Saturday, June 30, 2018

मेरी सेक्सी मकान मालकिन

जैसे ही उनके सॉफ्ट बूब्स मुझसे टच होते तो मेरी तोप सलामी देने लगती. अब वो भी सब समझ गई और अब वो भी शायद मजे लेने लगी थी…

हेलो दोस्तों, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है. मैं काफी समय से यहां कहानियों का आनंद ले रहा था, तो मैंने सोचा कि अपनी भी कहानी का आप सब को लुत्फ़ उठाने का मौका दूं. इसीलिए मैं अपनी कहानी लिख रहा हूँ, उम्मीद है कि आप सबको पसंद आएगी.

मेरा नाम रोहन है और मैं ग्वालियर से हूँ, लेकिन फिलहाल इंदौर में रह रहा हूँ और इंदौर के एक नामी कॉलेज से एमबीए कर रहा हूँ. मेरी उम्र है 24 साल है. आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए अब कहानी पर आता हूँ.

बात है 2 साल पहले की है, जब मैं इंदौर में नया – नया आया था. यहां मैंने किराये पर एक कमरा लिया था. मकान मालिक की उम्र कम थी इसलिए उन्हें मैं भैया कह कर बुलाता था. उनका नाम मनोज था और उनकी मिसेज को मैं भाभी बुलाने लगा. उनका नाम साक्षी था और उनका 5 साल का एक बच्चा था.

यार, भाभी को देख कर इंसान सोचना ही बंद कर दे. वो इतनी मस्त थीं कि मैं जो भी बयां करूं वो भी बहुत कम ही होगा. उनका फिगर 34-30-36 था. कुल मिलाकर वो चलता फिरता बवाल थीं.

उनके साथ उनकी एक दोस्त भी आती थी. जिसका नाम रश्मि था. वो भी बहुत ही मस्त थी. शायद भगवान ने इन दोनों को बड़ी फुरसत से बनाया था, जिन्हें देखकर ही आदमी पर पागलपन छा जाता था. धीरे – धीरे भाभी से मेरी थोड़ी बहुत बात भी होने लगी थी.

वैसे मैंने आपको अपने बारे में तो अभी बता ही नहीं पाया. माफ़ करना दोस्तों, वो दोनों थीं ही ऐसी के कोई भी तारीफों में खो जाये. दोस्तों, मैं बहुत चूजी हूँ मुझे हर लड़की, भाभी या आंटी पसंद नहीं आती. मैं तो एक नम्बर माल को ही हाथ लगता हूँ.

मेरी लम्बाई 5 फुट और 10 इंच है. मैं दिखने में भी किसी से कम नहीं हूँ. तभी तो उन परियों का दिल मुझ पर आ गया था.

दोस्तों, भैया जॉब करते हैं. वो मॉर्निंग में ऑफिस चले जाते हैं और रात में 9 बजे के बाद ही आते हैं. मेरा रूम ऊपर था तो जब भी भाभी कपड़े डालने या उठाने आती तो मैं उस समय अपना सब काम छोड़ कर छत पर आ जाता और उनको देखता रहता. ऐसा बहुत दिनों तक चलता रहा.

एक दिन हवा की वजह से भाभी की पैंटी उड़कर मेरे गेट के सामने गिर गयी. जिसे मैंने देख लिया था, लेकिन तब भी भाभी के डर की वजह से उठाया नहीं था. शाम को जब भाभी कपड़े लेने आई, तब जैसे ही उन्होंने अपनी पैंटी जमीन पर देखी तो वो उठाने लगीं. उस समय मैं भी गेट के सामने ही बेठा था तो जैसे ही वो पैंटी उठाने को झुकीं वैसे ही उनकी नजर मेरे ऊपर पड़ गई और वो शरमा गयीं.

फिर वो मुझसे शर्माने लगीं और इसके बाद जब भी मेरी उनसे बात होती तो वो हंस देतीं और मुझे निगाहें चुराती रहती थीं. उनका बच्चा तो खेलने में लगा रहता और भईया जॉब से रात में आते तो उनसे जब भी बात होती तो वो अकेली ही होती थी.

उसको अकेले देख कर मन करता था कि पकड़ कर चोद दूं, लेकिन कुछ हो ही नहीं पता था. एक दिन मैंने भाभी से बोला कि भाभी, आप बहुत सुंदर हो, तो वो बोली कि मुझे पता है और हंसकर चली गयी. जाते समय उनके पिछवाड़े को देखकर मेरा दिमाग हिल गया. जब वह चलती थी तब उसको मजा ही आ जाता.

अब मैं उनको लाइन मारने लगा. मुझे ऐसा लगता था कि वो भी मुझमे इंटरेस्ट ले रही थी क्योंकि जब भी उनकी फ्रेंड आती तो वे दोनों मुझे देखकर हंसने लगती.

फिर एक दिन मैंने भी हिम्मत करके भाभी को आँख मार दी. इस पर भाभी मुझे गुस्से में देखकर चली गईं. तो मैं डर गया और सोचा कि कहीं भईया को न बोल दे. मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी.

एक भाभी को अपनी फ्रेंड के यहाँ दिन में खाने पर जाना था तो भैया ने बोला कि मैं उनको छोड़ दूं और मैंने उनको हॉ बोल दिया. जब भाभी तैयार होकर निकलीं तो उन्होंने एक ट्रांसपैरेंट रेड साड़ी पहन रखी थी. मैं तो कसम से उनको देखता ही रह गया. फिर भाभी मेरे पास आईं टैब जाकर मेरा अपना ध्यान आया.

फिर मैं अपनी बाइक से उनको लेकर निकल गया. रास्ते में मैंने भाभी को उस बात के लिए सॉरी बोला तो वो बोली, “कोई बात नहीं, ये उम्र ही ऐसी है. सब चलता है यार.” फिर मैं उनसे और फ्रैंक होने लगा और जानबूझ कर ब्रेक लगाने लगा.

जैसे ही उनके सॉफ्ट बूब्स मुझसे टच होते तो मेरी तोप सलामी देने लगती. अब वो भी सब समझ गई और अब वो भी शायद मजे लेने लगी थी.

जैसे ही हम उनके फ्रेंड के यहाँ पहुंचे तो मैं देखकर शॉक हो गया. ये तो वही आईटम थी. भाभी की बेस्ट फ्रेंड. फिर मैं वहां से निकल आया. अब मैं मौके की तलाश में था कि कब भाभी को पकड़ कर चोद दूं.

आखिरकार मुझे मौका मिल ही गया. भाभी जैसे ही शाम को कपड़े उठाने आई. मैंने उनको अपने रूम में बुलाया और गेट बंद कर दिया. अब भाभी डर गईं और बोली कि ये सब क्या हैं!

मैंने उनकी एक न सुनी और उनको पकड़ कर किस करने लगा. वो मेरा विरोध कर रही थीं. अब मैं उनके बूब्स को प्रेस करने लगा. दो ही मिनट के बाद भाभी शांत पड़ गयी और मेरा साथ देने लगीं. फिर मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया और जैसे ही उनकी काली ब्रा देखी मैं आउट ऑफ कंट्रोल हो गया और ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स चूसने लगा.

अब तक भाभी भी गरम हो चुकी थीं. फिर मैंने उनकी साड़ी उतार दी और फिर उनके पेटीकोट का नाड़ा खोला. नीचे उन्होंने काली ही पैंटी पहन रखी थी. अब मैं भाभी को ऊपर से नीचे तक चूमने लगा और अब भाभी ने आँखें बन्द कर ली और सिस्कारियां लेने लगी.

अब मैंने भाभी से बोला कि मेरे भी तो कपड़े उतारो तो वो हंसने लगीं और बैठ कर मेरे कपड़े उतारने लगी. फिर उन्होंने मेरी चड्डी उतारी और मेरे लण्ड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया. फिर मैंने उनको इशारा किया कि मुँह में ले लो तो उन्होंने मुंह में भी ले लिया और चूसने लगीं. उत्तेजना की वजह से मैं जल्दी ही निपट गया और वो मेरा सारा स्पर्म पी गयी.

जिसको चोदने के आप सपने देखते हो, वो आपका लन्ड मुँह में लिए हो तो पहली बार में कौन जल्दी नहीं निपटेगा. फिर हम दोनों एक – दूसरे को किस करने लगे. अब मैं तुरंत ही फिर से रेडी हो गया. अब भाभी ने अपनी टांगें चौड़ी करके मझे इशारा दे दिया.

मैंने एक ही झटके में पूरा का पूरा लन्ड अंदर डाल दिया. फिर काफी देर तक मैं और भाभी अपनी अलग ही दुनिया में थे. कमरे में बस चुदाई का ही माहौल था. कुछ देर की चुदाई के बाद मैं और भाभी दोनों साथ में ही झड़ गए. मैंने उनके अंदर ही अपना सारा लावा निकाल दिया.

फिर मैं मौका मिलने पर भाभी को रोज चोदने लगा. अब तो लगता था जैसे वो मेरी वाइफ हो. एक दिन भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे वो रूम खाली करना पड़ेगा, क्योंकि उनकी सास वहां रहने आ रही थीं. इतना बोल कर वो रोने लगी.

फिर भाभी ने बताया कि उनकी जो फ्रेंड है ना मस्त वाली, वो मुझे बहुत पसंद करती है. फिर भाभी ने मुझे उनके यहाँ रूम दिला दिया और में वहाँ शिफ्ट हो गया. अब जब भी मुझे मोका मिलता है, मैं भाभी से मिलता हूँ और फिर हम दोनों मज़े लेकर खूब चुदते-चुदाते हैं.

आप सबको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी-
ranumore395@gmail.com

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Friday, June 29, 2018

चुदासी थी मेरी पड़ोसन आंटी

फिर मैंने मजाक में ही कहा कि दूध तो गर्म है बस पीना बाकी है. इस पर आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया और मुस्कुराते हुए रसोई में चली गयी और थोड़ी देर में मेरे लिये दूध और अपने लिए कॉफी लेकर आईं और मेरे पास में वहीं सोफे पर बैठ गई…

नमस्ते दोस्तों, अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. इसे लिखने में कुछ गलती हो जाए तो माफ़ करना. दोस्तों, मेरा नाम मोनू है और मेरी उम्र 25 है.

