Thursday, May 31, 2018

Wednesday, May 30, 2018

Tuesday, May 29, 2018

Monday, May 28, 2018

Sunday, May 27, 2018

चैटिंग से मिली लड़की गोवा में चुदी

मेरे हाथ उसकी कमर से फिसल के उसके चूतड़ पे जाकर टिक गए और मैं धीरे – धीरे उसे खींचकर अपने लंड पर दबाने लगा. वो समझ गयी कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है और मैं जोश में आने वाला हूँ…

हेलो दोस्तों, मेरी यह कहानी पूरी तरह से सही है और इसमें किसी तरह का कोई झूठ नहीं है। यह मेरी और अंजलि की कहानी है. हम लोगों की दोस्ती ऑनलाइन चैटिंग के जरिये हुई थी. जल्दी ही हम अच्छे दोस्त बन गए.

अंजलि एक अच्छी कंपनी में जॉब करती थी और अक्सर टूर की वजह से उसका देश – विदेश आना जाना होता रहता था. एक बार उसने बताया कि वो गोवा जाने वाली है तो मैंने मजाक में ही उससे कह दिया कि मैं भी साथ चलना चाहता हूँ. यह जानते ही अंजलि ने तुरंत हाँ कर दी. जैसे वो मेरे इनविटेशन का ही इंतज़ार कर रही थी.

मुझे भी अंजलि की यह बात सुन कर मजा आ गया. आखिरकार हम लोग गोवा पहुँच ही गए और एक ही होटल में अलग – अलग रूम ले लिए. रात को हमने डिनर किया और उससे कहा कि चलो नाईट क्लब में जाकर थोड़ी से वाइन पी जाये और फिर रात को मजे करेंगे.

नीचे पहुंच कर मैं क्लब पहुंचकर अंजलि का वेट कर रहा था. जैसे ही वो आई मैं उसे देखता ही रह गया. उसने एक छोटी सी स्कर्ट और ऊपर एक ट्रांसपैरेंट टॉप पहन रखा था. जिसमें उसका जिस्म सफ़ेद दूध की तरह गोरा और मखमली लग रहा था.

अंजलि मेरे पास बैठ गयी और हमने वोडका आर्डर कर दिया. थोड़ी पीने के बाद हमने डांस करने का फैसला किया और अंजलि की कमर में हाथ डाल के हम दोनों डांस करने लगे.

फिर मैंने धीरे से अंजलि के कान में कहा, “डार्लिंग, आज बहुत सेक्सी लग रही हो.” यह सुन कर अंजलि शरमा गई और बोली, “हट झूठे, बहुत नॉटी हो गए हो आजकल.” फिर मैंने कहा, “तुम्हें देखते ही शरारत करने का मन करता है स्वीटहार्ट, क्या करूं.”

मेरे हाथ उसकी कमर से फिसल के उसके चूतड़ पे जाकर टिक गए और मैं धीरे – धीरे उसे खींचकर अपने लंड पर दबाने लगा. वो समझ गयी कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है और मैं जोश में आने वाला हूँ.

यह महसूस करके उसने कहा कि चलो बहुत हो गया अब रूम में चलते हैं. अंजलि के मुंह से यह सुनकर मुझे मजा आ गया. मैं समझ गया था कि अंजलि की चूत के मुंह में भी मेरे लंड के लिए गुदगुदी होने लगी है.

फिर जैसे ही हम रूम में पहुंचे और अंजलि अंदर आई. मैंने दरवाजा लॉक कर दिया. मैंने दरवाजा लॉक करके अंजलि को अपनी बाँहों में कस के पकड़ लिया और पीछे से उसे पागलों की तरह चूमने लगा. अब अंजलि मेरी बाँहों में मचलने लगी.

मेरा हाथ उसकी कमर में और उसके दूध के ऊपर के साथ साथ उसकी चूत के ऊपर फिसल रहे थे और मेरे होंठ उसकी गर्दन और पीठ पर अपना थूक लगा रहे थे.

तभी अंजलि जोर लगा के मेरी साइड पलट गयी और मेरी आँखों में देखते हुए बोली, “क्या बात है आज लगता है मेरी बहुत जोरदार चुदाई करने वाले हो, बहुत गरम लग रहे हो!”

अब मैंने अंजलि के होंठों की तरफ देखते हुए कहा, “आज का प्यार वोडका ने और बढ़ा दिया है”. अब ये प्यास तुम्हारी चूत के पानी से ही बुझेगी, अंजलि पिलाओगी न मुझे अपनी चूत का पानी?”

यह सुन कर अंजलि शरमा के मेरे छाती की तरफ देखने लगी. मैं समझ गया कि अंजलि मेरा लंड चाह रही है. फिर
मैंने उसकी ब्रा को उसके जिस्म से अलग कर के उसकी ब्रा को चूमने लगा. यह देख अंजलि बोली, “मेरी ब्रा को नहीं मेरे दूध को चूमो.” उफ़! उस वक़्त उसकी आँखों में गजब का नशा था.

अब मैंने उसके निप्पल की तरफ देखते हुए उसके दूध अपने हाथ में भर लिए और अपनी जीभ निप्पल के चारों तरफ घूमने लगा. जिससे अंजलि मदहोश होने लगी. तभी उसने मेरा लंड पकड़ लिया. मैं समझ गया कि अंजलि मेरा लंड चूसना चाहती है. फिर मैंने अपनी चड्डी उतार के अंजलि को सोफे पर बिठा दिया और अपना लंड उसके मुंह में ड़ाल दिया.

अब उसने मेरे लंड को थोड़ी देर अपने हाथ में लेकर उससे खेलती रही. फिर उसने धीरे से अपने होंठों से उसे चूम कर अपने मुंह में सट से अंदर ले लिया और ऊपर की स्किन को हटा कर मेरे लंड के सुपाड़े पर अपनी जीभ घूमाने लगी.
उफ्फ्फ्फ़, अंजलि को इस तरह करते हुए देख कर बहुत मजा आ रहा था.

मेरे हाथ उसके दूध को पकड़े हुए थे और उन्हें आहिस्ता – आहिस्ता मसल रहे थे. तभी अंजलि ने मेरे लंड के नीचे लटकते हुए अंडों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में भर के सहलाने लगी. मुझे लग रहा था, जैसे उसकी मुट्ठी उसकी चूत हो और मेरा लंड उसकी मुट्ठी को चोद रहा हो.

मुजजे बहुत मज़ा आ रहा था तो मैं बोला, “आअह्ह्ह अंजलि, बहुत मजा आ रहा है मेरी जान! करती रहो ऐसे ही.” फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे रोक दिया. मुझे लगा कि कहीं मैं उसके हाथ में ही न झड़ जाऊं.

फिर मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया और नीचे बैठ कर उसकी दोनों टांगों को खोल दिया. उफ्फ्फ्फ़, मेरे सामने उसकी गुलाबी चूत थी! जो पूरी तरह गीली हो चुकी थी. तभी मुझे एक शरारत सूझी, मैंने शहद की एक बोतल ली और उसमें से शहद अंजलि की चूत पर उड़ेल दी. अंजलि की चूत शहद से भीग चुकी थी.

मैं उसकी मीठी चूत को अपने होंठो से चाट चाट कर साफ़ करना चाहता था. अंजलि मेरी इस हरकत से और गरम हो उठी. मैंने उसकी चूत को काफी देर चाटा और चाट कर एक दम साफ़ कर दिया. वो मचल उठी. फिर मैंने उसके निप्पल पर बर्फ लगा कर उसके निप्पल हार्ड कर दिए और ऊँगली से उन्हें छेड़ने लगा.

उसके दूध, सेक्स की प्यास से और हार्ड हो गए थे. फिर मैंने उन्हें अपने मुंह में भर लिया था और अपने लंड को अंजलि की चूत के ऊपर टिका दिया पर उसकी चूत में नहीं डाला. जिससे अंजलि तड़प उठी और कहने लगी, “प्लीज, अब मेरी चूत में अपना लौड़ा घुसेड़ दो.”

फिर मैंने उसकी बात मान कर उसके दूध को पीते हुए अपना लौड़ा उसकी चूत में अंदर सरका दिया और उसकी कमर पकड़ के धीरे – धीरे अंदर तक घक्के मरने लगा. जिससे अंजलि मचल रही थी. वह अपनी चूत उठा – उठा के मेरे लंड को और गहराई तक लेने को कोशिश कर रही थी. मैं लगातार तेजी से धक्के मरता रहा.

अब वो चिल्ला – चिल्ला कर बोल रही थी कि मुझे अपनी रंडी बना के चोदो, मेरी प्यासी चूत की प्यास बुझा दो. यह सुन मैं भी जोश में आकर उससे बोला, “बन जा मेरी रंडी साली, तेरी चूत मार के जन्नत का मजा आ रहा है मुझे.”

अब वो भी गरम होकर बोली, “तो चोद न मुझे, और जोर से चोद साले, कुतिया बना के मार मेरी चूत और चढ़ जा मेरे ऊपर आह्ह्ह्हह्ह, आज तो तेरा मोटा लौड़ा मेरी चूत की गर्मी को शांत करके ही रहेगा आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.”

फिर काफी देर तक उसको चोदने के बाद मैंने अपना लन्ड उसकी चूत से बाहर निकाल कर उसके होंठों पर अपना माल गिरा. जिसे वो चाट गयी. फिर हम दोनों नंगे लेट कर सो गए. थोड़ी देर बाद उठने पर मैंने जब फिर से अंजलि का नंगा बदन देखा तो मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और फिर से अंजलि को कुतिया की तरह चोद कर उसकी प्यास बुझाई.

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – pkdear2013@yahoo.co.in

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Saturday, May 26, 2018

घर पर पढ़ने आई सहपाठी की जबरदस्त चुदाई

अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं प्रियंका को पकड़ कर चूमने लगा. शुरू में तो उसने इसका विरोध किया लेकिन फिर भी जब मैंने उसको नहीं छोड़ा तो कुछ देर बाद वो मेरा साथ देने लगी. अब हम एक – दूसरे को लगभग दस मिनट तक चूमते रहे. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूसने लगा…

अन्तर्वसना के प्रिय पाठकों को मेरा नमस्कार! दोस्तों, आज मैं आपको मेरे पहले सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ. मेरी इस कहानी को पढ़कर पाठकों के लण्ड खड़े हो जाएंगे और पाठिकाओं की चूत से पानी निकलने लगेगा.

दोस्तों, मेरा नाम राहुल हैं और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ. बात उस वक्त की है, जब मैं बाहरवीं क्लास में पढता था. मैं शुरू से ही पढ़ाई में काफी अच्छा था और अपनी क्लास का मॉनिटर था. टीचर अक्सर मुझसे ही क्वेश्चन सुनने के लिए कह देते थे.

हमारी क्लास में लगभग तीस लड़के और दस लडकियां थीं. उनमें से एक लड़की जिसका नाम प्रियंका था, वो दिखने में बहुत ही सुन्दर थी. मैं क्लास में हमेशा उसकी तरफ ही देखता रहता था. या यूं कहिए कि मैं उसको बहुत पसंद करता था.

उसके बूब्स बहुत ही मोटे थे और गांड बहुत ही उभरी हुई थी. मन करता था कि साली को अभी चोद डालूं. मै उसको चोदने के बारे में सोचकर अक्सर मुठ मारता था, लेकिन कभी उससे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई.

कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा और हमारे बोर्ड के एग्जाम शुरू हो गए. बोर्ड एग्जाम के कुछ दिन पहले तैयारी के लिए स्कूल की छुट्टियां हो गयी. मैं एग्जाम की तैयारी मैं लग गया. हमारे फिजिक्स के एग्जाम के बीच चार दिन की छुट्टियां थी. प्रियंका को फिज़िक्स में कुछ प्रॉब्लम थी. इसलिये वो उसे समझने के लिए मेरे घर पर आ गयी.

उस दिन उसने टी-शर्ट और लोवर पहन रखा था. जिसमें वो एक दम मस्त लग रही थी. उसके बड़े – बड़े बूब्स टी-शर्ट में से निकलने को बेताब हो रहे थे. इन्हें देख कर मैंने सोचा कि अभी पकड़ कर चूसने लग जाऊं लेकिन सभी लोग घर पर ही थे.

फिर उसने मुझे प्रॉब्लम प्रॉब्लम बताई और मैंने प्रॉब्लम सॉल्व करके उसे समझा दिया. फिर हम दोनों साथ मिलकर पढ़ने लगे. हम कुछ देर पढ़ते रहे. फिर वो घर चली गयी. उस रात मैं उसके बारे में ही सोचता रहा. फिर अगले दो दिन वो पढ़ने के लिए मेरे घर पर आती रही लेकिन घर पर सबके होने की वजह से मैं कुछ नहीं कर सकता था.

अगले दिन मेरे घर वालों को एक शादी में जाना था. मेरा एग्जाम था इसलिए मैं शादी में नहीं जा सकता था तो मैं घर पर मेरे दादाजी के साथ रुक गया. दोपहर को दादा जी नीचे वाले कमरे में जाकर सो गए.

कुछ देर बाद प्रियंका मेरे घर पर पढ़ने के लिए आ गयी. आज उसने लाल रंग का टॉप पहना हुआ था और नीले रंग की जीन्स जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. उस समय मैं उसके बूब्स देखने लगा. जिन पर मेरी नजर जम गयी थी. तभी उसने पूछा कि क्या हुआ तो मैंने कहा कुछ नहीं.

फिर उसने पूछा कि घर के सभी लोग कहां गए? तो मैंने उसको बताया कि सब शादी में गए हुए हैं. फिर हम ऊपर के कमरे में जाकर पढ़ने लगे. वो मेरे सामने बैठी थी ऐसे में मेरा मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था.

मैं उसके बूब्स की तरफ देख रहा था. मेरे मन में उसको चोदने के ख्याल आने लगे थे. बीच – बीच में मैं बहाने से उसके बूब्स को छू देता था. इस पर वो कुछ नहीं कह रही थी. मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैंने एक – दो बार उसके बूब्स को और छू दिया. इस बार भी उसने कुछ नहीं कहा.

फिर कुछ देर बाद हम टीवी देखने लगे. टीवी में मैंने एक इंग्लिश मूवी लगा दी. उसमें एक सीन चल रहा था, जिसमें एक जोड़ा एक – दूसरे को किस कर रहा था. उसको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. प्रियंका ये सब देख रही थी. वो भी मूवी को देख कर गरम हो रही थी.

अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं प्रियंका को पकड़ कर चूमने लगा. शुरू में तो उसने इसका विरोध किया लेकिन फिर भी जब मैंने उसको नहीं छोड़ा तो कुछ देर बाद वो मेरा साथ देने लगी. अब हम एक – दूसरे को लगभग दस मिनट तक चूमते रहे. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूसने लगा.

अब उसको भी मजा आ रहा था और उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी. फिर मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. जिनमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. अब उसने मुझे भी मेरे कपड़े उतारने को कहा.

अब मैंने भी कपड़े उतार दिए और उसकी ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया. अब हम दोनों अब बिलकुल नंगे थे. उस दिन मैंने नंगी लड़की पहली बार देखी थी. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. शायद उसने एक – दो दिन पहले ही साफ़ किये थे. उसकी चूत बहुत ही गजब लग रही थी.

फिर मैंने उसको मेरा लंड चूसने को कहा तो वो मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी. जिसमें मुझे बहुत मजा आ रहा था. उसकी चुसाई से कुछ देर में मेरा वीर्य निकल गया और वो सारा का सारा माल पी गयी.

अब मैं उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को चूसने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था. अब प्रियंका भी काफी उत्तेजित हो गयी थी और बार – बार चिल्ला रही थी, “बस अब और नहीं रहा जाता डाल दो और अब फाड़ डालो मेरी चूत को”.

अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. वो मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं उसकी चूत की कलियों को जीभ से छेड़ने लगा. वो एकदम उत्तेजित थी और मुंह से ‘आह उह्ह आह’ की आवाजें निकालने लगी थी.

मैं पांच मिनट तक उसकी चूत को चाटता रहा. फिर उसकी चूत से पानी निकलने लगा. जिसे मैं सारा का सारा पी गया. वो बहुत नमकीन था. अब उससे रहा नहीं जा रहा था तो वो मुझसे लन्ड डालने के लिए कहने लगी.

अब मैं उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और धक्का दे दिया. जिससे मेरा लंड फिसल गया. फिर मैंने उसकी चूत पर क्रीम लगाई और एक बार फिर से धक्का लगाया, जिससे मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया. जिससे वो चिल्लाने लगी.

अब उसकी चूत से खून निकलने लगा था और उसकी आखों में से आँसू निकलने लगे थे. वो दर्द से कराह रही थी और मुझे बाहर निकालने को कहने लगी. फिर मैंने उसे समझाया कि पहली बार में थोडा दर्द होता है, थोड़ी देर में तुम्हें भी मजा आएगा.

अब मैं उसके एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे बूब्स को दबाने लगा. कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने एक और झटका मारा. जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया. अब उसकी आखों से आँसू निकल रहे थेे तो मैं उसके होंठों को चूमने लगा और जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं लंड को धीरे – धीरे आगे – पीछे करने लगा.

अब वो मेरा साथ देने लगी. उसे भी मजा आ रहा था और उसके मुंह से कामुक आवाजें निकल रही थी. वो ‘आह उह आह उह्ह’ कर रही थी. अब वो जोर – जोर से चिल्लाने लगी थी और कह रही थी, ‘चोद डालो मुझे, फाड़ डालो मेरी चूत को’. अब मैं जोर – जोर से लंड आगे – पीछे करने लगा. उसे मजा भी आ रहा था.

मैं दस मिनट तक उसे चोदता रहा. इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. अब मैं झडने वाला था तो मैंने उससे कहा कि मैं आने वाला हूँ तो उसने कहा कि अंदर ही निकाल दो. अब मैंने जोर – जोर से लंड को आगे – पीछे करना शुरू कर दिया और उसकी चूत में ही सारा माल निकाल दिया.

इसके बाद हम कुछ देर यूं ही नंगे ही लेटे रहे. फिर हमने बाथरूम में जाकर अपने जननांग साफ किये. वहां से निकल कर हम फिर कुछ देर तक एक – दूसरे के अंगो से खेलते रहे. इसके बाद हमने कपड़े पहने और एक – दूसरे को चूमने लगे. कुछ देर बाद प्रियंका अपने घर चली गयी.

उस दिन मैं बहुत खुश था. इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई जरूर करते थे. इसके बाद मैंने उसकी बहन को कैसे चोदा ये मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा.

आपको मेरी कहानी कैसे लगी? आप अपने विचार मुझे विचार जरूर मेल करें. मेरी मेल आईडी – rahulnirban69@gmail.com

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Friday, May 25, 2018

Thursday, May 24, 2018

Wednesday, May 23, 2018

पति की रांड भाग – 4

फिर मैंने उनके गाँड पर आइसक्रीम लगाई और चाटना शुरू कर दिया. मैंने अपनी एक उंगली उनके गाँड के छेद में डाली और अंदर तक आइसक्रीम डाल दिया. फिर मैंने पूछा कैसा लग रहा है? तो वो बोले कि पूछ मत बस अब चाट ले…

इस कहानी का पिछला भाग – पति की रांड भाग – 3

जब मैं पतिदेव के साइड आर्म्स चाट चुकी तो थोड़ा हिल कर बगल हो गयी. मेरी नाक कुछ – कुछ जलने सी लगी थी. कुछ देर बाद पतिदेव बोले, “रण्डी जाओ और कैंची लेकर आओ”.

अब मैं सोच में पड़ गयी कि पता नहीं अब ये क्या करेंगे?
खैर, मैं कैंची लाने के लिए गयी और कैची लाकर उन्हें दे दी. पहले वो कैंची को थोड़ी देर हवा में इधर – उधर चलाते रहे, फिर उसके बाद बोले, “अब जल्दी से कुतिया बन जा”.

उनका कहना बस था कि मैं कुतिया बन गई. फिर उन्होंने मेरे एक निप्पल को ब्लाउज के ऊपर से पकड़ लिया और उसे मसलने लगे. फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरे निप्पल के आगे जो ब्लाउज का हिस्सा था, उसे खींच लेते हैं और ब्लाउज के उस हिस्से को कैंची से काट देते है.

अब मेरा निप्पल ब्लाउज से बाहर निकल जाता है. फिर वही हाल वो दूसरे निप्पल के ऊपर वाले ब्लाउज के साथ भी करते हैं. दूसरे निप्पल के ऊपर का ब्लाउज काटने के बाद वो बोले, “कुतिया के निप्पल्स तो कड़े हो रहें हैं.”

यह सुन कर मैं काफी उत्तेजित हो गई और बोली, “कुतिया को कुतिया की तरह ही जल्दी से चोद दो न, प्लीज!” यह सुन कर वो बोले, “अभी तो बहुत कुछ बाकी है, मेरी जान रुको तो सही.”

मेरे पति बॉक्सर पहने हुए थे. अब वो जाकर कुर्सी पर बैठे गए और मैं कुतिया बनी उनके पैरों के पास बैठी थी. तभी वो बोले, “मेरे पैंट को खोलो”. मैंने तुरन्त ही उनका पैंट खोल दिया. उनका लंड खड़ा था. अब उन्होंने मुझे आइसक्रीम देते हुए बोले, “कुतिया, ये आइसक्रीम और अब इसे मेरे लंड के ऊपर और आस – पास लगाओ.”

यह सुन कर मैं खुश हो गई. मैं समझ गयी थी कि अब मुझे लौड़ा चूसने को मिलेगा. अब मैंने बड़ी तन्मयता से ढेर सारी आइसक्रीम लन्ड और उसके आस – पास लगा दी. मैंने लंड के चमड़े को पीछे करके बहुत आइसक्रीम वहाँ भी लगा दी थी.

इसके बाद मैं बड़े प्यार से कुतिया की तरह आइसक्रीम चाटने लगी, और मौके का फायदा उठा कर लौड़े को खूब चुभलाया भी. मैं आपको बताना चाहूंगी कि मैं पक्की लंड खोर हूँ. मैं अपने पति का लंड हमेशा बड़े खुशी से चूसती हूँ. चाहे साफ़ हो या गंदा हो, पसीने से लथपथ हो या मूत से सरोबार हो. मैं आपको अपना मूत्र प्रेम आगे बताउंगी.

अब मैं उनका लंड चाट रही थी और वो मेरे निप्पल्स जो कटे ब्लाउज के बाहर थे, उन्हें मसल रहे थे. थोड़ी देर बाद वो बोले, “रांड, थोड़ा रुको, मैं अभी आता हूँ.” ये कह कर अपना बॉक्सर पहन कर वो चले गए और मैं कुतिया बनी अभी भी जीभ चटका रही थी.

