढ़ा और उसके काफी करीब आ गया. उसने एक चादर ओढ़ रखी थी. फिर मैंने धीरे से उसके ऊपर से चादर उठा दी. उसने सलवार और कमीज पहना हुआ था. सलवार पूरी तरह से उसके चूतड़ों में फंसी हुई थी और उसकी लाल रंग की पैन्टी पारदर्शी सलवार में से दिख रही थी.

उसे देख कर मैं तो पूरी तरह से पागल सा हो गया था. अब मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था. मेरा दिल कर रहा था कि बस अभी कुछ कर दूँ. फिर मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसकी टाँगों पर रख दिया और धीरे – धीरे आगे बढ़ाने लगा और उसकी जाँघों तक पहुंच गया.

तभी अचानक वो जाग उठी और मुझे देख कर गुस्से से चिल्लाने लगी कि तुम यह क्या कर रहे थे मेरे साथ? मैं तुम्हारे पापा को बता दूँगी. मैं बहुत डर गया था और मैंने उससे क्षमा माँगते हुए, उससे अपने मन की सारी बात बता दी. मैंने कहा कि मैं तुम्हें पहले दिन से देख रहा हूँ, तुम बहुत सुंदर हो और मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.

तभी अचानक उसने मेरा खड़ा लौड़ा देख लिया, जिसे मैं छुपाने की कोशिश कर रहा था. शायद उसको मेरा लौड़ा पसंद आ गया था. फिर उसने अपने मुँह पर हाथ रखते हुए कहा, “यह क्या है यश?” अब मैंने आव देखा ना ताव बस सीधा अपनी पैंट खोली और अपना लण्ड बाहर निकाल कर उसे दिखा दिया. वो उसे छूकर देखने लगी और फिर धीरे – धीरे उससे खेलने सी लगी.

फिर मैंने कहा, “चलो कुछ करते हैं, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, सिर्फ थोड़ी देर की तो बात है.” पहले तो वो इन्कार करती रही पर बाद में उसने थोड़ा सहयोग करना शुरू किया तो मैंने उसी समय उसकी सलवार खींच दी और उसकी सलवार नीचे टाँगों तक आ गई.

अब वो सीत्कारियाँ भरने लगी, लेकिन मैं उसकी गोरी – गोरी टाँगों पर अपना हाथ फेरता रहा और उसके बाद मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी. उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी और वह थोड़ी गीली भी हो गई थी.

उसका बदन मेरा साथ दे रहा था और वह दिखावे के लिये दबी जुबान में बोलती रही कि ऐसा मत करो, ऐसा मत करो. लेकिन मैं कहाँ हटने वाला था. मैं तो उसकी गोरी चूत को देख पागल सा हो गया था और फिर मैंने बिना कुछ सुने, अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और पागलों की तरह उसकी चूत को चूसने लगा.

अब उसके मुँह से सीत्कारें आ रही थीं. वो लगातार, “आआ आ आ मत करो आ हा आहा मत करो प्लीज़” कह रही थी. इस दौरान मेरा लौड़ा लोहे की रॉड की तरह अकड़ गया था.

अब बिना कुछ सोचे – विचारे मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसेड़ दिया और जोर – जोर के झटके मारने लगा. फिर मैंने एक ऊँगली उसकी गांड में डाल दी और जोर से आगे -पीछे करने लगा.

अभी पाँच मिनट ही हुए थे कि मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत में से पानी बहने लगा है, लेकिन मैं अभी भी उसे चोद रहा था, फिर मैं उसके होंठ चूसने लगा. मैं उसको कुछ भी बोलने का मौका नहीं दे रहा था.

थोड़ी ही देर में मैं भी झड़ गया और मेरा सारा माल उसकी चूत में निकल गया. मैंने जैसे ही अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाला तो उसकी चूत में से ढ़ेर सारा पानी निकल रहा था और उसकी चूत एक दम पानी-पानी हो गई थी. इस पानी से उसकी टाँगें भीग कर चिपक सी गई थीं.

मैं कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा और वह भी ऐसे ही निढाल पड़ी रही. बाद में उसने मुझे बताया कि इस चुदाई में उसे भी बहुत मज़ा आया. अब तो हमें जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई जरूर करते हैं.

दोस्तों, आपको मेरी यह कहानी आपको कैसी लगी, मुझे ईमेल करके जरूर बताईएगा. मेरी मेल आईडी –
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