बात 2 साल पुरानी है. मेरे घर के सामने एक आंटी रहती थी. जिसका नाम मानसी था. वह हमारे कालोनी में नई आईं थी. उसके पति का नाम धामू था और वह किसी फैक्ट्री में काम करता था.

जब से आंटी हमारे कालोनी में आई थीं, मैं उसे ही घूरता रहता था. जब कभी वो छत पर या बालकनी में या घर के बाहर दिखती तो मैं उन्हें घूरता रहता. ये बात आंटी ने नोटिस करना शुरू कर दिया था.

एक बार मैं बाजार किसी काम से गया था तो रास्ते में आंटी दिख गई. उनके हाथ में सामान से भरा भारी बैग था. यह देख मैंने सोचा कि यही एक रास्ता है आंटी से बात करने का. फिर मैं उनके पीछे चलने लगा.

कुछ दूर चलने के बाद आंटी ने पीछे मुड़ के देखा और मुझे देख कर एक स्माइल दे दी. फिर मैं उनके पास गया और जाकर पूछा कि क्या मैं आपकी कुछ हेल्प करूं. तो उन्होंने कहा कि आप का नाम क्या है?

मैंने उन्हें अपना नाम मोनू बताया. उन्होंने कहा कि ठीक है, यदि आप मेरी हेल्प करना चाहते हो तो ये सामान घर पर रखवा दो. मैंने कहा ठीक है और सामान उनके घर पर रखवा दिया. उसके बाद जैसे ही मैं जाने लगा तो आंटी ने कहा, “मोनू चाय पीकर जाना.” लेकिन मैंने मना कर दिया.

इस पर आंटी ने कहा, “मैं चाय में मिर्ची नहीं डालती.” मैं उनकी बात समझ गया और उनके दूध की तरफ देख कर कहा, “मैं सिर्फ दूध ही पीता हूं, चाय नहीं.” आंटी ने कहा, “ठीक है, मैं दूध गर्म करके लाती हूं.”

फिर मैंने मजाक में ही कहा कि दूध तो गर्म है बस पीना बाकी है. इस पर आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया और मुस्कुराते हुए रसोई में चली गयी और थोड़ी देर में मेरे लिये दूध और अपने लिए कॉफी लेकर आईं और मेरे पास में वहीं सोफे पर बैठ गई.

फिर आंटी ने कहा, “मोनू एक बात बता, तू मुझे हमेशा घूरता क्यों रहता है? मैं तुझे क्या भूतनी लगती हूँ?” मैंने आंटी से कहा, “नहीं आंटी, मैं आप को कहाँ घूरता हूँ, मैं तो बसस्स…” तभी अचानक एक दम से मेरे शब्द रुक गए.

इस पर आंटी बोली, “बता न क्यों घूरता है?” तो मैंने कहा कि ऐसे ही. फिर आंटी ने मुझे डरा कर कहा बताता है कि तेरे घर पर तेरी शिकायत करूं. तब मैंने डरते हुए कहा, “आंटी आप बहुत सुंदर हो.” तो आंटी ने कहा, “मैं कैसे सुन्दर लगी? जरा खुल के बोल न मोनू.”

मैंने कहा, “आंटी, आप के मुलायम और कोमल होंठ से लेकर 32 के दूध, 30 की कमर और 32 के हिप. कुल मिलाकर आप तो ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी कयामत हो.” तब आंटी ने कहा, “मोनू, तू मेरा एक काम करेगा?”

मैंने कहा, हां आंटी बोलिये. तो वो बोली, “आज अपनी इस आंटी की प्यास बुझा दे.” इतना कहकर आंटी ने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया. जिसे मैं पाने की सोच रहा था, आज वो हकीकत बन गया था. फिर मैं भी आंटी को चूमने लगा और धीरे से हाथ उनके दूध पर रखकर दबाने लगा.

आंटी पर प्यार की खुमारी चुकी हो चुकी थी. आंटी ने कहा, “मोनू यहाँ नहीं, रूम में चलते हैं.” फिर मैं उनके पीछे – पीछे उनके हिलते – डुलते हिप का मजा लेता रूम में चला गया. अंदर जाते ही आंटी ने फिर से मुझे किस करना शुरू कर दिया और मैं उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके दूध दबाने लगा.

फिर धीरे – धीरे मैंने आंटी का ब्लाउज उतारा दिया. उन्होंने क्रीम कलर की ब्रा पहन रखी थी. जो उनके ऊपर बहुत खूबसूरत लग रही थी. फिर मैंने उनकी ब्रा को उतार के एक दूध को पीने लगा. अब आंटी मेरा सर अपने दूध में दबा रही थी और मैं बदल – बदल कर उनके दूध को पीता और काटता रहा. इससे आंटी के मुंह से ‘आआआ हहहहहह ऊऊऊऊऊ ज्ज्ज्ज्ज’ जैसी आवाज निकाल रही थी.

फिर मैंने उनकी साड़ी भी उतार दी. ब्लैक रंग पैंटी के पीछे उनकी हसीन चूत थी. जिसके लिए मैं तड़प रहा था. फिर उनकी पैंटी को उनके बदन से अलग कर के मैं उनकी चूत चाटने लगा. अब आंटी ‘ऊऊऊ हहहहह हाहाहाहा’ की आवाज कर रही थी.

मेरी जीभ आंटी की चूत में जितनी जा सकती थी, उतनी अंदर करके मैं उनको मजा दे रहा था. तभी आंटी बोलीं, “मोनू ये क्या कर दिया तूने? आज तक मेरे पति भी ऐसा मजा नहीं दे पाए.” अब मैं और जोर से आंटी की चूत चाटने लगा.

अब आंटी बर्दाश्त नहीं कर पाई और आंटी ने पूरा पानी मेरे मुँह पर गिरा दिया. इस काम क्रिया में मैं और आंटी थक गए थे. फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं आंटी के ऊपर आकार उनको चोदने की तैयारी करने लगा.

तभी आंटी ने कहा, “मोनू, तेरा पहली बार है, फिर भी जैसे मुझे झड़ा दिया उससे लगता है कि तुझे बहुत अनुभव है. अब लंड को चूत के अंदर प्रवेश करा के मेरी अंदर की आग भी शांत कर दे मेरे राजा.” तो मैंने कहा, “आंटी, आज तो मैं तेरी चूत का भुर्ता बनाऊँगा, आज तुझे मालूम होगी कि चुदाई क्या होती है?”

इतना कह कर मैं चूत में लंड डालने लगा. मगर साला लंड अंदर जा ही नहीं रहा था और आंटी हँस रही थी. फिर आंटी ने कहा, “मेरे बुद्धू बालम, पहले तेरे लंड पर क्रीम लगा, फिर अंदर डालेगा तो जायेगा.”

अब मैंने अच्छी तरह से अपने लंड पर क्रीम लगाई और आंटी ने लंड को हाथ से पकड़ के चूत के मुँह पर रख दिया और कहा अब धक्के लगा. फिर मैंने एक जोर से धक्का लगाया. जिससे आंटी और मेरी दोनों की चीख निकल गई और मुझे लगा कि जैसे किसी ने जलता हुआ कोयला मेरे लन्ड पर रख दिया हो. मेरे मुंह से ‘आआआ’ की आवाज निकल रही थी.

जिस पर आंटी ने कहा, “मोनू, पहली बार में हर किसी को थोड़ा दर्द होता है, लेकिन फिर मजा ही मजा है.” फिर आंटी ने कहा, “अब धीरे – धीरे लंड को आगे – पीछे करो.” अब मैं आंटी की बात मानते हुए चूत में लंड आगे – पीछे करने लगा और आंटी ‘हहह ससस ऊऊ, मोनू और अंदर बेटा और अंदर’ करती रहीं.

चुदाई करते हुए मैं आंटी के दूध जोर से दबा देता. जिससे आंटी मस्ती की दुनिया में चली जातीं और हल्की सी आह भरतीं. फिर आंटी ने कहा, “मोनू और तेज कर और तेज.” इतना बोल कर वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुभने लगी.

तभी मुझे अपने लंड पर कुछ गर्म और गीला सा अहसास हुआ तो मैं समझ गया कि आंटी झड़ चुकी हैं. अब मैं गाड़ी की तरह तेज धक्के लगाने लगा और आंटी मुझे किस करते हुए कह रही थी, “आज मोनू तेरे साथ जो मजा आया है वो सबसे हसीन पल है मेरे लिए, आज तूने मुझे चुदाई का असली पाठ समझाया है.”

अब मैंने आंटी को कसकर पकड़ लिया और तेजी से धक्के लगाने लगा. इतने में मेरे अंदर हलचल हुई और मैंने आंटी की चूत में ही पानी निकाल दिया और उनके ऊपर लेट गया. थोड़ी देर बाद मैं उठा और कपड़े पहन कर घर आ गया.

इसके बाद तो जब तक आंटी हमारी कालोनी में रही, तब तक मैंने उनकी चूत का खूब बैंड बजाया. दोस्तों मेरी स्टोरी आप सबको कैसी लगी? मुझे मेल करके अपने विचार जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – smartmonu530@gmail.com

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Thursday, June 28, 2018

Wednesday, June 27, 2018

Tuesday, June 26, 2018

Monday, June 25, 2018

Sunday, June 24, 2018

Saturday, June 23, 2018

Friday, June 22, 2018

Thursday, June 21, 2018

जवान लड़की की सील तोड़ी

वो लगातार चिल्लाती रही तो मैं रुक गया और फिर अपने होंठ हटा लिए तो वो बोली कि बहुत दर्द हो रहा है. मुझे छोड़ दो मुझे तेरे साथ कुछ नहीं करना. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में चल गया और उसके मुँह से एक बार फिर जोरदार चीख निकल गई…

नमस्कार दोस्तों, मैं आपका अपना दोस्त अन्तर्वासना पर आप सभी का स्वागत करता हूँ. मेरी यह कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है. दोस्तों मेरा मेरा नाम पंकज (बदला हुआ) है और मैं सोनीपत का रहने वाला हूँ. मैं फिलहाल बी कॉम कर रहा हूँ और मेरी यह कहानी बिल्कुल सच्ची है. इसे पढ़कर आप अपने विचार जरूर प्रकट करें.