जल्दी ही वो वापस आ जाते हैं. उनके हाथ में कपड़े को सूखने के लिए फैलाते समय प्रयोग किया जाने वाला दो क्लिप था. दोनों क्लिप एक – दूसरे से रस्सी से बंधे थे. मैं फिर सोचने लगी कि पता नहीं अब ये क्या करेंगे! तभी उन्होंने दोनों क्लिप मेरे अकड़े हुए दोनों निप्पल्स में लगा दिया.

दर्द की वजह से मेरी आह निकल गई. मैंने कहा भी कि मुझे दर्द हो रहा है. तभी उन्होंने अपना लौड़ा निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया और बोले, “अभी भी दर्द हो रहा है?”

मैं बोली, “नहीं, अब दर्द नहीं है.” फिर उन्होंने दोनों क्लिप के बीच की रस्सी को खींचना शुरू किया. जिससे मेरे निप्पल्स में मीठा दर्द होने लगा था.

अब उन्होंने मेरे मुंह से लंड बाहर निकाल लिया और अपना पैंट खोलकर बेड पर उल्टा लेट गए और बोले मेरी गाँड़ में अच्छे से आइसक्रीम लगाओ. मैं समझ गई कि अब गाँड़ चाटना होगा. मेरा मुंह में पानी आ रहा था. तभी मैं बोली, “क्या मैं पानी पी सकती हूँ?” तो वो बोले, “रांड, पहले गाँड पर आइसक्रीम लगा और चाट.”

फिर मैंने उनके गाँड पर आइसक्रीम लगाई और चाटना शुरू कर दिया. मैंने अपनी एक उंगली उनके गाँड के छेद में डाली और अंदर तक आइसक्रीम डाल दिया. फिर मैंने पूछा कैसा लग रहा है? तो वो बोले कि पूछ मत बस अब चाट ले.

फिर मैंने पूरा केसर पिस्ता उनके गांड से चाट डाला. अब मैंने फिर कहा कि अब मुझे पानी पीना है और अब जल्दी से चुदवाना भी है, मेरी बुर लहर मार रही है. अब देर न करो अब जल्दी से चोद लो.

मैं अभी भी नीचे शार्ट में थी और ऊपर निप्पल पर क्लिप लगी थी. जिससे निपल्स में दर्द हो रहा था. अब मेरे पति ने मुझे देखा और फिर तरस खा कर निप्पल्स को आज़ाद कर दिया. क्लिप की वजह से मेरे बूब्स के निप्पल्स सूज कर बड़े हो गये थे.

फिर पति ने अपना शॉर्ट्स पहन लिया था और पूछा, “तो तुमको प्यास लगी है?” मैंने कहा, “हां बहुत तेज.” तो वो बोले, “ठीक है फिर बाथरूम के पास कुतिया की तरह चलो.” अब वो मेरा पट्टा खींच कर मुझे कुतिया की तरह चलाते हुए बाथरूम ले गए और फिर मुझसे बोले, “ऊपर की तरफ देखो?”

जब मैंने देखा तो उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरे चेहरे पर मूतना शुरू कर दिया. वो थोड़ी देर तक मेरे मुंह पर सुर्रर करके मूतते और फिर लंड को हाथों से दबा कर रोक लेते. उन्होंने अपने मूत से मेरे चेहरे को पूरा भिगो दिया था. फिर उन्होंने कहा, “चलो, अब अपना मुंह खोलो?”

अब मैंने मुंह खोला और उन्होंने सुर्रर करके थोड़ा सा मूत मेरे मुँह के अंदर कर दिया और बोले, “चल कुतिया अब इसे पी जा”. मूत मुंह के अन्दर आने से मैं भी अब पूरी सनसना गई थी. मेरे अन्दर की रंडी जाग गई थी. मैंने पहले मूत से गरारा किया फिर पूरा मूत पी गई.

आइसक्रीम मिला मूत का स्वाद कुछ अनोखा ही था. मेरा चेहरा अभी भी मूत से भीगा हुआ था और पति का लंड उनके हाथ से दबा था. जैसे वो मूत कन्ट्रोल कर रहे हों. तभी उन्होंने कहा, “अब थोड़ा चेहरा झुकाओ”. तो मैंने वैसा ही किया.

फिर वो थोड़ा आगे बढ़कर लंड बिल्कुल मेरे सर के ऊपर रखकर मेरे शैम्पू किये बालो में पेशाब करने लगे. पेशाब की गरम फुहारों से मेरे रोम – रोम में सनसनी और तेज हो गई थी. वो मेरे सर में मूत रहे थे और उनका अंडकोष ठीक मेरे नाक और मुँह के पास झूल रहा था. इसी बीच उन्होंने मेरी गर्दन को पीछे से खींच कर अपने अंडकोष को मेरे मुंह के अंदर डाल दिया. जिसे मैं सड़प – सड़प करके चूसने लगी.

उनका मूत मेरे बालों से नीचे की तरफ गिरते हुए मेरे मुंह और मेरी पीठ पर आ रहा था. मुंह पर आ रहे मूत को मैं चाट कर पी रही थी. अब उन्होंने मेरे मूत से भींगे बालों को मेरे चेहरे पे गिरा दिया और मूतना बन्द करके अपना लंड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया. मेरा मुँह मेरे अपने बालों से ढका था और बालों के बीच से उनका लंड मेरे मूँह में था जिसे मैं चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद उनके लन्ड ने मेरे मुंह में पानी छोड़ दिया. जिसे मैं सारा का सारा गटक गयी. अब उनका लन्ड सिकुड़ गया था और मेरे मुंह से बाहर निकलने लगा. तभी उन्होंने लन्ड को बाहर खींच कर अपना शॉर्ट्स पहन लिया. मैं चोदने के लिए विनती करने लगी लेकिन उन्होंने मना कर दिया. जिससे मैं थक हार कर बैठ गयी.

मेरी इस कहानी को पढ़ने के लिए आप लोगों का बहुत – बहुत धन्यवाद. मैं आपकी प्रतिक्रिया की बेहद बेसब्री से इंतज़ार करूंगी. आगे की कहानी मैं अगले भाग में आप लोगों की प्रतिक्रिया जानने के बाद बयान करूंगी. तब तक आप लोग मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल करके अपने बहुमूल्य सुझाव और सलाह देते रहें. मेरी ईमेल आईडी है –
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Tuesday, May 22, 2018

पति की रांड भाग – 3

फिर वो अपनी एक उंगली को मेरी गांड में डाल दिए और आइस क्रीम को और अंदर तक घुसा दिया. अब वो आइस क्रीम से मेरी गांड को धो रहे थे और अपनी उंगलियों को चाट रहे थे. फिर उन्होंने जीभ से मेरी गांड चाटना शुरू कर दिया. इतने में ही मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया, जो चम्मच के साइड से निकलने लगा…

इस कहानी का पिछला भाग – पति की रांड भाग – 2

अब उन्होंने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरी पैंटी उतार कर मेरी गांड चाटने लगे और गांड के छेद पर होंठ लगा कर उसे चूसने लगे. वे पूरा कुत्ते की तरह चाट रहे थे. फिर उन्होंने मुझे उल्टा घुमाकर मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया. जिससे मेरी गुलाबी चूत सिहर उठी.

वो चूत के अंदर अपनी जीभ डालकर चूत चाट रहे थे. अब मेरी चूत गीली होकर पानी छोड़ रही थी. तभी मैंने कहा, “जानू, प्लीज चोद न, अब नहीं रहा जा रहा है”.

वो बोले , “थोड़ा करो मेरी जान”! इतना बोल कर फिर वो फ्रीज़ से आइसक्रीम क्यूब निकाल कर ले आये और साथ में किचन से चमच्च भी ले आये. फिर वो बोले, “मेरी जान आज हम डर्टी सेक्स करेंगे और मैं तुम्हें अपनी कुतिया बनाऊंगा जो मेरी हर बात मानेगी”.

इतना बोलकर फिर उन्होंने मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरे दोनों मम्मों को जोर – जोर से दबाना शुरू कर दिया और इतना दबाया और रगड़ा कि मेरे बूब्स तन कर खड़े हो गए.

फिर उन्होंने चम्मच से आइसक्रीम निकाल कर मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया और पूरी एक कटोरी आइसक्रीम डाल दी. ठंड की वजह से मेरी चूत सिहर रही थी और वो मजे में चम्मच से चूत की आइसक्रीम निकाल कर खा रहे थे और कभी – कभी उंगली अन्दर डाल कर उसे भी चूस रहे थे.

मैं मैं बेड पर लेटी हुई थी. फिर उन्होंने मुझसे टांगें फैलाने को कहा. टांगें फैलाते ही उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में मेरी बुर से पानी निकलने लगा, जिसे वो पूरी तन्मयता से चाट गए.

फिर वो बोले, “पता है, तुम्हारी बुर का रस बड़ा ही जबरदस्त है”. फिर वो चम्मच को धीरे – धीरे मेरी चूत में डालने लगे और थोड़ा सा छोड़ कर पूरे चम्मच को मेरी बुर में डाल दिया और वो बोले, “कैसा लग रहा है मेरी रण्डी?”

मैं बोली, “बहुत अच्छा लग रहा है.”

अब वो बोले, “चलो अब पलटो और गांड दिखाओ.”

मैंने कहा, “चम्मच अन्दर है तो कैसे पलटूँ?”

तो पति बोले, “क्या बोली कहाँ है चम्मच?”

मैं बोली, “मेरी बुर के अंदर.”

यह सुन पति देव बोले, “तो ऐसा बोलो न कि चूत में चमच्च है. अभी रुको इसमें खीरा, गाजर सब जाएगा.”

मैं बोली, “ठीक है मालिक.”

अब मैं चूत में ही चम्मच लिए पलट गई. अब स्थिति ये थी कि वो मेरी गांड में दूसरे चम्मच से आइसक्रीम डाल रहे थे और उल्टा घूमने की वजह से मेरी चूत के अंदर का चमच्च गुदगुदी कर रहा था. अब मेरी चूत की ऐसी हालत हो गई थी कि मैं किसी से भी चुदवा सकती थी. बूढ़े, बच्चे, भिखारी, रिक्शे वाले , ठेलेवाले किसी से भी. यहां तक कि कुत्ते से भी. कुत्ते से मुझे याद आया तो मैंने पति से पूछा कि तुम मुझे कुत्ता बनाने वाले थे?

तो पति बोले, “पहले तुम्हारे गाँड़ की आइसक्रीम खा लूंगा उसके बाद”.

मैं बोली, “मेरी चूत में चमच्च है.”

तो पति बोले, “अभी चम्मच चूत में ही रहेगा, चलो अब अपने दोनों हाथों से अपने चूतड़ फैलाओ.”

यह सुनते ही मैंने अपने दोनों चूतड़ों को पकड़ कर जोर से इतना फैलाया की मेरी गाँड़ का छोटा सा छेद स्पष्ट रूप से मेरे पति को दिखने लगा.
अब पति बोले, “ऐसे ही फैलाये रखना.”

फिर उन्होंने अपने 16 मेगापिक्सल वाले मोबाइल कैमरा से मेरे गाँड़ की कई फ़ोटो खींच लिया और बोले, “अब मैं इन्टरनेट में तुम्हारी गाँड़ की बोली लगाकर पूछूँगा कि इसके लिए कितना पैसा दोगे.”