दोस्तों, मैं सोनीपत में रहकर दिल्ली पुलिस की कोचिंग कर रहा हूँ. हमारे कोचिंग सेंटर पर लड़कियां भी आती हैं. उनमें से एक लड़की मुझे बहुत अच्छी लगने लगी. जिसका नाम प्रियंका है. हर रोज हम क्लास में आते और जब मैं उसे देखता तो स्माइल पास कर देता. 1-2 दिन के बाद वह भी मेरी स्माइल का रिप्लाई देने लगी.

कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा. हमें क्लास करने दूर जाना होता था और वह हमारे घर के नजदीक ही रहती थी. एक दिन वह मुझे क्लास में मिली तो मैं बोला कि तू तो मेरे घर के पास से ही आती है तो मेरे साथ ही क्यों नहीं चली आती?

तो वह बोली कि चलो ठीक है, अब कल से साथ ही आते हैं. दोनों को कंपनी भी मिल जाएगी. मैं बोला कि तुझसे कॉन्टैक्ट कैसे करूँगा तो वह बोली कि मैं फ़ोन कर लूंगी. यह सुन कर मैं बोला कि फ़ोन किसके पास करेगी तो वो मज़ाक में बोली कि 100 नम्बर पर. तो मैं बोला कि अपना नम्बर दे दो तो उसने दे दिया.

उस दिन के बाद हमारी बातें होने लगी. एक दिन मैं बोला कि यार तुमसे मिलना था तो उसने मना कर दिया. फिर कुछ दिन बीत गए तो मैंने उससे बात करनी कम कर दी. जिससे वह समझ गयी. तो एक दिन मैं सुबह – सुबह ग्राउंड में फिजिकल की तैयारी के लिए गया हुआ था तो वहां पर उसका मैसेज आया कि पंकज अगर बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं.

मैं बोला – हां, बोलो.

तो वो बोली – आज रूम पर चलें क्या?

सच बोलूं तो यह सुन कर मेरे मन मे लड्डू फूट रहे थे, तो मैं बोला – ठीक है, मिलते हैं. फिर मैंने उसे कॉल किया और सारी बात समझा दी. अगले सुबह 9 बजे हम दोनों तैयार होकर घर से निकल गए.

हम अलग – अलग रास्ते होते हुए सोनीपत के ककरोई चौक पर मिले. उसके मिलने से पहले मैंने होटल निजार में एक कमरा बुक करवा लिया था. फिर हम दोनों होटल गए और होटल मैंने होटल में पैसे दिए, जिसके बाद हमें एक कमरा दिया गया. जब हम कमरे में गए तो मैंने उसको बोला कि मुझे सब कुछ देखना हैं तो वो शर्मा गयी.

फिर मैंने पहले अपने और फिर उसके सारे कपड़े निकाल दिए. अब फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर जोर – जोर से किस करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. तब तक मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दिया और अंदर – बाहर करने लगा.

अब उसके मुंह से सिसकिरियां निकल रही थी पर सारी की सारी मेरे मुंह तक ही सीमित थीं. अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपना लंड कच्छे से बाहर निकाला. जिसे देख कर वो डर गयी. क्योंकि मेरी हाइट की तरह ही मेरा लंड भी बड़ा था. दोस्तों, मेरी हाइट 6 फुट और 2 इंच है और शरीर हट्टा – कट्टा है. मेरे लन्ड का साइज 8 इंच है.

फिर जब मैं अपने लन्ड का टोपा उसकी चूत के मुंह पर रखने लगा तो मैंने देखा कि उसकी चूत एक बच्ची की तरह छोटी थी. यह देख मेरे भी मन में आया कि यार इतना बड़ा इसमें कैसे जाएगा? फिर मैंने थोड़ा थूक उसकी चूत और थोड़ा अपने लन्ड पर लगाया और हल्के से ध्क्का लगा दिया, लेकिन मेरा लन्ड अन्दर नहीं गया.

फिर मैंने थोड़ा और जोर से ध्क्का लगाया तो मेरा लन्ड उसकी चूत की दीवारों को फाड़ता हुआ थोड़ा सा अंदर चला गया. इतने में उसके मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई. जिससे मैं थोड़ा डर गया और मैंने झट से अपना लन्ड चूत से बाहर निकाल लिया और अपने फोन की टॉर्च ऑन करके देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था.

अब वो बोली कि क्या हुआ? तो मैं बोला कि कुछ नहीं हुआ. तुझे ऐसे ही दर्द हुआ होगा. फिर मैंने लन्ड पर थोड़ा और थूक लगाया और चूत पर रख कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा आधा लन्ड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख मेरे मुंह में ही दब कर रह गयी.

वो लगातार चिल्लाती रही तो मैं रुक गया और फिर अपने होंठ हटा लिए तो वो बोली कि बहुत दर्द हो रहा है. मुझे छोड़ दो मुझे तेरे साथ कुछ नहीं करना. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में चल गया और उसके मुँह से एक बार फिर जोरदार चीख निकल गई.

लेकिन फिर मैं कहाँ रुकने वाला था. अब मैं लगातार अपनी कमर को आगे – पीछे करने लगा. 2-3 मिनट तक मैं ऐसे ही लगा रहा तो इसी बीच मेरा छूट गया तो मैंने लन्ड बाहर निकाल लिया और देखा तो वो तब भी रो ही रही थी.

फिर मैंने उसे किस किया और चुप करा कर समझाया कि पहली बार ऐसा ही होता है. फिर 10-15 मिनट समझाने के बाद वह चुप हो गयी. इसके बाद मैंने दोबारा से अपना लन्ड उसकी चूत पर रखा और आधे से ज्यादा उसकी चूत में डाल कर आगे – पीछे करने लगा.

अबकी बार वह भी मेरा साथ दे रही थी और करीब 15 मिनट के बाद मैं फिर से झड़ चुका था. इन 15 मिनटों में अब तक वो भी 2 बार झड़ चुकी थी. उसके बाद मैंने आराम से उसकी चूत में लंड सेट करके उसकी चूची दबाई, किस किया और आराम से अपनी कमर आगे – पीछे करता रहा.

उस दिन मैंने उसके साथ 4 बार सेक्स किया, क्योंकि हमारे होटल के कमरे का टाइम सिर्फ 2 घण्टे का था. इतनी देर में ही एक होटल के वर्कर ने गेट नॉक किया और बोला कि भाई टाइम हो गया तो मैं बोला कि ठीक है, 15 मिनट में आ रहे हैं.

इतना कह कर हमने बाथरूम में जाकर साथ में सफाई की और बाहर कमरे में आकर कपड़े पहने और फिर कमरे से बाहर आ गए. बाहर आकर मैंने होटल से अपनी आईडी ली और चले गए. फिर हमने बाहर ही खाना खाया और अपने – अपने घर चले गए.

तो दोस्तों, कैसी लगी आपको मेरी कहानी? मुझे मेल करके अपने विचार जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – pankajjaji@gmail.com

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Wednesday, June 20, 2018

मैंने उसे चोदा जिसकी उम्मीद नहीं थी

नीचे भाभी और बाकी की औरतें बैठी गीत गा रही थीं. मैं दादी के पास बैठा था. तभी मेरी नजर भाभी पर गई. वो बहुत सुन्दर लग रही थीं. मैने सोचा कि मेरे लंड को चूत चाहिए तो भाभी को पटाने की कोशिश करता हूँ. पट गई तो खूब प्यार देगी…

हैलो दोस्तों, मैं राज रोहतक से हाजिर हूँ अपनी एक और कहानी लेकर. ये कहानी मेरे एक दोस्त की है. जिसे मैं उसी की जुबानी में पेश कर रहा हूँ. आप इसे पढ़िए और आन्नद लीजिए.

दोस्तों, मेरा नाम सोनू (काल्पनिक) है. आप सब भी जानते है कि पहचान छिपाना कितना आवश्यक है, लेकिन ये तो अच्छा है कि हम यहां बेझिझक अपनी बात शेयर कर सकते हैं.

मित्रों, कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सब को अपने बारे में कुछ बता दूं. मैं एक गांव का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 27 साल है. मेरे परिवार में माँ – बाप, दो भाई और एक बहन है. मेरे पिताजी एक किसान है और हमारे पास बस दो एकड़ जमीन है. उसी से हमारा गुजारा होता था. अब तो मेरे भाई को सरकारी नौकरी मिल गई तो सब काम ठीक होने लगे हैं.

मै आपको बता दूं कि अपने भाई – बहनों में मैं सबसे छोटा हूँ और अब जो आपको घटना बताने जा रहा हूँ, ये लगभग 3 वर्ष पुरानी है. अब आप लोग मेरी आपबीती का आन्नद लिजिए.

ये घटना मेरे पडो़स की एक औरत की है. जिसे हम भाभी कहते हैं. वह परिवार काफी बड़ा है. मतलब उसमें चार भाई हैं, जो अभी भी एक साथ रहते हैं. उनमें से तीन की शादी हो चुकी है और एक जो सबसे छोटा है, वो कुंवारा था और दिल्ली में पढ़ता था.

ये घटना मेरी और पडो़स की तीसरे नम्बर की भाभी के बीच की है. भाभी के घर में एक लड़की थी. वह उसके जेठ की लड़की थी. उसका नाम नीलू(काल्पनिक) था. अब तो उसकी भी शादी हो चुकी है, लेकिन उस दौरान हमारे घर में मेरी बहन की शादी की तैयारी चल रही थी.

नीलू मेरी बहन की दोस्त थी तो वो हमारे घर अक्सर आती रहती थी. लेकिन मैंने कभी नीलू के बारे में कुछ गलत नहीं सोचा था.

मैं बस पढता था और अन्तर्वासना की कहानी पढ़ कर मुठ भी बहुत मारता था. क्योंकि मेरी उम्र 24 की हो गई थी. इसके बाद भी मुझे चुत नहीं मिली थी. इसको मेरी किस्मत कहो या मेरी शर्म का कारण. क्योंकि जब आस – पास की कोई भाभी मजाक करती तो मैं शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पाता था.

बहन की शादी की तैयारी चल रही थी तो एक दिन माँ – पिताजी और भाई – बहन सभी लोग शादी का सामान लेने रोहतक चले गए और मुझसे कहा कि घर पर रहना और भैसों को समय पर पानी पिलाकर अन्दर बांध देना. इतना कह कर घर वाले सभी रोहतक चले गए.

उनके जाने के थोड़ी देर बाद मैंने सोचा कि आज नीचे के बाल साफ कर लेता हूँ और मुठ भी मार लूंगा तो मैंने अपने घर के सभी दरवाजे बन्द किए, लेकिन मेन गेट को बन्द करना ही भूल गया.

फिर मैं आगे वाले कमरे में गया और रेजर तथा एक प्लासटिक के बर्तन में पानी लेकर लन्ड के बाल साफ करने लगा. बाल बनाने के बाद मैं मुठ भी मारने लगा. तभी नीलू मेरी दीदी का नाम लेकर बाहर से ही आवाज देने लगी. उसकी आवाज सुन कर भी मैं चुप रहा कि जवाब न मिलने पर चली जाएगी और मैं मुठ मारता रहा.

तभी मेरी नजर दरवाजे की दरार पर गई. मुझे लगा कि कोई मुझे देख रहा है. यह देखते ही मेरा हाथ मुठ मारते – मारते वहीं रुक गया. फिर मैं जल्दी से उठा और अपनी अंडर वियर ऊपर कर ली. अब डर की वजह से मेरा लंड भी बैठ गया था. फिर मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि नीलू घर से बाहर की तरफ जा रही है.

यह देख कर मैं डर के मारे पसीना – पसीना हो गया. मुझे लगा अगर उसने किसी को बताया तो बहुत बेइज्जती होगी. फिर मैं पूरे दिन यही सोचता रहा कि मैं मेन गेट बन्द करना कैसे भूल गया. अब अगर उसने बताया तो क्या होगा!

शाम को घर वाले आए तो उनको देख कर नीलू भी आ गई. मैं डर के मारे इधर-उधर जाने लगा वो मुझे घूर कर देख रही थी. थोड़ी देर बाद फिर वो चली गई.

अब जब भी वो आती मैं वहां से हट जाता था. अब बहन की शादी में एक सप्ताह ही रह गया. हमारे गाँव में औरतों का गीत का कार्यक्रम होता है तो हमारे घर में भी अब एक सप्ताह शाम को यही कार्यक्रम होना था.

अब मैं आपको भाभी के बारे में बता दूं. वो दिखने में ठीक – ठाक हैं. वो ज्यादा गोरी तो नहीं हैं, लेकिन उनके शरीर की बनावट ऐसी है कि बहुत से लड़के मेरे सामने उनके बारे में बोलते थे कि एक बार मिल जाए तो ऐसे चोदूंगा, वैसा करूंगा. लेकिन मैं भाभी पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था. इसकी एक वजह हमारे परिवार के बीच के अच्छे सम्बंध थे.

वैसे भाभी मुझसे बहुत मजाक करती थीं. मैंने कभी भी उनको परेशान नहीं देखा. भाभी भी अब शाम को अन्य औरतों के साथ गीतों के कार्यक्रम में आने लगी और उनके साथ नीलू भी आ रही थी. अब शादी में केवल चार दिन रह गए थे तो हमारी बुआ दादी (दादा की बहन) भी आ गईं. उस दिन शाम को कार्यक्रम के दौरान मैं अपनी दादी के पास खाट पर बैठ गया.

नीचे भाभी और बाकी की औरतें बैठी गीत गा रही थीं. मैं दादी के पास बैठा था. तभी मेरी नजर भाभी पर गई. वो बहुत सुन्दर लग रही थीं. मैने सोचा कि मेरे लंड को चूत चाहिए तो भाभी को पटाने की कोशिश करता हूँ. पट गई तो खूब प्यार देगी.

अब मैं भाभी की ओर देखता रहता और दादी बुआ से बात भी करता रहता था. मैंने देखा कि भाभी भी मेरे देखने का जवाब दे रही थीं. फिर मैं सोचा कि यह मेरा वहम है. फिर राम का नाम लेकर मैं भाभी की ओर देख कर मुस्कराया
तो भाभी भी हँसी दी.

यह देख कर मैं उत्तेजना से भर गया. अब उत्तेजना मुझ पर चढ़ने लगी. मैं सब कुछ भूल गया और आखिरकार मैंने भाभी को आँख मार दी. इससे भाभी थोड़ी शर्मा गयी, लेकिन वो फिर से मेरी ओर देखने लगी.

अब मैंने सोचा, “मैं साला वैसे ही आज तक डरता रहा. अगर थोड़ा दिल खोल लेता तो मेरे आगे चूतों की लाइन लग जाती.” फिर मैंने भाभी को इशारा किया कि बाहर आ जाओ और मैं उठ कर बाहर आ गया. थोड़ी देर में भाभी भी बाहर आ गईं.

अब मैंने भाभी को उनकी छत पर जाने का इशारा किया और मैं अपनी छत पर आ गया. भाभी तो जैसे तैयार थीं. वो तुरन्त छत पर आ गयी और एक तरफ बैठ गईं. मैं भी चारों तरफ देख कर उनकी छत पर चला गया.

वहां पहुंच कर बिन बोले ही मैंने भाभी के गाल पर पप्पी ले ली. तो भाभी बोली, “बड़े बेशर्म हो तुम, इसी काम के लिए बुलाया थी.” तो मैंने कहा, “भाभी, मेरा मन कर रहा था. तुम बहुत सुन्दर हो इसलिए मैं खुद को रोक नहीं पाया.”

फिर भाभी हँसी और बैठे – बैठे ही मुझे सीने से लगा लिया.
फिर तो आप सब जानते ही हैं कि क्या होगा! लेकिन उस दिन मैंने छत पर कुछ ज्यादा नहीं किया. बस भाभी ने एक बार चूसा और मुठ मार कर मेरा लंड शांत कर दिया.

आप सोचते होंगे कि ऐसा मौका हाथ से क्यों निकाल दिया? चूत क्यों नहीं ली उसकी? मित्रों मेरा मानना है कि सेक्स के लिए मन और तन दोनों का तैयार होना चाहिए. उसके बाद हमारे सम्बंध बन गए और हमने खूब मजे किए. मैंने उसे शहर ले जाकर होटल के कमरे में भी चोदा और घर और मौका मिलने घर पर भी चोदा. लेकिन दूसरों की इज्ज़त का पूरा ध्यान रखते हुए, मैंने ये बात लीक नहीं होने दी.

मेरी कहानी आपको कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मुझे आपकी प्रतिक्रिया का इन्तजार रहेगा. मेरी मेल आईडी – sm115070@gmail.com और rajhooda48@gmail.com

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Tuesday, June 19, 2018

Monday, June 18, 2018

Sunday, June 17, 2018

घर आकर दोस्त की बहन खुद चुदी

अब उसकी सिसकियां और तेज हो गयी थीं. वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी. अब मैंने उसे लेटा दिया और उसके टांगों के बीच में आ गया और उसकी चूट को चाटने लगा. अब वो तड़पने लगी और मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी. फिर कुछ देर बाद वो झड़ गयी…

अन्तर्वासना के सभी प्यारे दोस्तों को मेरा नमस्कार! दोस्तों, मेरा नाम बादशाह है और अन्तर्वासना पर यह यह मेरी पहली कहानी है. कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सब को अपने बारे में थोड़ा बता देना चाहता हूँ. मेरी लम्बाई 6 फिट और 2 इंच है और मैं दिखने में भी हट्टा – कट्टा हूँ. कुल मिलाकर मैं बहुत स्मार्ट हूँ और लड़कियां तो मुझसे दोस्ती करने के लिए मरती हैं.

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ. बात आज से करीब एक साल पहले की है. मेरे पड़ोस में एक पंजाबी लड़की रहती थी. उसका नाम पूजा है और वो मेरे दोस्त की बहन है. चूंकि उसका भाई मेरा दोस्त है तो हमारा एक – दूसरे के घर आना – जाना लगा रहता है.

उसकी लंबाई करीब 5 फिट और 8 इंच की है और दिखने में बहुत खूबसूरत है. एक दम जबरदस्त माल! मेरी यह कहानी तब शुरू हुई, जब मेरे दोस्त ने मुझे अपने घर बुलाया.

जब मैं उसके घर गया तो उसने कहा कि उसका कम्प्यूटर कुछ गड़बड़ कर रहा है तो फिर मैंने उसका कम्प्यूटर ठीक कर दिया. अगले दिन मैं अपने कमरे में बैठ कर अपने लैपटॉप पर ब्लू फिल्म देख रहा था कि तभी पूजा घर आई और सीधे मेरे कमरे में आ गई और आकर एक दम से मेरे पास बैठ गई.

फिर जब उसने लैपटॉप की तरफ़ देखा तो शरमा कर के जाने लगी और जाते – जाते बोली कि मम्मी ने खीर भेजा है. उसको देख कर मैं भी घबरा गया था. मुझे लगा कि कहीं यह किसी को बता न दे, लेकिन फिर मैंने उससे कोई बात नहीं की. फिर 2 – 3 दिन बाद वो मेरे घर कुछ काम से आयी. उस दिन मैं घर पर बैठा टीवी देख रहा था. वो फिर आकर मेरे पास बैठ गई और सॉरी कहने लगी.

अब मैंने पूछा, “ये सॉरी किस लिए?”

तो वो बोली, “उस दिन तुम्हारे कमरे में बिना दरवाजा नॉक किए अंदर घुस गई थी इसलिए.” फिर थोड़ा रुक कर वो बोली, “अच्छा, एक बात पूंछू?”

अब मुझे कुछ राहत सी मिली तो मैंने कहा, “हां, हां, पूछो.”

तो वो बोली, “उस वीडियो वाली लड़की के बूब्स इतने बड़े कैसे हुए? और वो उस लड़के का भी काफ़ी बड़ा था. कैसे?”

अब तो मैं एक दम खुश सा हो गया. मुझे लगा कि ये तो जाल में फंस सकती है तो मैंने अपना तीर चला दिया. मैं बोला, “अपने बूब्स किसी लड़के से दबवाओ तो बड़ा हो जाएगा और लड़के जब अपना लंड लड़कियों से चुसवाते हैं तो उनका लंड बड़ा हो जाता है.