मैं बोला, “तो आप मेरी गाँड़ नहीं मारेंगे बल्कि दूसरे को मौका देंगे.” तो वो बोले, “अरे नहीं तुम्हारी गाँड तो सिर्फ मेरी है, मैं बस लोगों की राय लूंगा.” मेरी गाँड अभी भी फैली हुई थी, जिसमें वो गीली आइस क्रीम डाल रहे थे.

फिर वो अपनी एक उंगली को मेरी गांड में डाल दिए और आइस क्रीम को और अंदर तक घुसा दिया. अब वो आइस क्रीम से मेरी गांड को धो रहे थे और अपनी उंगलियों को चाट रहे थे. फिर उन्होंने जीभ से मेरी गांड चाटना शुरू कर दिया. इतने में ही मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया, जो चम्मच के साइड से निकलने लगा.

अब उन्होंने अपना मुंह मेरी चूत के पास ले जाकर जीभ से बुर का सारा रस चाट डाला. मेरी चूत में खूब खुजली हो रही थी. अब मैंने कहा, “चोदो अपनी रंडी को चोदो, और चोदो”. इतने में वो मेरी चूत से चम्मच निकाल कर उसे चाटने लगे और चाट कर साफ़ कर दिया. फिर उस चम्मच के पिछले भाग से मेरी गाँड को धीरे – धीरे सहलाते हुए, उसमें थोड़ा सा डालते हैं और गांड की आइसक्रीम गांड जीभ से चाटते हैं.

थोड़ी देर बाद पति बोले, “ठीक है, अब हम तुमको अपना कुतिया बनाएंगे.”

फिर वो मेरा लेगिंग्स को फाड़कर शार्ट पैंट बना देते हैं और बोलते हैं इसे पहनो. अब मेरे बूब्स पर ब्लाउज और नीचे शॉर्ट पैंट और आइसक्रीम से गीली चूत और गांड थी. फिर वो मेरे एक दुपट्टे को कुत्ते के पट्टे की तरह मेरी गर्दन में डालकर बोलते हैं. अब कुत्ता बनो और चलो. मैं जमीन पर चलने लगी.

फिर उन्होंने अपने हाथ की सारी उंगलियों में आइसक्रीम लगाई मुझे चाटने को बोला. अब मैं कुत्ते की तरह उनके हाथ को चाट के साफ करती हूँ. इसी बीच वो लंबे वाले स्केल से मेरी चूतड़ पर मारते हैं. मैं बोली, “आह, मारा क्यों?”

पति बोले, “अभी उंगलियों के बीच आइस क्रीम लगी है, चाट उसे कुतिया. अब मैं सुडप – सुडप करके सारी आइस क्रीम चाट जाती हूँ. पति बोले, “अब मुंह खोलो और जीभ बाहर निकालो”. मैं जैसे ही जीभ बाहर निकलती हूँ. वैसे ही वो मेरे जीभ में थूक देते हैं और उसे चाटने को बोलते हैं. मैं निगल जाती हूँ.

अब मैंने उनके बालों से भारी अंदर आर्म्स में आइसक्रीम लगाकर चाट जाती हूँ. तभी वो मेरा बाल पकड़ कर मेरे चेहरे को अपने कांख में रगड़ देते है. जिसमें मुझे मजा आ जाता है.

मेरी इस कहानी को पढ़ने के लिए आप लोगों का बहुत – बहुत धन्यवाद. मैं आपकी प्रतिक्रिया की बेहद बेसब्री से इंतज़ार करूंगी. आगे की कहानी मैं अगले भाग में आप लोगों की प्रतिक्रिया जानने के बाद बयान करूंगी. तब तक आप लोग मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल करके अपने बहुमूल्य सुझाव और सलाह देते रहें. मेरी ईमेल आईडी है –
pguta270@gmail.com

Monday, May 21, 2018

Sunday, May 20, 2018

शायद चुदासी थी मेरी ममेरी बहन

अब मैंने उसके पीछे जाकर लंड को उसकी चूत के छेद में लगाकर दबाया तो लंड बड़े आराम से अंदर चला गया. तभी वो बोली, “भैया, ऐसा लग रहा है कि यह अंदर कहीं टकरा रहा है.” लेकिन 2-3 आराम वाले झटकों के बाद अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो ‘आह! आह!’ की आवाजें निकालने लगी…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम यश है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 27 साल है और अभी मैं नौकरी करता हूँ. यह जो बात मैं आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वह काफी पुरानी है लेकिन है पूरी सच्ची.

यह उस समय की बात है जब मैं 11वीं में पढ़ता था. एक बार मैं ठंडी की छुट्टियों में मामा के घर गया था. जैसे ही मैं वहां पहुंचा तो सबसे पहले मुझे मेरे मामा की बड़ी बेटी दिखाई दी. उसको देखकर मैं पागल सा हो गया.

उसे देख मैंने उसी समय ठान लिया कि उसकी तो लेकर ही रहूँगा. अब मैं जरा आप सबको उसके बारे में बता दूं. उसका नाम रूही है और वो उस समय 10वीं में थी और वह 19 की उम्र की थी, लेकिन उसका शरीर पूरी तरह खिल चुका था.

जब मेरी नज़रें उससे मिलीं तो मैंने पाया कि वो भी मुझे चोरी-चोरी नज़रों से देख रही थी. अब मुझे लगा शायद वो भी वही चाहती है जो मैं चाहता हूँ. ठंड का मौसम था. रात हुई. वो और मैं एक साथ ही एक ही रजाई में घुस कर टीवी देखने लगे.

इस दौरान दोनों एक – दूसरे से चिपक कर बैठे थे. हम दोनों की जांघें आपस में चिपकी हुई थी. पहले मैंने रज़ाई के अंदर अपनी जांघ के ऊपर हाथ रखा और फिर धीरे – धीरे हाथ को खिसका कर उसकी जांघ तक पहुंच गया और उसकी जांघ को छूने लगा.

इतना करने पर भी वो कुछ नहीं बोली बस लगातार टीवी देखती रही. फिर मैंने धीरे – धीरे हाथ उसकी चूत के ऊपर ले जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा. तो उसने एक बार मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख कर मुझे रोकना चाहा लेकिन मैं नहीं रुका और मैंने उसका हाथ अपने लंड के उपर रख दिया और अपना हाथ उसके लोवर के अंदर डाल दिया.

फिर जब मैंने उसकी मुलायम चूत को छुआ तो पाया कि उसमें से पानी निकल रहा है. यह देख मैं समझ गया कि इसकी चूत भी लंड के लिए मचल रही है. फिर जैसे ही मैंने उसकी चूत के दाने को मसला, वैसे ही उसके हाथ में भी हरकत शुरू हो गयी और वो मेरे लंड को सहलाने लगी.

उस रात हमारे बीच उससे ज़्यादा कुछ नहीं हुआ, लेकिन अगले दिन घर पर सिर्फ़ वो और मैं ही थे, बाकी के सब लोग किसी काम से बाहर गये हुए थे और शाम तक वापस आने वाले थे. अब हम दोनों साथ बैठकर डीवीडी पर एक अँग्रेज़ी फिल्म देखने लगे.

अचानक उस फिल्म में एक चुदाई का सीन आ गया. मैं उसके पास ही बैठा था. उस सीन को देख कर और उसके पास होने की वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया. शायद वो भी चुदना चाहती थी, इसलिए उसने दोबारा से वही सीन लगा दिया. यह देख मैंने उसके मम्मों पर हाथ रख कर उनको जोर से दबा दिया. इससे उसके मुंह से ‘सस्स्सस्स….’ की आवाज निकल गयी.

फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और फिर हम दोनों एक – दूसरे के होंठों को चूसने लगे. करीब 15 मिनट तक होंठ चूसते – चूसते कब दोनों के कपड़े शरीर से अलग हो गये पता ही नहीं चला. अब मैं उसके मम्मे चूसने लगा और उसकी चूत को उंगली से रगड़ने लगा.

थोड़ी देर चूत चूसने के बाद मैंने उसे लंड चूसने को बोला तो उसने झट से मेरा पूरा लंड मुंह में ले लिया और सटासट चूसने लगी. फिर मैंने भी उसे उल्टा कर दिया और उसकी चूत पर अपने होंठ लगाकर उसकी चूत में जीभ डालने लगा.

उसे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको लेटाया और उसकी टांगों को खोला दिया. इसके बाद फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसकी चूत बहुत टाइट थी, इसलिए लन्ड अंदर डालने में काफी दिक्कत हो रही थी.

यह देख मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और थोड़ा सा उसकी चूत पर भी लगाया. जिससे वो बहुत मचल रही थी. अब मैंने लन्ड को चूत पर सेट करके हल्का सा दबाव डाला तो लंड झट से अंदर चला गया और वो दर्द की वजह से ऊपर को हो गयी.

अब मैंने एक बार फिर से कोशिश करके की सोच कर उसे ज़ोर से पकड़ लिया और एक झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने उसे बहुत ज़ोर से पकड़ा था, इसलिए वह छूट न पाई.

उसे काफी दर्द हो रहा था और चूत से खून भी निकल रहा था, इसलिए मैं लगातार उसे चूमे जा रहा था. फिर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों का शिकंजे में लेकर चूसने लगा. थोड़ी देर के बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने अपने शरीर को ढीला छोड़ना शुरू कर दिया.

अब एक बार फिर मैंने एक आखिरी झटका मारा और लंड को उसके चूत की जड़ तक पहुंचा दिया. इस बार वो दर्द की वजह से बिलबिला उठी. मुझे लगा कोई इसकी आवाज़ ना सुन ले तो मैंने जल्दी से उसके होंठ अपने होंठों में जकड़े और उन्हें चूसने लगा. इस वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं आ पाई.

अब मैं थोड़ी देर रुक गया. कुछ देर बाद वो फिर जोश में आने लगी और नीचे से अपनी कमर ऊपर की ओर उठाकर मेरे लंड पर ज़ोर लगाने लगी थी. अब मुझसे भी नहीं रहा गया तो मैं भी लंड को अंदर – बाहर करने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने उससे घोड़ी बनने को बोला तो वो जल्दी से घोड़ी बन गयी.

अब मैंने उसके पीछे जाकर लंड को उसकी चूत के छेद में लगाकर दबाया तो लंड बड़े आराम से अंदर चला गया. तभी वो बोली, “भैया, ऐसा लग रहा है कि यह अंदर कहीं टकरा रहा है.” लेकिन 2-3 आराम वाले झटकों के बाद अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो ‘आह! आह!’ की आवाजें निकालने लगी.

अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था और वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैं एक दम उत्तेजित होकर उसे लगातार चोदे जा रहा था. थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा, “भैया, कुछ हो रहा है.” तो मैं समझ गया कि उसका पानी निकालने वाला है. अब मैं और जल्दी – जल्दी झटके मारने लगा.

करीब 10 -15 झटकों के बाद उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और फिर वह झड़ गयी. मैं भी उसकी चूत के गरम पानी की वजह से 20-25 झटके मारने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया.

अब थोड़ी देर तक हम यूं ही आराम से लेटे रहे और आधे घंटे बाद मैंने उसे दोबारा पकड़ लिया तो वो बोली, “भैया, अब रहने दो, कहीं कोई आ ना जाए.” लेकिन मैं नहीं माना. मेरे थोड़ा छेड़ने से थोड़ी देर में उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. अब मैं उसे उठा कर बाथरूम में ले गया और शॉवर खोल कर वहीं उसकी चुदाई शुरू कर दी.

अब वो पूरी तरह खुल चुकी थी तो बाथरूम में खूब उछल – उछल कर चुदवा रही थी. करीब आधे घंटे के बाद हम दोनों एक साथ फिर से झड़ गए. मैने इस बार भी अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया.

तो दोस्तों, अन्तर्वसना पर यह मेरी पहली कहानी है. इसमें अगर मुझसे कहीं कोई ग़लती हुई तो माफ़ कर देना. आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके ज़रूर बताना. मेरी मेल आईडी – prakartigraphics@gmail.com

Saturday, May 19, 2018

इश्क में धोखा भाग – 2

यह सुन कर हेमांगी एक दम शॉक्ड रह गयी. वो कुछ नहीं बोली. तभी मैंने फिर से बोलना शुरू किया. एक काम करो अब तुम उस लड़के से आखरी बार मिलो और एक दम नार्मल जैसे कि तुम्हें कुछ पता ही न हो और फिर उससे बोल दो कि मेरी शादी मेरे घरवालो ने तय कर दी है. इसलिए अब तुम मुझे भूल जाओ…

इस कहानी का पिछला भाग – इश्क में धोखा भाग – 1

अभी मैं कुछ और पूछने वाला था लेकिन उससे पहले ही हेमांगी उसकी तारीफ करने लगी और बोली, “जब आपने हमें देख ही लिया है तो यह भी देखा होगा कि वह कितने पैसे वाला है! उसके पास कितनी महंगी बाइक और कार है. यह सब आपने देखा ही होगा न? या यह सब आप देख ही नहीं पा रहे.

तब जाकर मैंने उससे कहा, “हेमांगी, जो मैंने देखा वह तुमने नहीं देखा है”. इस पर हेमांगी थोड़ा चौंकते हुए बोली, “मतलब?” मैंने कहा मैं तुम्हें समझाता हूँ. अब मैंने बोलना शुरू किया. देखो, उसने तुमसे एक बात भी सही नहीं कही है. उसकी जाति तो छोड़ो, वह ऐसे एरिया में रहता है जहां के अधिकतर लोग गंदे और मारधाड़ करने वाले हैं.

उसने तुमसे बोला है कि उसके पापा का लोखंड का बिजनेस है. यहाँ भी उसने झूठ ही बोला है, उसका लोखंड का नहीं भंगार का काम है. उसने तुमसे बोला है कि उसके पास महँगी बाइक है लेकिन सच यह है कि वह बाइक उसकी नहीं है. वह किसी गेरेज में काम करता है और वह बाइक उसके मालिक की है.

अच्छा, बाकी की और बातें छोड़ो सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि वह शादीशुदा है. यह सुन कर हेमांगी की आँखें फटी की फटी रह गईं. अब मैंने आगे बोलना शुरू किया. मैंने कहा और उसकी एक बेटी भी है. चूंकि अब उसकी बीवी बच्चा नहीं दे सकती इसलिए वह दूसरी शादी करने चला है और इसके लिए उसने तुम्हें फंसाया है. अब बताओ किसने क्या देखा?

यह सुन कर हेमांगी एक दम शॉक्ड रह गयी. वो कुछ नहीं बोली. तभी मैंने फिर से बोलना शुरू किया. एक काम करो अब तुम उस लड़के से आखरी बार मिलो और एक दम नार्मल जैसे कि तुम्हें कुछ पता ही न हो और फिर उससे बोल दो कि मेरी शादी मेरे घरवालो ने तय कर दी है. इसलिए अब तुम मुझे भूल जाओ.

अब हेमांगी बोली – नहीं, अब मैं कभी उसके सामने भी नहीं जाऊंगी.

मैं बोला – डरो मत, मैं उस समय तुम्हारे पीछे ही रहूंगा.

फिर तय के मुताबिक वह उस लड़के से मिली और फिर हेमांगी ने उससे सब बता दिया. यह सुन प्रिंस (उसे लड़के का नाम) बोला, “न न, ऐसा नहीं हो सकता, अगर तुमने कहीं और शादी की तो मैं तुम्हारी ज़िन्दगी बर्बाद कर दूंगा.
मैं तेरे चेहरे पर एसिड फेक दूंगा, जिससे कोई तुझे अपनाएगा ही नहीं. या फिर मैं तेरी वीडियो क्लिप इन्टरनेट पर डाल दूंगा ऐसे में तू किसी को मुंह दिखने लायक ही नहीं रहेगी.

यह सुन कर हेमांगी डर गयी और उसे समझाने की कोशिश करने लगी. तब प्रिंस बोला, “पहले तुम सोच लो फिर आराम से बताना.” इसके बाद हम घर आ गये और इस मामले के बारे में सोचने लगे.

आंटी बोली, “तुम लोग कुछ भी करो पर मेरी बेटी को कुछ नहीं होना चाहिए.” हेमांगी भी उसकी बात से डरी हुई थी. तभी अंकल बोले कि पुलिस कम्प्लेन करते हैं. उनकी बात सुन कर बोला ऐसा करने पर हेमांगी और आप का नाम बदनाम होगा, उसके बारे में अपने कुछ सोचा है! अंकल कुछ नहीं बोले तो फिर मैंने कहा, “मेरे पास एक तरीका है, अगर वह काम कर गया तो ठीक वरना हम पुलिस में शिकायत कर देंगे.”

फिर मैंने हेमांगी को बुलाया और अकेले में उससे पूछा, “हेमांगी, क्या सच में उसके पास तुम्हारी चुदाई की क्लिप है?” तो हेमांगी बोली, “हां, हमने कई बार सेक्स किया है और कुछ पूरी की पूरी वीडियो उसके मोबाइल में है.” तब मैंने कहा, “ठीक है, यह प्लान थोड़ा लम्बा लेकिन काम कर सकता है. एक बार फिर तुम उससे वैसे ही मिलो जैसे तुम मिलती थी और उसे अपना फैसला बताओ कि तुम उससे ही शादी करना चाहती हो.”

फिर जब मैं बताऊंगा तब प्लान को अंजाम देंगे. हेमांगी अब फिर से उससे वैसे ही मिलने जाने लगी. कई दिनों तक यह सिलसिला चालू रहा, काफी दिनों बाद मैंने हैमांगी को बताया कि अब तुम उसे बताओ की तुम उसी से शादी करना चाहती हो लेकिन एक बाबा हैं जो हमारे पूजनीय हैं, शादी से पहले हम उन्हीं साधू के पास जायेंगे और उससे अपने भविष्य के बारे में पूछेंगे और शादी का सारा काम उनके मुताबिक़ ही होगा.

उस दिन हेमांगी ने सब प्लान के मुताबिक ही किया. मेरा एक दोस्त है उसकी पहचान का एक बन्दा मैजिशियन है. जब मैंने उसको अपना प्लान बताया तो वह तैयार हो गया. वह बाबा बन गया और मैं अपने दोस्त के साथ उसका चेला बना.

हेमांगी तय समय पर प्लान के मुताबिक प्रिंस को लेकर बाबा के पास आई और उन्होंने बाबा के पैर पकड़ लिए. अब प्लान के मुताबिक ही बाबा बने ज्योर्ज ने बोलना चालू किया, “बेटी, तुम्हारी शादी के बाद तेरे पति की मौत हो जाएगी. अगर तुम ऐसा नहीं चाहती हो तो अगली पूर्णिमा के दिन तुम दोनों आना हम यहां पर विधि पूर्वक पूजा करवाएंगे. ध्यान रहे पूजा विधि पूरी तरह संपन्न होनी चाहिए. उसके बाद तुम दोनों सुरक्षित हो जाओगे.”

यह सब बताते हुए ज्योर्ज ने 2-3 जादुई करामत भी दिखाई जिससे वह लड़का मान बैठा कि बाबा सच्चे हैं. फिर बाबा बने ज्योर्ज ने बोला, “अच्छा, ठीक है अब तुम दोनों जाओ.” जब वह चलने लगे तब ज्योर्ज ने प्रिंस को बुलाते हुए कहा, “ऐ लड़के, जरा इधर तो आ.”

वह आया और बोला, “जी बाबाजी.” ज्योर्ज ने कहा, “दो – दो शादी रचाएगा, अच्छा ठीक है जाओ, मुझे क्या लेना – देना जो मर्जी करो.” प्रिंस को अब पूरी तरह यकीन हो गया कि बाबा चमत्कारी है.

पूर्णिमा के दिन शाम को वह लोग आये और पूजा चालू हुई. अग्नि में आहुति दी जाने लगी. ज्योर्ज कुछ उल्टे – सुलटे मंत्र भी बोलने लगा. हम पूरी तरह केरेक्टर में घुसे हुए थे. कुल मिलाकर वहां का सब माहौल बड़ा चमत्कारी नज़र आ रहा था. अब ज्योर्ज बोला, “ऐ लड़के, अब पहली आहुति दी जाएगी. तुम्हारे पास सुख सुविधा की कोई भी चीज़ हो तो पहले उसकी आहुति दो.”

यह सुन प्रिंस बोला – मेरे पास तो अभी कुछ भी नहीं है.

ज्योर्ज – मूर्ख, तुम्हारे पास मोबाइल है, बाइक है, उसमें से कोई भी चीज की इस अग्नि में आहुति दे दो.

अब प्रिंस ने 1 मिनट सोचा कि वह बाइक तो मांगी हुई थी और महंगी भी. ऐसे में वह तो नहीं दे सकता था तो उसने अटकते – अटकते मोबाइल निकाला. उसे अटकते देख हेमांगी बोली, “डाल दो जान जल्दी से, तुम तो पैसे वाले हो ऐसे मोबाइल तो तुम फिर ले सकते हो.”

तभी ज्योर्ज चिल्ला कर बोला – सोच क्या रहा है मूर्ख, जो भी डालना है जल्दी डाल.

अब उसने अपना वह मोबाइल अग्नि में डाल दिया उसी मोबाइल में हेमांगी की वह क्लिप थी. वह भी जल गई. आगे काफी विधि के बाद ज्योर्ज ने बोला कि अब अंतिम आहुति दी जाएगी.

प्रिंस – अब क्या आहुति देनी होगी?

ज्योर्ज – तुम्हारा हाथ.

प्रिंस – क्या!

ज्योर्ज – हां, तुम्हारे दोनों हाथ में से कोई एक हाथ की आहुति देनी होगी. तुम सोच लो कि कौन सा हाथ ज्यादा उपयोगी है. वह रहने दो और दूसरा आहुति में डाल दो.

प्रिंस बोला – नहीं, मैं यह नहीं कर सकता.

हैमांगी(बनावटी आश्चर्य करते हुए)- क्या!

प्रिंस – जी, मैं नहीं कर सकता.

ज्योर्ज – मैंने पहले ही बताया था कि विधि संपन्न होनी चाहिए.

प्रिंस – मैं अपना हाथ नहीं दे सकता.

अब ज्योर्ज बोला – तुम इस लड़की से शादी करना चाहते हो ना?

प्रिंस – हां

तो ज्योर्ज बोला – शादी के बाद तुम्हारी मौत हो उससे तो अच्छा है कि तुम अपना एक हाथ दे दो.

अब घबराया प्रिंस एक दम से बोल पड़ा – मुझे नहीं करनी है ये विधि और ना ही तुमसे शादी करनी है.

अब हेमांगी (रोनी जैसी शक्ल बना कर) बोली – तुम मुझसे प्यार करते हो न?

प्रिंस बोला – हट कुत्ती, मैं तुमसे शादी करूंगा तब मरूँगा ना मुझे मरना थोड़े है.