यह सुन कर वो उठ कर चली गयी. अगले दिन सुबह मेरे घर वालों को किसी रिश्तेदार के यहां किसी फंक्शन में जाना था. वे सब एक हफ़्ते बाद लौटने वाले था. तो मेरी मम्मी ने पूजा की मम्मी को बोल रखा था. अब तो मेरा खाना उनके घर होना था.

सबके जाने के बाद मैं टीवी देखने लगा. इतने में पुजा आई और कहने लगी कि क्या तुम मेरी हेल्प करोगे? तो मैंने पूछा क्या हुआ? क्या हेल्प करनी है? तो वो बोली कि मेरे बूब्स दबाओ. यह सुन कर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ. मैंने कहा, ‘कोई आ जयेगा तो?”

इस पर वो कहने लगी कि उसके घर वाले गुरुद्वारा गये हैं और अब शाम को ही लौटेंगे. इतना कहते हुए उसने मेरा हाथ अपने बूब्स पर रख दिया. फिर मैंने धीरे – धीरे उसके बूब्स को मसलना शुरू किया. अब वो गर्म होने लगी और सिसकियां लेने लगी.

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दिया और धीरे से उसकी ब्रा भी खोल दी. अब मैं उसके होंठों को चूमने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा. तभी मैंने अपना एक हाथ ले जाकर उसकी चूत पर रख दिया और धीरे – धीरे उसकी चूत को सहलाने लगा.

अब उसकी सिसकियां और तेज हो गयी थीं. वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी. अब मैंने उसे लेटा दिया और उसके टांगों के बीच में आ गया और उसकी चूट को चाटने लगा. अब वो तड़पने लगी और मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी. फिर कुछ देर बाद वो झड़ गयी.

फिर मैंने उससे कहा कि अब मेरा लंड चूसो. यह सुनते ही उसने जैसे ही मेरा पैंट खोला तो मेरा 8 इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड उछल कर उसके सामने आ गया. फिर उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.

कुछ देर तक लन्ड चुसवाने के बाद मैंने उसे लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा. फिर मैंने अपने लंड को उसके चूत पर टिकाया और जोर का एक झटका मारा. इस झटके के साथ मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. उसे बहुत दर्द हुआ और उसकी चीख निकल गई.

लेकिन मैंने उसके मुंह पर अपना मुंह रखा हुआ था, इसलिए ज्यादा तेज आवाज़ बाहर नहींआयी. फिर जब वो थोड़ी शान्त हुई, तो मैंने फिर से एक झटका मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. एक बार फिर से उसकी चीख निकल गई.

अब मेरी नज़र उसकी चूत की तरफ गई. मैंने देखा कि उसकी चूत से खून आ रह था. यह उसकी पहली चुदाई थी और मेरे धक्कों से उसकी सील टूट चुकी थी. अब मैं करीब 5 मिनट तक वैसे ही रुका रहा. फिर जब उसका कुछ दर्द कम हुआ तो मैंने धक्के मारना शुरू किया.

अब वो भी मज़ा लेने लगी और खूब सेक्सी आवाजें निकालने लगी. करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और लन्ड उसके मुंह में डाल कर अपना सारा माल उसके मुंह में गिरा दिया और उसने मेरा सारा का सारा माल पी लिया.

उस दिन हमने एक बाए फिर से सेक्स किया. अब तो हमें जब मौका मिलता है, हम सेक्स कर लेते हैं. दोस्तों, आपको मेरी यह पहली कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताना. मेरी मेल आईडी – playboybadshah1998@gmail.com

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Saturday, June 16, 2018

पड़ोसन ने घर आकर चुदवाया

फिर मैं उसे जमीन पर लिटा दिया और उसकी चूत के ऊपर मेरा लंड रख दिया और जोर का एक धक्का लगाया. इससे मेरे लंड का सुपाड़ा अंदर चला गया. वो बोली, “धीरे से डाल न, मैं कहीं भाग के जाने वाली नहीं हूँ.”…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं मुम्बई से हूँ. आज मैं आपको मेरे साथ हुए आप को मेरी सच्ची कहानी बताने जाता हूं.

मेरे पड़ोस में एक कपल रहता था. उनके एक लड़की भी थी. लड़की दो साल की थी और भाभी करीब 24 साल की थीं. भाभी का नाम दिव्या था और उनका फिगर बहुत मस्त था. पूरे मोहल्ले के लड़के उसे चोदने के सपने देखते थे.

मेरा और उनके घर का व्यवहार अच्छा था. वो मेरे घर रोज आती थी. एक दिन मेरे घर के सभी लोगों को दो दिन के लिए एक रिस्तेदार के लड़के की शादी में गांव जाना पड़ा. मेरी माँ उस भाभी को बोल के गई थी कि हम लोग दो दिन में आ जाएंगे तो तुम इसे दो दिन खाना ख़िला देना.

जब सब चले गए तो उस दिन मैं घर पर अकेला टीवी देख रहा था. तभी दिव्या भाभी मेरे लिए खाना लेकर आई और बोली, “जल्दी खाना खा लो, अभी गर्म है.” तो मैं बोला कि मूवी देख कर खा लूंगा. तो वो मेरा हाथ पकड़ के जबरदस्ती खाने को बोली.

जब उसने मेरे हाथ को पकड़ा तो मेरे बदन में एक आग सी लग गई. फिर मैं उनसे बोला, “आप ही खिला दीजिए तो मेरे ओर देख कर हँसने लगी और फिर चली गई.”

उनके जाने के बाद मैं उनके बारे में सोचने लगा और उसके नाम के मुठ मारने लगा. मैं घर पर अकेला था तो नंगा होकर लंड हिलाने लगा और दिव्या – दिव्या बोल रहा था. अचानक मैंने पीछे देखा तो दिव्या भाभी मेरे पीछे खड़ी थी. उन्हें देखवकर मैं डर गया और जल्दी – जल्दी टॉवेल लेकर अपने लंड को कवर किया तो वो बोली, “तुम ये क्या कर रहे थे?”

मैं डर के मारे कुछ बोल नहीं सका तो उसने मुझे कहा कि आने तो तुम्हारी मम्मी को मैं सब बताती हूँ. यह सुन कर मैं डर गया और डर के मारे उनसे सॉरी बोलने लगा. मैं बोला, “भाभी, मुझे माफ़ कर दो, आप इतनी खूबसूरत हो कि आपको देख कर मुझसे रहा ही नहीं गया. आप मेरी माँ को मत बोलना.”

यह सुन कर वो बोली, “मैं नहीं बोलूंगी पर तुम्हें मेरा एक काम करना पड़ेगा.” मैं उसे बोला, “ठीक है भाभी, तुम जो बोलोगी मैं वो करूँगा, मगर मेरी माँ को कुछ मत बोलना.” तब वो बोली, “चलो अच्छा अपना टॉवल हटाओ.” मेरी समझ में कुछ नहीं आया तो उसने खुद ही मेरा टॉवेल खींच लिया और मेरे लंड को देखने लगी.

तब मैं बोला, “भाभी, ये आप क्या कर रही हो?” तो उसने बैठ कर मेरा लंड अपने मुंह ले लिया और बोली, “तुम आज से मुझे रोज चोदोगे और किसी से ये बात नहीं बोलोगे.” मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं सपना देख रहा हूँ कि सब सच हो रहा है.”

अब वो मेरे लंड को जोर – जोर से चूसने लगी. मुझे बड़ा मजा आ रहा था. फिर मैंने भी उसे ऊपर उठा के बाहों में ले लिया और उसके होंठ चुमने लगा और बोलने लगा, “दिव्या आई लव यू.”

फिर मैंने देर न करते हुए उसके सारे कपड़े निकाल दिए और उसे पूरी नंगी कर दिया. क्या बदन था उसका! मैं तो देखता ही रह गया. तो वो बोली, “ए सुन, सिर्फ देखेगा ही कि कुछ करेगा भी.”

फिर तो मैं उस पर टूट पड़ा और पागलों की तरह किस करने लगा और उसके गाल को चूमने लगा और उसकी गांड दबाने लगा.” करीब 15 मिनट तक ऐसा करने से वो एक दम गरम हो गई थी और मुझसे बोली, “अब देर क्यों करता है, तेरा लौड़ा अंदर ड़ाल दे.”

फिर मैं उसे जमीन पर लिटा दिया और उसकी चूत के ऊपर मेरा लंड रख दिया और जोर का एक धक्का लगाया. इससे मेरे लंड का सुपाड़ा अंदर चला गया. वो बोली, “धीरे से डाल न, मैं कहीं भाग के जाने वाली नहीं हूँ.”

फिर मैंने दूसरा धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड अंदर चला गया तो वो बोली, “धीरे ड़ाल यार, तेरा लौड़ा मेरे मर्द से लंबा और मोटा है.” ये सुन कर मुझे और जोश आ गया. फिर मैंने जोर का एक और धक्का मारा. अब तो मेरा लंड अंदर घुस गया. जिससे वो जोर से चिल्लाई, “धीरे से कर, मेरी चूत फट जाएगी.”

तो मैं बोला, “फटने दे, बहुत दिन से तूने मेरे लौड़े को मुठ मरवाये हैं, आज तो मैं तेरी चूत फाड़ के ही रहूंगा.” फिर 15 मिनट की चुदाई के बाद वो दो बार झड़ गई. अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने उसे कहा कि पानी कहां निकालूँ? तो वो बोली, “मुझे पीना है, मेरे मुंह में ही छोड़ दो.”

फिर मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया और उसके मुंह में ड़ाल दिया और उसके मुंह की चुदाई करने लगा. थोड़ी देर बाद उसके मुंह में ही मेरा पानी छूट गया. वो मेरा सारा पानी पी गई और लंड को भी चाट के एक दम साफ कर दिया. फिर वो कपड़े पहन कर चली गई.

फिर शाम को वो वापस आई और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और किस करने लगी. अब वो कहने लगी कि जैसी तुमने आज मेरी चुदाई की है वैसी चुदाई तो आज तक मेरे पति ने भी नहीं की.” फिर मैंने उसे नंगा कर दिया और उसके बूब्स दबाने लगा.

करीब 10 मिनट तक बूब्स दबाने की वजह से वो एक दम गर्म हो गई. फिर हम 69 की पोजिशन में आ गए. अब मैं उसकी चूत को जोर – जोर से चाटने लगा और वो भी मेरा लंड जोर – जोर से चूसने लगी.