हेमांगी बोली – तो जो तुमने बोला था कि तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो और मेरे लिए जान भी दे सकते हो वो?

प्रिंस बोला – तू भूल जा कि मैं तुझसे प्यार करता हूँ और फिर इतना बोल कर वह चलता बना.

हेमांगी भी पीछे कुछ दूर तक ड्रामा करती रही कि तुम ऐसा नहीं कर सकते. तुम ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकते. तुम मुझे धोखा दे रहे हो. लेकिन उसने पलट कर उसे नहीं देखा और चलता बना.

फिर हम सबने अपना गेटअप उतरा और खूब हंसे. इसके बाद फिर मैंने उसके गैरेज के मालिक से संपर्क किया और उसे सब बताया. तब उसने उसे नौकरी से निकल दिया. फिर हमने हेमांगी की शादी कर दी और सब ठीक हो गया.

आज मैंने उसे फिर से देखा. वह भंगार का धंधा कर रहा है और उसकी बेटी बड़ी ही प्यारी है और अब कुछ आब्दी भी हो गई है.

इस कहानी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. ये झूठ और फरेब की दुनिया है. यहां कब, कौन आपको उल्लू बना कर अपके साथ सम्बन्ध स्थापित कर ले. यह ध्यान देना बहुत जरूरी है.

दोस्तों, मैं अपनी कहानी आप लोगों के द्वारा भेजे गए सुझाव पर लिखता हूँ. जैसा सुझाव आप लोग मेल करके मुझे देते हैं. उन्हीं सुझावों के आधार पर मैं अपनी कहानी तैयार करता हूँ ताकि कहानी आप लोगों को ज्यादा से ज्यादा पसंद आये. इसलिए मैं आप सब से आग्रह करता हूं कि इस कहानी पढ़ने के बाद अपने सुझाव मुझे मेल जरूर करें. आपके उन सुझावों पर भी मैं जल्दी से कहानी तैयार करूँगा और वो आपके सामने होगी. मेरी मेल आईडी –
Neel.iamforlove@gmail.com

Friday, May 18, 2018

Thursday, May 17, 2018

पति की रांड भाग – 2

अब तक मेरी चूत गीली और निप्पल कड़े हो गये थे. फिर उन्होंने मेरे पूरे बदन को पानी से भिगो दिया और इसके बाद फिर मेरी पसंदीदा साबुन पियर्स को मेरे पूरे बदन पर लगाना शुरू कर दिया. अब वो मेरी चूचियों पर साबुन लगा रहे थे और मेरी चूचियां तनकर उनको चैलेंज दे रही थीं कि मुझे मसल डालो, रगड़ डालो, लेकिन वो आराम से साबुन लगा रहे थे…

इस कहानी का पिछला भाग – पति की रांड भाग – 1

कुछ दिनों बाद मेरे पति आ गए थे. एक दिन हम दोनों आज घर पर अकेले थे और उन्होंने आज कुछ खास ही प्लान कर रखा था. फिर वो बाजर गए और वहां से कुछ सामान खरीद कर लाये.

क्या लाये, ये मुझे नहीं बताया. फिर उन्होंने मुझे कहा कि आज मैं जो कुछ भी बोल रहा हूँ तुम्हें बस वैसे ही करना है. मुझे पता था आज वो कुछ ख़ास करेंगें, लेकिन क्या करेंगें इसका अंदाजा मुझे नहीं था. यही सोच – सोच कर मुझे मेरी चूत और चूची में बहुत खुजली और गांड में अजब तरह की सुरसुरी हो रही थी.

फिर सबसे पहले वे मुझे बाथरूम ले गए और अंदर जाकर उन्होंने मेरे सारे कपड़ें खोल दिए. इसके बाद फिर उन्होंने कहा कि आज हम अपनी आठवीं सालगिरह मनाएंगे.

फिर उन्होंने मेरे बालों के सारे क्लिप खोल डाले. इससे मेरे बाल बिखर गए और फिर उन्होंने मुझे नीचे बैठाया तथा उल्टा घुमा के मेरे बालों में पानी डालना शुरू कर दिया. इसके बाद बालों को अच्छे से गीला करके उन्होंने उनमें शैम्पू लगाया.

अब तक मेरी चूत गीली और निप्पल कड़े हो गये थे. फिर उन्होंने मेरे पूरे बदन को पानी से भिगो दिया और इसके बाद फिर मेरी पसंदीदा साबुन पियर्स को मेरे पूरे बदन पर लगाना शुरू कर दिया. अब वो मेरी चूचियों पर साबुन लगा रहे थे और मेरी चूचियां तनकर उनको चैलेंज दे रही थीं कि मुझे मसल डालो, रगड़ डालो, लेकिन वो आराम से साबुन लगा रहे थे.

फिर वो मेरे कांख (अंदर आर्म्स) में साबुन लगाने लगे और वहां पर जो बाल थे उसे रेजर से साफ करने लगे. उन्होंने मेरी दोनों कांख के सारे से बाल साफ कर दिए. इसके बाद वो साबुन से मेरे पेट और पीठ की सफाई करने लगे. पेट और पीठ की सफाई करने के बाद उन्होंने सीधे मेरे पैरों पर साबुन लगाकर दोनों पैरों को अच्छे से साफ कर दिया.

फिर बाथरूम में कपड़ा बिछाकर मुझे लेटने के लिए बोले. मेरी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी. जिस पर वे साबुन लगाने लगे. साबुन लगा कर उन्होंने फिर पानी से मेरी चूत को धोया और इसके बाद फिर से साबुन लगाकर रेजर से पूरे बाल साफ कर दिए.

अब उन्होंने मुझे उल्टा लेटने को कहा और फिर उन्होंने मेरी गांड में साबुन लगाना शुरू कर दिया और फिर रेजर से गांड के आस-पास के सारे बाल साफ कर दिए. फिर उन्होंने मुझे करवट लेटने को कहा और मेरी एक टांग उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और अब एक बार फिर उन्होंने मेरी चूत और गांड में साबुन लगाया. इस बार वो चूत के अंदर उंगली कर – कर के साबुन लगा रहे थे तथा जरूरत पड़ने पर रेजर से साफ भी कर रहे थे.

फिर वो मेरी गांड के अंदर अपनी छोटी वाली उंगली डालकर साबुन लगाने लगे और गांड के आस-पास के सारे बालों को उन्होंने साफ कर दिया. 31 साल में शायद पहली बार मेरी इतनी सफाई हो रही थी. इस बार उन्होंने मुझे नहलाते हुए कुछ फ़ोटो भी लिए.

फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अब तुम मेरी सफाई करोगी तो मैंने कहा कि तुम ऐसे ही मुझे बहुत अच्छे लगते हो. लेकिन वे नहीं माने और बोले कि नहीं, ये जरूरी है. फिर मैंने उनके बालों को शैम्पू किया और उनकी पीठ, पेट और पैरों पर भी साबुन लगाकर अच्छे से सफाई की.

फिर मैंने उनके लंड को पकड़ कर उसके आस-पास खूब साबुन लगाया. मेरे स्पर्श मात्र से उनका लंड तन कर खड़ा हो गया था. यह देख मुझे उसे चूसने का मन हुआ तो मैंने एक बार चूसने देने को कहा तो उन्होंने कहा, “अभी नहीं, बाद में”.

फिर मैंने रेजर से उनके लंड के सारे बाल साफ कर दिये. अब उन्होंने कहा पीछे का भी करना है. और यह कह कर फिर वो उल्टा लेट गए और मैं साबुन लगाकर पूरे उनके चूतड़ और उनके गांड की सफाई करने लगी.

अब मेरा उनकी गांड चाटने का मन हुआ तो मैंने फिर से आग्रह किया लेकिन उन्होंने समझाते हुए कहा कि मेरा लंड, गांड और ज़िस्म सब तुम्हारा ही तो है, लेकिन अभी मैं जैसा कह रहा हूँ तुम वैसा ही करो. फिर हम दोनों अच्छे से नहाकर बाहर निकल आये. बाहर निकलने के बाद उन्होंने तौलिये से मेरे पूरे बदन को पोछा और कहा कि अब शादी वाला जोड़ा पहन लो.

फिर मैंने उनसे कहा कि जब आप इतना किये हैं तो आज कपड़ा भी आप पहना दीजिये. फिर उन्होंने मुझे पहले पैंटी पहनाई और फिर बिना ब्रा के पहना कर, साया और फिर साड़ी पहना दी. अब मैंने उनके शरीर को पोछा और फिर उन्हें भी कपड़े पहना दिया. कपड़े पहनाते समय उनका लंड पूरा खड़ा था और अपनी साथी यानी मेरी योनि को निहार रहा था.

फिर उन्होंने बाजार से लाये गए सामानों में से फूलों का दो हार निकालकर एक मुझे दिया एक ख़ुद रखा लिया. अब हमने एक बार फिर एक – दूसरे को हार पहनाया तथा साथ रहने की कसमें खाई.

इसके बाद मेरे पति ने मुझे पलंग पर बिठाया तथा मेरा घूंघट उठा कर मेरे होंठों को किस करने लगे. फिर उन्होंने मेरे गाल पर किस करते हुए मेरे कान पर किस किया और इसके बाद उन्होंने मेरा साड़ी खोल कर उसे हटा दिया और साया भी खोल डाला. अब मैं सिर्फ ब्लाउज और पैंटी में थी.

फिर उन्होंने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरे पैर के तलवों को चाटना शुरू किया. अब वो धीरे – धीरे ऊपर की तरफ बढ़े और फिर मेरी पीठ को चाटने लगे. थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरी गर्दन को चाटते हुए मुझसे पूछा कैसा लग रहा है? तो मैंने कहा बहुत अच्छा लग रहा है!

फिर उन्होंने पूछा, “तुम कौन हो?” तो मैंने कहा, “आपकी दासी, आपकी रण्डी”. तो पति ने कहा, “क्या चाहती हो?” मैंने कहा, “मैं चाहती हूँ कि आप मुझे रण्डी की तरह चोदो, मेरी चूत फाड़ दो और मेरी गांड मार कर उसके छेद को इतना बड़ा कर दीजिए कि उसमें खीरा घुस जाए.

अब उन्होंने कहा, “आज मैं तुमको बहुत तरीके से चोदूंगा और तुम्हारी चूत में खीरा, गाजर, मूली, करेला सब डालूंगा. आज मैं तुम्हारी गांड की सुहागरात मनाऊंगा.

यह सुन कर मैं बहुत उत्तेजित हो गयी और बोली, “करिये न प्लीज, आपकी रांड तड़प रही है, चोदो मुझे, खूब चोदो, मैं आपकी दासी हूँ”. फिर थोड़ा रुक कर मैंने कहा, “आज मैं तुमको अपना कुत्ता बनाऊंगा, तुम तैयार हो?” तो उन्होंने कहा, “कुत्ता क्या! मैं तो सूअर बनने के लिए भी तैयार हूं. बस मैं जैसा बोलूं वैसा ही करना”. तो मैंने हां में सिर हिला दिया.