करीब 10 मिनट तक हम एक – दूसरे के लंड और चूत को चूसते रहे और फिर एक साथ ही झड़ गए. करीब 5 मिनट के बाद मेरा लन्ड फिर से टाइट होने लगा. फिर मैंने उसकी गांड मारने के लिए उसे उल्टा किया, लेकिन वो गांड मारने को न बोल रही थी. वो बोली कि इसमें दर्द होगा लेकिन मैंने जबरदस्ती उसे उल्टा कर दिया और बोला कि चिंता न करो मैं दर्द नहीं होने दूँगा.

फिर मैंने तेल की बोतल ली और तेल उसकी गांड पर लगा दिया. फिर मैंने मेरे लंड पर भी तेल लगाया. अब मैं धीरे – धीरे लंड उसकी गांड में डालने लगा. जैसे ही मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड के अंदर गया वो चिल्लाने लगी. वो बोलने लगी, “बाहर निकालो इसे, मैं मर जाऊंगी.”

लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और धीरे – धीरे पूरा लंड अंदर ड़ाल दिया. थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और फिर वो भी मजे से चुदने लगी. करीब 15 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया और मेरे साथ ही उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया.

फिर अगले दिन वो अपनी एक सहेली को भी ले आई, लेकिन वो कहानी मैं आपको मेरी अगली स्टोरी में बताऊंगा. मेरी ये स्टोरी आप सबको कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताना. मेरी मेल आईडी –
Manojpatel4210@gmail.com

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Friday, June 15, 2018

Thursday, June 14, 2018

जवान गर्लफ्रेंड की चूत को ठोका

फिर मैंने अपने भी कपड़े निकाल दिए और उसकी बालों वाली चूत मे उंगली करने लगा. दोस्तों, मुझे लग रहा था कि जैसे मैं किसी भठ्ठी में उंगली कर रहा हूँ. उधर वो भी मेरे लौड़े से खेल रही थी. अब मैं धीरे – धीरे उसके सारे बदन को चूमते हुए उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी…

हेलो फ्रेंड्स! अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरे खडे लन्ड का नमस्कार! दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं अन्तर्वासना का बहुत बडा फैन हूँ. मैंने यहां प्रकाशीट्सलगभग सारी कहानियां पढी हुई हैं. इन्हीं कहानियों को पढ़कर मेरे अंदर भी विश्वास जाएगा और फिर मैंने सोचा कि मैं भी मेरी सच्ची कहानी आप सबके साथ शेयर करुं.

दोस्तों, मेरा कद 5 फुट और 9 इंच है. मेरा गोरा रंग है और मेरे लंड की लम्बाई आप लोगों के लंड के ही जितनी है. मुझे हमेशा से ही कुंवारी लडकियों की चूत चोदना बहुत पसंद है और मैंने बहुत सारी लड़कियों की चूत चोदी भी है. इनमें कई कुंवारी लड़कियां भी हैं. मैं जब भी कोई कुंवारी लडकी देखता हूँ तो मेरा लन्ड कड़क हो जाता है.

बात उन दिनों की है, जब मैं कॉलेज में पढता था. मैं पढने में ठीकठाक था. कॉलेज के दिनों में मैं कॉलेज में कम और बाहर ज्यादा बैठता था. एक दिन मैं और मेरा दोस्त उसके घर पर बैठ कर कम्प्यूटर में ऑनलाइन चैटिंग कर रहे थे. तभी हमने देखा कि एक लड़की, जिसकी उम्र करीब 18 साल होगी, वो ऑनलाईन हुई और हमसे बातें करने लगी.

हालांकि उस बार हमारी बात बहुत कम हुई. फिर मैंने उसे मेरे आईडी से रिकवेस्ट भेजी और उसने मेरी रिकवेस्ट स्वीकार कर ली. अब मैं रोज सारा दिन ऑनलाइन रह कर उसके ऑनलाइन होने का इंतजार करने लगा. करीब 4 दिन इंतजार करने के बाद मेरे भाग्य से वो ऑनलाइन हुई और मुझसे बातें करने लगी. अब तो बातों का सिलसिला चलने लगा.

करीब 8 दिन के बाद मैंने उसे प्रपोज किया तो उसने मना कर दिया और कहने लगी कि मैं वैसी लड़की नही हूँ, लेकीन दो दिन बाद उसने मुझे सॉरी कहा और मेरा प्रपोजल स्वीकार कर लिया. बस मेरी तो निकल पड़ी. हमारे बीच रोज घंटों बातें होने लगी.

फिर एक दिन मैंने उसे मिलने के लिए बुलाया. तो उसने कहा कि अगर हमें कोई देख लेगा तो बड़ी मुसीबत हो जायेगी. इसलिए मैंने उसे कहा कि अगर तुम बुरा ना मानो तो मैं एक रूम बुक कर देता हूँ. इस पर उसने कोई आपत्ति नहीं बताई तो मैंने तय किए हुए दिन पर एक रूम बुक करा लिया.

उसके बाद मैं तय दिन पर होटल पर चला गया और उसका वेट करने लगा. वो तय किए हुएवटाइम से 10 मिनट देर से आयी. दोस्तों, आप तो जानते ही हैं कि लड़कियां हमेशा देर से ही आती हैं.

उस दिन जब मैंने उसे देखा तो बस देखता ही रह गया. उसका बदन एक दम परी जैसा था. उसके बूब्स तो हाय! उन्हें देख कर मैं तो घायल ही हो गया था. फिर उसने नजदीक आकर मुझे हेलो कहा और हम होटल के रूम में चले गये. वहां जाते ही मैंने उसके हाथ पकड़ लिए और अपनी तरफ खींच लिया. फिर मैं उसके मुलायम बालों पर हाथ फेरने लगा.

फिर उसे बेड पर बैठा कर मैंने नास्ता और कोल्ड ड्रिंक्स का ऑर्डर किया. नास्ता करने के बाद मैंने उसे कहा कि मुझे तुम्हें किस करनी है तो उसने भी मुझे किस करने के लिए हां बोल दिया. बस दोस्तों, फिर क्या था! मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और किस करने लगा.

किस करते – करते कब मेरा हाथ उसके बूब्स पर पहुंच गया पता ही नहीं चला. मैं धीरे – धीरे उसके बूब्स दबा रहा था और कस के उसके होंठो पर किस करता रहा. फिर कुछ देर बाद मैंने उसका टॉप निकाल दिया और थोड़ा रुक कर मैंने उसका पायजामा भी निकाल दिया.

अब वो सिर्फ काले रंग की ब्रा और पेन्टी में थी. उसका फीगर 30-34-30 था. वह बहुत ही लाजबाब लग रही थी! वह ऐसी दिख रही थी दोस्तों कि कोई भी उसे देख कर अपना लौड़ा हिलाते देर नहीं करता. जैसे कि आप हिला रहे हैं.

फिर मैंने अपने भी कपड़े निकाल दिए और उसकी बालों वाली चूत मे उंगली करने लगा. दोस्तों, मुझे लग रहा था कि जैसे मैं किसी भठ्ठी में उंगली कर रहा हूँ. उधर वो भी मेरे लौड़े से खेल रही थी. अब मैं धीरे – धीरे उसके सारे बदन को चूमते हुए उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी.

अब वो चिहुंकने लगी और मेरा साथ देने लगी और मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी. थोडी देर बाद मैंने उसे मेरा लौड़ा चूसने को बोला. शुरू में थोडी ना नुकुर करने के बाद वो मेरा लौड़ा चाटने लगी.

फिर मुझसे बोलने लगी कि राज अब मुझे मत तड़पाओ, मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दो. फिर मैंने भी देर ना करते हुए उसकी चूत में अपना लन्ड का सुपाडा रखा और जोर से झटका लगाया. जिससे वो चिल्लाने लगी उसकी और उसकी आंखों में आंसू आ गये. उसकी सील मेरे इस धक्के के साथ टूट चुकी थी.

फिर धीरे – धीरे मैं उसे चोदने लगा. थोड़ी देर बाद वो नार्मल हो गई और फिर खुद ही अपनी गांड उठा – उठा कर चुदवाने लगी और अपने मुंह से ‘आह आह, ऊह उह’ की आवाजें करने लगी थी. उसकी सिसकारी से पूरा कमरा गूंज रहा था

लगभग 15 मिनट चोदने के बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उसे कहा कि मेरा होने वाला है तो उसने भी कहा कि उसका भी होने वाला है. फिर मैंने उसके बाद 10-12 धक्के मारे और उसकी चूत में ही झड़ गया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया.

सॉरी दोस्तों, मैं उसका नाम ही बताना भूल गया. उसका नाम रानी (बदला हुआ) था. फिर रानी ने मेरा लन्ड अपनी जीभ से चाट कर साफ किया.

थोड़ी देर बात करते – करते मेरा मूसल फिर से हरकत में आ गया तो वो भी अपने हाथों से मेरे लौड़े को सहलाने लगी. थोड़ी देर तक उसके सहलाने से मेरा लन्ड फिर से लोहे की रॉड बन गया और फिर मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ.

इस पर रानी ने कहा, “नहीं, गांड फिर कभी मार लेना.” तो मैंने कहा, “अच्छा चलो, तुम जो कहो वही ठीक है.” तो उसने कहा, “राज, मैं पीछे से चुदना चाहती हूँ.” यह सुनकर मैंने कहा, “मेरी जान, जो तुम कहो.”

फिर मैंने उसे बेड पर कुत्ते की पोजीशन में किया और पीछे से लन्ड को उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया. अब मैंने पीछे से उसकी कोमल चूत में मेरा मोटा मूसल घुसेड़ दिया. वो फिर से चिल्लाने लगी, लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी चूत में जोर – जोर लन्ड अंदर – बाहर करने लगा.

इतने में जो हुआ, उससे तो मेरे होश ही उड़ गये. वो मुझे गालियां देने लगी. वो बोली, “आहहहहहह राजा, मेरी चूत का भोसडा बना दो, मैं तुम्हारी हूँ. तुम जैसे चाहो वैसे मुझे चोदो. आह मां के लौड़े डाल दे पूरा मेरी चूत में.” अब मैं भी पूरे जोश में आ गया और उसकी चूत को चोदे जा रहा था.