मेरी इस कहानी को पढ़ने के लिए आप लोगों का बहुत – बहुत धन्यवाद. मैं आपकी प्रतिक्रिया की बेहद बेसब्री से इंतज़ार करूंगी. आगे की कहानी मैं अगले भाग में आप लोगों की प्रतिक्रिया जानने के बाद बयान करूंगी. तब तक आप लोग मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल करके अपने बहुमूल्य सुझाव और सलाह देते रहें. मेरी ईमेल आईडी है –
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Wednesday, May 16, 2018

Tuesday, May 15, 2018

मामा के यहां मामी के सामने मौसी को चोदा

फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये. उसने लाल रंग कि ब्रा ओर पैंटी पहनी हुई थी. मैंने वो भी उतार दी. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. मैंने पहले उसके होंठ चूसे और फिर बुरी तरह छाती को चूसने लगा। वो ‘ऊ आ ओ ऊ आआ’ की आवाज कर रही थी…

नमस्कार दोस्तों, मैं एक फिर बार फिर आप लोगों के बीच अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. मुझे उम्मीद है कि आप इसे भी पसन्द करोगे. आप ने मेरी पिछली कहानी में लंड चुसवाने के बाद भाभी की चुदाई का मस्त मजा लिया. अब मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं.

ये कहानी पांच साल पहले की है. तब मैं बीए कर रहा था. गर्मी का समय था. मैं अपने मामा के यहां गया हुआ था. गर्मी की वजह से एक दिन खाना खाने के बाद मैं दोपहर के वक्त सो रहा था. जब मैं सोकर उठा तो मैंने वहां एक लड़की को देखा. मुझे लगा शायद कोई पड़ोस से है. लेकिन बाद में पता चला कि वो मेरी माँ कि दूर की बुआ की लड़की है. इस हिसाब से वो मेरी मौसी लग रही थी.

फिर मैं घर के अंदर आ गया. उस वक्त तक मेरे दिमाग में उसके बारे में कुछ भी गलत नहीं था. कुछ दिन बाद मैं फिर से मामा के यहां गया तो इस बार मुझे उसकी चाल – ढाल ठीक नहीं लगी. वो सारा दिन फोन पर ही लगी रहती थी.

जब मैंने उससे से पूछा कि किसका फोन आ रहा है तो उसने बेझिझक बता दिया कि उसे हमारे ताऊ का लड़का तंग करता है. चूंकि वो उस से फोन पर थोड़ी – बहुत बातें करती थी इसलिए अब वो इसके पीछे ही पड़ गया था और बोलता है कि मुझसे दोस्ती करो. तो वो राजी भी हो गई थी.

लेकिन यह जान कर अब मैंने बीच में अपनी टाँग अड़ा दी. वो मुझसे अब खुल कर अपनी बातें शेयर करती थी तो मैंने उसे अपने भाई के खिलाफ भड़का दिया और खुद उसे चोदने के सपने देखने लगा. क्योंकि शहर एक ही होने और काम की वजह से मेरा मामा के पास रोज ही आना जाना था. इसलिए मेरे पास अच्छा मौका था.

अब मैं आप लोगों को उस लड़की के बारे में बताता हूँ. वो दिखने सांवली सी और पतली सी थी लेकिन उसकी चूची 36 की रही होगी और बाहर निकली हुई उसकी गांड भी 36 की ही रही होगी. उसका फिगर 36-28-36 था. वो मस्त चूचों और गांड का कॉम्बो थी और उसका नाम जस्सी था. मामा के यहां वह कम्पूटर सीखने के लिए आई थी.

मेरे दिमाग बस में ये था कि कैसे भी मैं जल्द से जल्द उसकी चूत मार लूँ. आखिर एक दिन मैंने हिम्मत जुटा कर उसे प्रोपोज कर दिया तो उसने कोई जवाब नही दिया और बस मेरी तरफ ही देखती रही. यह देख मैं डर गया कि कहीं वह किसी को कह ना दे और फिर इसी डर के साये में मैं अपने घर आ गया.

लेकिन उसने किसी से नहीं कहा. शाम को मेरे पास उस का फोन आया और हम बातें करने लगे. लेकिन उसने उस बारे में कुछ नहीं कहा. बातें करते – करते मैंने एक बार फिर से पूछ ही लिया. वो फिर कुछ नहीं बोली. मेरे दो – तीन बार पूछने के बाद बोली कि चलो दोस्ती कर लूंगी मगर सेक्स नहीं. तो मैं बोला ठीक है और फिर फोन काट दिया.

फिर हम मिलने लगे. फिर एक दिन मैंने उसे किस कर दिया. लेकिन वो कुछ नहीं बोली. ऐसे ही एक महीना निकल गया. वो सेक्स के लिए मान ही नहीं रही थी. फिर मैंने उस पर दवाब डाला कि तुम ऐसे करोगी तो मैं तुम्हें छोड़ दूंगा. चूंकि वो सच्चे प्यार में पड़ गई थी इसलिए डर गई कि कहीं मैं उसे सच में न छोड़ ना दूं. फिर वह सेक्स के लिए मान गई. लेकिन दिन में हम नहीं मिल सकते थे क्योंकि वहां, बच्चे होते थे.

आखिर वो दिन आ ही गया कि मैं उसे चोद सकूं. मैं उस दिन रात को मामा के यहाँ ही रुक गया. जिससे मामी और बच्चे बेड पर सो गये और हम दोनों खाट पर. मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मेरा सेक्स पूरे उफान पर था और लंड भी उछल रहा था. बच्चों के सोते ही मुझसे नहीं रहा गया तो मैं उठ कर उस के पास आ गया. और उस पर जैसे कोई शिकारी अपने शिकार पर टूटता है वैसे ही टूट पड़ा.

लेकिन पहले तो बगल में मामी भी सो रही थी मगर गर्मी की वजह से फिर वो बाहर चली गई फिर बाहर ही लेट गई थीं. अब मैं जस्सी पर लगा था. मैं पागलों की तरह उसे किस कर रहा था और वो भी जोश में आकर अजीब आवाजें निकाल रही थी.

फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये. उसने लाल रंग कि ब्रा ओर पैंटी पहनी हुई थी. मैंने वो भी उतार दी. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. मैंने पहले उसके होंठ चूसे और फिर बुरी तरह छाती को चूसने लगा। वो ‘ऊ आ ओ ऊ आआ’ की आवाज कर रही थी.

फिर मैं धीरे – धीरे उसकी चूत पर पहुंचा और किस करने लगा. अब उस से रहा नहीं गया और मुंह से चीख निकल गई. जिससे मामी ऊठ गईं और बोली कि आराम से कर लो कोई पीछे थोड़े लगा है. यह सुन कर मैं बोला, “पहले तुम सो जाओ फिर बाद में बताएंगे कि कौन पीछे लगा है?”

अब मैं फिर चूत चूसने लगा. वो भी ऊछल कूद करने लगी थी और साथ ही बहुत बड़बड़ा रही थी. वो ‘फा फा फास्ट आ आ आ ऊ उ ए ऐ ओ आई आई’ कर रही थी. शायद उसका होने वाला था. ऐसे ही करते हुए वो मेरे मुंह पर ही झड़ गई.

अब मैं उठा और 69 की पोजीसन आ गया. पहले तो वो मुंह में नहीं ले रही लेकिन फिर मान गई. थोड़ी देर बाद वो फिर ‘ऊ आ ओ ऐ ए’ आवाज करने लगी. अब मेरा भी होने वाला था और वो भी अब मेरे लन्ड को ठीक ऐसे चूस रही जैसे कोई लोलीपोप हो जिसे वह खा ही जाएगी.

फिर वो मेरे और मैं उसके मुंह में झड़ गये. करीब फिर 10 मिनट बाद मैं फिर उठा उस पर टूट पड़ा. अब देरी ना करते हुए मैं उसकी टांगों के बीच गया और लन्ड को उसकी चूत पर रख कर जोर लगाया. लेकिन उस की चूत टाइट थी. क्योंकि यह पहला सेक्स था.

अब मैंने और जोर लगाया जिससे लन्ड थोड़ा अन्दर गया. लेकिन वो तड़प उठी. अब मैं कुछ देर रुका और कुछ देर बाद जब वो सही हो गई तो मैंने उसके कन्धों को पकड़ कर एक ही झटके पूरा लन्ड़ उसकी चूत में उतार दिया.

वो चीख उठी लेकिन उसकी चीख मेरे होंठों में ही दब कर रह गई. वो दर्द से कराह उठी और मुझे हटाने के लिए धक्के मारने लगी पर मैंने उसको नहीं छोड़ा. कुछ देर बाद फिर वो नॉर्मल हो गई. मैं अब धीरे से ऊपर – नीचे होने लगा.

अब उसे भी मजा आने लगा तो फिर वो भी ऊपर – नीचे होने लगी. अब मैं भी जोर से उसे चोदने लगा. वो भी पूरा साथ दे रही थी और ‘आ आ आ आ आ ओ ओ ऊ ऊ ऊ आ ए’ की आवाजें कर रही थी. ऐसे ही करते – करते 10-15 मिनट निकल गये.

अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी और मैं झड़ने वाला था तो मैं उसकी चूत में ही झड़ गया क्योंकि मैंने कंडोम पहना हुआ था इसलिए कोई खतरा नहीं था. फिर हम सीधे लेट गये. उस रात मैंने उसको खूब पेला और घोड़ी भी बनाया.

तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी ये बिल्कुल सच्ची घटना? मुझे मेल करके बताना जरूर. मेरी मेल आईडी – gurjantkabaddi7@gmail.com

Monday, May 14, 2018

Sunday, May 13, 2018

आंटी ने ब्रा का हुक बन्द करवाया

फिर आंटी मुझको किस करने लगी. अब मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड पर लेटा दिया. फिर मैं आंटी की पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा. आंटी मस्त हो गईं और मदमस्त आवाज़ निकालने लगीं…

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम करन है और मैं 22 साल का एक गबरू जवान लड़का हूँ. मैं दो साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. आज मैं आप सब के सामने अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ, उम्मीद है कि आप लोगों को यह कहानी पसंद आएगी और इस कहानी के अन्त में आप लोग अपना पानी निकालने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

दोस्तों, मेरी यह कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक आन्टी को मैंने किस तरह चोदा उस पर आधारित है. दरअसल हमने कुछ समय पहले ही अपना मकान बदला था. वहां पर कुछ ही समय में मेरी माँ की एक नई सहेली बन गई थी. उनका नाम सुनीता आंटी थी. फिर वो अक्सर मेरे घर आने लगी. आंटी हमेशा साड़ी ही पहनती थीं. मैंने उनके बारे में कभी कुछ गलत नहीं सोचा था.

मेरी माँ ने अपनी सहेली यानि कि आन्टी को बोल रखा था कि आप कोई भी काम हो तो बिना संकोच करन को बोल दिया करो, ये कर देगा. फिर क्या था सुनीता आंटी मुझसे हर एक – दो दिन में कुछ ना कुछ समान मंगाती रहती थी और इसी बहाने मैं भी उनके घर जाता रहता लेकिन मैं कभी भी उनके घर के अंदर नहीं जाता था, बाहर से उनको समान दे कर वापस चला आता था.

एक दिन आंटी ने मुझे कॉल किया और बोला, “करन, मेरे साथ तुम मार्केट चलो मुझको कुछ समान लेना है”. उन दिनों बारिश हो रही थी. मैं आंटी के घर के बाहर आया और उनको कॉल करके बताया कि आंटी मैं आ गया हूँ. आंटी बाहर आईं. उन्होंने लाल रंग की सिल्की साड़ी पहन रखी थी. लेकिन मैंने उन पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैंने आंटी के बारे में कभी भी गलत नहीं सोचा था.