करीब 10-15 धक्के के बाद मेरा होने वाला था तो मैंने उसकी चूत से लन्ड निकाल कर उसे सीधा कर दिया और उसके मुंह में डालकर उसके मुंह को चोदने लगा. थोडी देर उसका मुंह चोदने के बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया.

फिर हमने कपड़े पहेने और वहां से निकल गये. उसके बाद हम जब भी मिलते हैं चुदाई जरूर करते हैं. ये सिलसिला 3 साल चला और फिर हम अलग हो गये.

दोस्तों, यह थी मेरी सच्ची कहानी. कहानी आपको कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा. मेरी मेल आईडी – Aryenraj13@gmail.com

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Wednesday, June 13, 2018

Tuesday, June 12, 2018

Monday, June 11, 2018

Sunday, June 10, 2018

Saturday, June 9, 2018

चाची की चुदास भरी सिसकियां

उसके बाद दोबारा मैंने उसके बूब्स दबाये किस किया. जिससे वो फिर से गरम हो गई. फिर मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो तड़प उठी और मुझे नीचे खीचने लगी थी. वो चाहती थी कि मैं तुरन्त ही लन्ड उसकी चूत में डाल दूं…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आयुष है और मैं नई दिल्ली में रहता हूँ. अभी मेरी उमर 24 साल है. मेरी ये कहानी मेरी और मेरी चाची पायल के ऊपर हैं. मैं दिल्ली के सरोजिनी नगर इलाके में रहता हूँ और हमारी जॉइंट फैमिली है. जिसमें मैं, मेरे मम्मी – पापा और मेरे चाचा – चाची रहते हैं.

ये बात साल 2014 की है. मेरे चाचा एक ट्रैवेल कंपनी में काम करते हैं. इसलिए उनको हमेशा बाहर विदेशी लोगों को घुमाने ले जाना पड़ता है. मेरी चाची की उम्र 32 साल है और उनका फिगर दिशा पाटनी के जैसा है.

बात शुरू होती है 14 मार्च से. उस दिन मेरे चाचा घर पर ही थे. वो अभी – अभी 1 ग्रुप का टूर खत्म करा के आये थे. उस रात को मैं पानी पीने के लिए गया तो उनके रूम से सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी. मैंने ध्यान से उनकी सिसकारी सुनी. वो सिसकी करीब 5 मिनट में बंद हो गयी थी.

उसके बाद चाची की बोलने की आवाज़ सुनाई दी, “तुम तो 10 दिन बाद आते हो उसमे भी जल्दी ही थक जाते हो.” वो चाचा को कोस रही थीं. उस दिन मुझे समझ में आया कि चाची बहुत प्यासी हैं. उस दिन से मैंने चाची के ऊपर ध्यान देना स्टार्ट कर दिया.

रात को खाना खाने के बाद चाची के रूम में जाना और उनसे बातें करना, टीवी देखना ये भी शुरू कर दिया. फिर ये सिलसिला करीब एक हफ्ता तक चला. एक रात को मैं और चाची टीवी देख रहे थे. उसमें ‘शूटआउट एट वडाला’ मूवी आ रही थी. उस मूवी में सेक्स का सीन आया, जिसे हम दोनों ने देखा. फिर मैं सोने अपने रूम में आ गया.

थोड़ी देर बाद मैं टॉयलेट जाने लगा तो मुझे चाची के रूम से फ़ोन पर बात करने की आवाज़ सुनाई दी. चाची किसी से फोन पर सेक्स की बात कर रही थीं. उनकी सिसकारियों की आवाज़ बहुत तेज आ रही थी. शायद वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी और कह रही थी, “जल्दी आ जाओ टूर खत्म करके. मुझसे नहीं रहा जाता अब बिना लन्ड के.”

उसके एक घंटे बाद आवाज़ आना बन्द हो गयी थी. शायद चाची उंगली करके सो गई थी. अगले दिन मैंने चाची से कहा, “चाची, कल रात आप को क्या हो गया था?” यह सुन कर तो वो एक दम से सकपका गयी और कहने लगी, “कुछ भी तो नहीं हुआ था.” तो मैंने डायरेक्ट चाची से बोल दिया, “चाची, मैंने सब सुन लिया है. आप बहुत प्यासी हैं और आपको प्यार की जरूरत है.”

उसके बाद मैं चाची के नजदीक गया और उनको किस करने लगा. तो चाची ने कहा, “अभी नहीं, अभी तुम्हारी मम्मी यहीं हैं. रात को रूम में आना.” मैंने कहा ठीक है.

अब मैं अपने रूम में चला आया. अब मुझे रात का वेट था. इस दौरान शाम को मैंने चाची को कहा कि आज आप जैसे सुहागरात पर तैयार थीं वैसे ही तैयार रहना. तो उन्होंने कहा ठीक है. इसके बाद फ़िर मैं केमिस्ट की दुकान में गया और वहां से कंडोम, वायग्रा और नींद की गोली ले आया.

रात को मम्मी – पापा के खाने में मैने नींद की गोली डाल दी और वायग्रा की गोली मैंने खुद खा ली. अब मुझे इंतजार था तो मम्मी – पापा के सोने का. वो भी एक घंटे में ही बेहोस हो गए.

उसके बाद मैंने चाची को कहा कि तैयार हो जाओ. तो उन्होंने कहा, “बस हो रही हूँ.” करीब 20 मिनट के बाद चाची ने मुझे अपने रूम में बुलाया. जब मैं गया तो उन्हें देखता रह गया. उन्होने अपनी शादी वाला लहँगा पहना हुआ था. वो बिल्कुल नई दुल्हन की तरह सजी हुई थीं.

अब मैं उनके पास गया और उनका घूंघट उठा कर उनके होंठों के ऊपर टूट पड़ा. वो भी मेरा साथ एक भूखी शेरनी की तरह देने लगी. मैं धीरे – धीरे उनके बूब्स दबाने लगा. इससे उनकी सिसकियां निकलने लगीं. उनकी सिसकारियों का तो कहना नहीं था!

फिर मैंने उनके ब्लाऊज को उतारा तो देखा कि उन्होंने पिंक ब्रा पहनी हुई थी. जोकि बहुत हॉट लग रही थी. फिर मैंने उनकी ब्रा को भी उतार दिया. उनके बूब्स देख कर तो मैं पागल ही हो गया था.

उनके लाइट ब्राउन निप्पल वो भी टाइट हो रखे थे. पहले तो मैंने उनको खूब दबाया और फिर खूब चाटा भी. अब वो तो एक दम पागल ही हो गई थी. उन्होंने मेरे पीठ पर नाखून गड़ा दिए. फिर धीरे – धीरे मैं नीचे उनके पेट पर किस करने लगा. जिससे वो बहुत उत्तेजित हो गयी.

फिर मैंने उसका लहँगा उतार दिया. उसने नीचे भी पिंक पैंटी पहनी थी. जोकि अब तक बहुत भीग चुकी थी. उसमें से बहुत ही अच्छी खुशबू आरही थी. अब मैंने उनकी पैंटी उतार दी. अन्दर क्लीन शेव चूत थी. जिसे देख कर मैं तो पागल ही हो गया था.

फिर मैंने अपनी पैंट से डेयरी मिल्क निकाली और उसकी चूत में मेल्ट करके लगा दी. अब मैं उसकी चूत चाटने लगा. कसम से दोस्तों, चूत में चॉकलेट लगा कर चाटो और तब देखना कितना अच्छा टेस्ट आता है! उसकी चूत को चाटते हुए अभी 2 मिनट ही हुए थे कि वो मेरा सर अपने चूत पर दबाने लगी. तभी उसकी चूत से गरम लावा निकला जो मैं चाट गया.

उसके बाद दोबारा मैंने उसके बूब्स दबाये किस किया. जिससे वो फिर से गरम हो गई. फिर मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो तड़प उठी और मुझे नीचे खीचने लगी थी. वो चाहती थी कि मैं तुरन्त ही लन्ड उसकी चूत में डाल दूं.

फिर मैंने अपना लन्ड उसकी चूत पर लगाया और जोर का एक धक्का मारा. जिससे उसका दर्द के मारे बुरा हाल हो गया. फिर मैंने धीरे – धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया. अब वो भी मेरा साथ देनी लगी.

वायग्रा का असर मुझमें तो था ही. इसलिए 25 मिनट तक मैंने उसको अपने नीचे रख कर चोदा. फिर मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया. अब वो मेरे लन्ड के ऊपर कूद – कूद कर चुदने लगी.

करीब 15 मिनट में वो थक गई तो मैंने कंडोम निकल के फेक दिया और चाची के मुंह में अपना लंड डाल दिया. करीब 10 मिनट चूसने के बाद मेरे लण्ड का पानी निकल गया, जिसे वो पी गयी. उस दिन से चाची और मेरा पति – पत्नी वाला रिश्ता बन गया. अब हमें जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई करते हैं.

हम दोनों ने करीब 5 साल चुदाई की. उसके बाद चाचा को विदेश से जॉब का ऑफर आ गया और वो विदेश चले गए. अभी 4 पहले चाची को अपने साथ लेकर चले गए.

अब हम दोनों वीडियो कॉल सेक्स चैट कर लेते हैं. अब मुझे उनकी बहुत याद आती है. क्योंकि मुझे चूत चाटने की आदत लग गयी है. इसलिए बिना चूत चाटे मज़ा ही नहीं आता है.

मेरी यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी –
96ayusingh@gmail.com

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Friday, June 8, 2018

Thursday, June 7, 2018

Wednesday, June 6, 2018

Tuesday, June 5, 2018

गज्जी भाई ने मुझे चोदा

हेलो दोस्तों, मैं रश्मि एक बार फिर से आप सबको अपनी चुदाई की कहानी बताने के लिए हाजिर हूँ. मेरी इस कहानी को पढ़कर आप लोगों की चूत और लन्ड से पानी जरूर निकलेगा. और अगर आपके साथ कोई लड़की – लड़का होगा तो आप खुद को चुदाई से नहीं रोक पाएंगे.