फिर मैं आंटी को बाइक से लेकर मार्केट आया. आंटी ने कुछ घर का समान लिया और फिर आंटी एक शॉप में गयी. उस शॉप में पैंटी और ब्रा मिलता था. तो मैं शॉप के बाहर ही रुक गया.

यह देख आंटी बोली, “करन, क्या हुआ, बाहर क्यों खड़े हो?” मैं बोला, “आंटी, आप ही जाइए”. तो आंटी ने बोला, “चलो ना, कोई दिक्कत नही है”. फिर मैं आंटी के साथ अंदर चला गया. आंटी ने दुकानदार से कुछ पैंटी और ब्रा मंगवाई. आंटी का साइज़ 42 था. आंटी ने 3 पैंटी और ब्रा पसंद कर ली और हम घर जाने लगे.

तभी बारिश होने लगी. बारिश में आंटी और मैं थोड़ा भीग गये. फिर हम जैसे ही आंटी के घर पहुंचे वैसे ही बारिश तेज़ हो गयी. तो आंटी बोली, “करन, जल्दी अंदर चलो”. तो मैंने बाइक लगा दी और आंटी के पीछे – पीछे चला गया.

आंटी ने अपने घर का दरवाजा खोला और हम अंदर गये. उस दिन मैं पहली बार आंटी के घर के अंदर गया था. अंदर जाकर आंटी ने कहा, “करन, ये लो टॉवल और जल्दी से कपड़े उतार लो नहीं तो ठंड लग जायगी”.

तो मैं बोला, “कोई बात नहीं आंटी जी, मैं बारिश कम होते ही चला जाऊंगा”. तो आंटी ने कहा, “अरे करन, तुम्हारे कपड़े पूरी भीगे हुए हैं, ऐसे में तुम बीमार हो जाओगे”. अब मैंने आंटी की बात मान ली और कपड़े उतार कर टॉवल को पहन लिया. फिर आंटी भी अपनी ड्रेस चेंज करने अपने रूम में चली गयी.

आंटी जब वापस आई तो बहुत ही मस्त लग रही थीं. वे पिंक कलर की नाइटी में आईं और मेरे सामने आ कर बैठ गईं. फिर आंटी मुझसे बोली, “करन, तुम रुको तब तक मैं चाय बना कर लाती हूँ”. उस टाइम तक मेरे मन में आंटी के लिए कोई ग़लत विचार नहीं था.

फिर आंटी चाय लेकर आई और मेरे सामने आकर फिर से बैठ गयी. अब हम दोनों चाय पीने लगे. इसी बीच आंटी इधर – उधर की बातें करने लगी. जैसे उन्होंने पूछा कि करन, तुम क्या करते और क्या करना चाहते हो? जब चाय खत्म हो गई तो फिर आंटी कहने लगी, “करन, तुम रुको मैं ब्रा चेक कर लूं कि साइज़ सही है या नहीं, अगर सही नहीं होगा तो तुम चेंज कर लाना”.

फिर आंटी अंदर चली गयी और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझको आवाज़ लगाई, “करन, ज़रा अंदर आना”. तो मैं टॉवल में ही अंदर चला गया. अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गईं. अंदर आंटी सिर्फ पैंटी में थीं और ब्रा पहनने की कोशिश कर रही थीं.

मुझे देख आंटी बोली, “अंदर आ जाओ”. तो मैं हिम्मत करके अंदर गया तो आंटी बोली, “करन, ज़रा इसको पहनाना तो, मुझसे हुक नहीं लग रहा है”. तो मैं बोला, “आंटी में…” तो आंटी बोली, “तो क्या हुआ”! फिर मैं आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा. इस दौरान मैं चुपके – चुपके उनके मोटे बूब्स भी देख रहा था.

तभी आंटी ने मुझसे पूछा, “करन तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?” मैंने उनका कोई जवाब नहीं दिया और चुप रहा. तो आंटी फिर बोली, “बताओ ना करन, मैं किसी को नही बोलूंगी”. तो मैं बोला, “आंटी, ऐसी कोई बात नहीं है, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है”. तो आंटी बोलीं, “क्यों झूठ बोल रहा है”?

मैं बोला, “नहीं आंटी सच में कोई नहीं है, या यूं कहिए कि कोई मिली ही नही”. तो आंटी बोली, “तुमको किस तरह की लड़की चाहिए?” मैं बोला, “जो मुझको प्यार करे”. तो आंटी बोली, “हां, बिल्कुल सही है”. तब तक मैंने आंटी के ब्रा का हुक लगा दिया था.

अब आंटी मेरे सामने सीधी हो कर खड़ी हो गयी. उनके मोटे – मोटे बूब्स देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और टॉवल के ऊपर से साफ दिखने लगा. जिसे आंटी ने देख लिया. फिर आंटी एक दूसरी ब्रा की तरफ इशारा करते हुए मुझसे बोली, “करन, ज़रा वो वाली लाना जो बाद में है”. मैं उस दूसरी ब्रा को लेने चला गया. तब तक आंटी ने अपनी वो वाली ब्रा उतार दी और मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी में खड़ी हो गईं.

जब मैं ब्रा को उठा कर उनको देने के लिए मुड़ा तो उनको ऐसे देख कर मेरे दिमाग़ ने काम करना ही बन्द कर दिया था. और मैं वहीं का वहीं खड़ा रह गया.

यह देख आंटी बोली, “लाओ”. तो मैं उस ब्रा को लेकर आंटी के पास गया. अब आंटी बोली, “क्या हुआ करन? कभी किसी औरत को ऐसे नही देखा क्या”? तो मैं कहा, “नहीं आंटी”. फिर वो मेरे लंड की तरफ़ देख कर बोली, “ये क्या है”? मैं बोला, “आंटी कुछ नहीं”.

अब आंटी मेरे पास आ गईं और मेरे लंड को छूने लगी. उनके छूने से मैं पागल सा हो रहा था. फिर आंटी ने खींच कर मेरा टॉवल निकाल दिया. अब मैं सिर्फ अपने अंडर वियर में था. तो आंटी मेरे लंड को अंडर वियर के बाहर से ही हिलाने लगी. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और किस करने लगा.

तो आंटी बोली, “करन, काफ़ी टाइम से तेरे अंकल ने मुझको प्यार नहीं किया है, इसलिए मैंने ये सब किया क्योंकि अगर मैं तुझसे बोलती तो तू मुझसे बात भी नहीं करता क्योंकि तुमको मुझमें क्या मिलेगा?

तो मैं बोला – नहीं आंटी, ऐसी बात नहीं है. मैं आपको आज से बहुत प्यार करुगा.

फिर आंटी मुझको किस करने लगी. अब मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड पर लेटा दिया. फिर मैं आंटी की पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा. आंटी मस्त हो गईं और मदमस्त आवाज़ निकालने लगीं.

अब मैंने आंटी की पैंटी भी उतार दी. मैंने देखा कि आंटी की चूत में एक भी बाल नहीं हैं और उनकी चूत पूरी लाल थी.
तभी आंटी बोली, “मैंने आज ही साफ किया है, मुझे आज तुझसे जो मिलना था”. यह सुन कर मैंने कहा, “क्या बात है साली तुम तो बहुत होशियार हो”.

यह सुन कर वो हँसने लगी और मेरे लंड को आगे – पीछे करने लगी. उसके बूब्स चूसते – चूसते मैं उसकी नाभि को किस करने और चाटने लगा. उसने कहा, “अब अपनी आंटी को मत तड़पाओ, प्लीज़ अपना लंड डाल दो”.

फिर मैंने आंटी के पैरों को फैलाया और उनकी चूत में अपना लंड रख कर धीरे से अंदर डालना शुरू किया. इस दौरान मैंने एक झटका दिया. उस झटके की वजह से आंटी की चीख निकल गयी और फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली.

आंटी लगातार आहें भर रही थी और मैं लन्ड को फुल स्पीड से उनकी चूत में अंदर – बाहर करता रहा. तभी आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया लेकिन मेरी स्पीड चल रही थी. 10 मिनट के बाद अब मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने पूछा, “आंटी, कहां निकालूँ?” तो वो बोली, “बाहर निकाल दो”.

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और अपना सारा माल आंटी के ऊपर ही निकाल दिया. तो आंटी बोली, “अरे तूने अपनी आंटी को गन्दा कर दिया”. फिर मैंने कहा, “आंटी लो इसको चूसो ना”. तो आंटी बोली, “ये सब अच्छा नही होता”. तो मैंने थोड़ी ज़िद की लेकिन वो नहीं मानी. फिर मैंने अपने लंड को जबरदस्ती उसके मुंह के अंदर डाल दिया और उनको चूसने को कहा. लेकिन वो फिर भी मना करने लगी. तो मैंने कहा, “मतलब आंटी आप मुझसे प्यार नहीं करती?”

तब आंटी ने कहा, “नहीं ऐसा नहीं है, चलो अच्छा मैं तुम्हारा लंड चूसती हूँ”. और फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी. फिर उन्होंने चाट – चाट कर मेरे लन्ड को पूरा साफ कर दिया और कहने लगी, “तुम सबको इस में क्या मज़ा आता है?”

अब थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से तैयार होने लगा और आंटी अपने आपको साफ करने बाथरूम में चली गईं. जब आंटी साफ होकर बाहर आई तो मैंने कहा, “आंटी, अभी और करें?” तो आंटी ने कहा, “हाँ, क्यों नहीं?”

अब मैं फिर से आंटी को किस करने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा. फिर मैने आंटी की चूत में एक बार फिर से अपने लंड को रखा और फिर से एक झटका मारा और अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया और अंदर – बाहर करने लगा. इस बार आंटी को ज्यादा मज़ा आ रहा रहा था तो वो अपनी कमर ऊपर – नीचे करने लगी और मैं झटके मारता रहा.

फिर मैंने आंटी को अपने ऊपर बैठाया और वो मेरे लंड पर बैठ कर ऊपर – नीचे होने लगी. ये सब करीब 15 मिनट तक चलता रहा. फिर मैंने आंटी को एक टेबल के ऊपर बैठाया और उन की चूत मैं अपना लंड डाल कर शॉट मारने लगा. इसमें हमें काफी मज़ा आ रहा था.

करीब 30 मिनट के बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने आंटी के अंदर ही छोड़ दिया. यह देख आंटी बोली, “करन, ये क्या किया तूने?” तो मैंने कहा, “आंटी, इसका असली मज़ा अंदर ही है”. तो वो बोली, “तू बहुत बदमाश है, अच्छा चल हट मेरे उपर से”. फिर मैं आंटी के ऊपर ही लेट गया और बोला, “आंटी, रूको ना ज़रा किस तो करने दो”.

फिर मैं आंटी के बूब्स चूसता रहा और आंटी के साथ ही थोड़ी देर के लिए सो गया. जब मैं उठा तो उस समय शाम के 5 बज गये थे पर मेरा मन घर जाने को नहीं कर रहा था. तो आंटी बोली, “घर नहीं जाना क्या?” तो मैं बोला, “आंटी आप को छोड़ कर जाने का मन ही नहीं कर रहा है”.

अब आंटी बोली, “मन नहीं कर रहा है तो रुक जा अपनी आंटी के पास और उसे पूरी रात प्यार कर”. यह सुन कर मैं खुश हो गया. उसके बाद फिर रात भर मैंने आन्टी को कई अलग – अलग पोजीशन में चोदा लेकिन उसकी कहानी अगली बार.

तो दोस्तों मेरी यह पहली कहानी आप लोगों को कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – onlyfor44u@gmail.com

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