मेरी पिछली कहानी – पड़ोसी से बना रिश्ता- भाग 3

मेरी पिछली कहानी में आपने पढ़ा कि मैंने अपने पड़ोसी के साथ खूब खुल कर चुदाई के मज़े लिए थे. अब आगे –

कुछ दिन पहले मार्केट से आते वक़्त मैंने स्कूटी से एक कार को टक्कर मारी तो बहुत गड़बड़ हो गई। तभी एक आदमी आया और उसने पुलिस और उस आदमी को बात करके रफा-दफा कर दिया।

इसके बाद वो मेरे पास आकर बोला- अभी तू जा, कुछ प्रॉब्लम होए.. तो बोल अपने को!
मैं- जी थैंक यू..
मैं राहत की सांस लेते हुए वहां से निकल गई।

दूसरे दिन मैंने खिड़की से देखा कि वही आदमी हमारी बिल्डिंग के नीचे था और आने-जाने वाले की फिरकी ले रहा था।
यूं ही कुछ दिन बीत गए।

एक दिन मैं मार्केट से आ रही थी तभी वो आदमी और कुछ लोग वहां थे। उसने मुझे देखा और आवाज दी।
‘ऐ सुन, इधर तो आ..!’
मुझे जरा ख़राब लगा, पर मैं गई।
‘जी?’
वो मेरे पास आकर बोला- कहाँ गई थी तू?
मैं- जी मार्केट।
उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और बोला- आ इधर हम लोग के साथ बैठ!
मैंने अपना हाथ छुड़ाया और कहा- तुम में जरा भी तमीज़ नहीं.. तूने मेरा हाथ कैसे पकड़ा..?? बदतमीज़ कहीं के..
इतना बोल कर मैं वहां से चली आई।

मुझे उसकी इस हरकत पर बहुत गुस्सा आया। मैंने समर को भी उसके बारे में कहा।
तभी समर ने बताया- उसका नाम गज्जी भाई है.. और वो बहुत खतरनाक है।
मैं एक पल के लिए डर गई कि मैं उससे बदतमीजी कर आई।
समर ने कहा- प्लीज़ उस पर ध्यान मत दो.. और आगे से उसके सामने ही मत आना।

अब वो हर वक़्त मुझे घूरता रहता.. एक दिन मैं बस से मार्केट जा रही थी.. बस में भीड़ बहुत थी, मैं खड़ी थी।

तभी मुझे लगा कि मेरे पीछे कुछ है। मैंने मुड़ कर देखा तो गज्जी था और वो मेरी गांड पे हाथ फेर रहा था। मैंने गुस्से से उसका हाथ झटका और बस से उतरने लगी। वो भी मेरे पीछे पीछे उतरा।

जब मैं रोड क्रॉस कर रही थी। तब अचानक मेरा हाथ पकड़ कर वो मुझे घसीटते हुए एक कोने में ले गया और मुझे किस करने लगा। मैंने उससे छूटने की कोशिश की, पर नाकामयाब रही। फिर मैंने उसे एक जोरदार धक्का दिया और उसे थप्पड़ लगा दिया।

तब उसे गुस्सा आया और उसने मुझे भी एक थप्पड़ लगा दिया और बोला- अब तू खुद आएगी मेरे साथ सोने को।
ये धमकी देकर वो चला गया।

मुझे अब खुद से घिन आ रही थी। एक गुंडे ने मुझे छुआ, मेरे होंठों पे किस किया। यही सोचते हुए मैं दुखी मन से घर पहुँची।

पहले तो मैंने समर को ये सब बताना चाहा.. पर सोचा कि वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे?? इसलिए मैं चुप रही, पर मैं गलत थी।

कुछ दिन के बाद पुलिस मेरे घर पर आई और मेरे पति के बारे में पूछने लगी, मुझे कुछ समझ नहीं आया। फिर एक पुलिस वाले ने बताया कि आपके पति पर चोरी का आरोप है।

दोपहर को मुझे उनके ऑफिस से फ़ोन आया कि आपके पति को पुलिस पकड़ कर ले गई। मैं गड़बड़ी से पुलिस स्टेशन पहुँची तो देखा कि समर की हालात खराब थी.. उसे बहुत पीटा गया था।
मैंने थानेदार से पूछा तो उसने कहा- चोरी की है, पिटाई तो होगी ही.. ऊपर से कुछ बता नहीं रहा.. साला चोर!

मैं- लेकिन मेरे पति चोर नहीं हैं, आपको कोई गलतफहमी हुई है।
थानेदार- ऐ.. बहुत बोल ली तू चल निकल साली.. अपने पति से मिल और चलती बन।
मुझे धमकाता हुआ वो चला गया।

मैं समर के पास पहुँची, वो बहुत बुरी हालत में थे। मैंने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें झूठे इल्जाम में फंसाया गया है, असली चोर तो रघु है।

मैंने पति के जमानत के लिए भाग दौड़ की.. पर कुछ फायदा न हुआ।

अब क्या करूँ तब मैंने सोचा कि रघु से मिलूँ, तो मैं रघु से मिलने पहुँची।

रघु से मिली तो उसने बताया- मेरे हाथ में कुछ नहीं.. अब उसे कोई नहीं बचा सकता.. हाँ पर गज्जी भाई ने कुछ किया तो मैं समझ गई कि ये सब गज्जी का किया-धरा है।

मैं समर के पास पहुँची तो देखा समर तो और भी ज्यादा बुरे हालात में हैं।
अब मैं क्या करूँ??
मैंने गज्जी से मिलकर बात करने का सोचा।

मैंने उसके एक आदमी से पूछा तो वो बोला कि भाई अड्डे पे होंगे। मैं अड्डे पे पहुँची.. वहाँ पर सब मुझे घूर के देखने लगे, मैं डरते हुई अन्दर गई।

मैंने कोने की एक टेबल पर देखा कि गज्जी बैठा है।

मैं वहां गई और उससे बोला- आपसे बात करनी है।
गज्जी- क्या?
मैं- जरा बाहर चलकर बात करते हैं।
गज्जी- क्यों?? अच्छा ठीक है चल..
बाहर आकर उसने कहा- वो देख सामने मेरा गोदाम है.. वहाँ चलकर बात करते हैं।
मैं वहां चली गई.. गज्जी मेरे पीछे-पीछे आया और बोला- क्या हुआ??
मैं- वो मेरे पति को पुलिस ने पकड़ लिया है।
गज्जी- तो मैं क्या करूँ?
मैं- आप करेंगे तो कुछ होगा।
गज्जी- मैं कुछ नहीं कर सकता, चल निकल अभी इधर से।
मैं- प्लीज़ कुछ तो कीजिये.. वो लोग मेरे पति को बहुत मारते हैं।
गज्जी- मारने दे.. तूने मुझे थप्पड़ मारा था ना.. अब उसके बदले तेरा पति पिटेगा।
मैं- प्लीज़ ऐसा मत कीजिये।

पर वो ना माना..

अब मैंने बिना कुछ सोचे अपने साड़ी का पल्लू नीचे गिराया और कहा- मेरे साथ जो करना है कर लो.. पर उन्हें छोड़ दो।

मुझे ऐसे देख कर उसकी आँखों में चमक आ गई और वो आगे आया। वो अश्लील भाव से मुझे देखता हुआ मेरे स्तन से ले कर नाभि पर हाथ फेरने लगा।

मैं- जो करना है करो.. पर मेरे पति को छोड़ दो।
गज्जी- छोड़ तो दूंगा.. लेकिन तुझे रोज मेरे साथ सोना पड़ेगा। आज से तू अपनी रन्डी है क्या समझी?
मैं- प्लीज़ मेरे पति को छोड़ दो।
गज्जी- हाँ.. तू मेरा बिस्तर गरम कर.. उधर तेरा पति बाहर हो जाएगा।

उसने मुझे अपनी ओर खींचा और किस करने लगा, मैं भी न चाहते हुए उसका साथ दे रही थी।

फिर उसने मुझे छोड़ा और बोला- चल अपने कपड़े उतार।

मैंने अपनी साड़ी निकाली.. फिर अपने ब्लाउज के हुक खोले और सब निकाल के अलग कर दिया।

गज्जी ने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- अरे जल्दी निकाल साली हरामजादी।

मैंने झट से अपनी ब्रा, पेटीकोट और पैंटी निकाल दी और पूरी नंगी हो गई।

मुझे बहुत शर्म आ रही थी। वो उठा और उसने मेरी चूत को हाथ से सहलाया.. मैं सिहर उठी और मेरी ‘अहह..’ निकल गई।

वो खुश हुआ और मुझे अपनी गोद में उठा कर अन्दर ले गया।

वहां पड़े अनाज पर उसने मुझे फेंका और अब अपने कपड़े उतारने लगा। उसके काले बदन पर काले बाल और एक-एक कपड़े उतार कर वो पूरा नंगा हो गया। वो तो एकदम कोई जालिम मर्द लग रहा था उसका लंड बहुत मोटा और लम्बा था।

फिर वो मेरे ऊपर आया और मुझे किस करने लगा। धीरे-धीरे मेरे गले से होता हुआ वो मेरे स्तनों पर पहुँचा और मेरे गोले चूसने लगा। फिर अचानक उसने मेरे एक चूचे को काटा.. मुझे एकदम दर्द हुआ और मैं चिल्ला पड़ी, पर वो न रुका।

फिर उसने मेरी चूत को चाटा। अब तक मैं भी गरम हो चुकी थी, मैंने उसके सर को अपनी चुत पर दबा दिया। इस बार उसने मेरी चूत को काटा।

मैं- ओई माँ.. आह्ह्ह्ह प्लीज़.. काटो मत।
गज्जी- अभी तो बहुत दर्द बाकी है. चुपचाप पड़ी रह साली।

उसने फिर से मुझे काटना शुरू किया और फिर उसने मुझे अपना लौड़ा चूसने का बोला। मैंने पहले ना किया तो उसने मुझे थप्पड़ लगाया।

मैंने ना चाहते हुए लंड चूसना शुरू किया। उसने लगभग 5 मिनट तक लौड़ा चुसवाया और अब वो मुझे चोदने आया। उसने लंड मेरे चूत पर रखा और धक्का मारा.. पहले दर्द हुआ पर बाद में मैं भी मजा लेने लगी। मैं उसकी पीठ पर हाथ फ़ेर रही थी।

कुछ 15 मिनट के बाद वो मेरे अन्दर झड़ गया.. मेरे ऊपर ही पड़ा रहा और मुझे किस करता रहा।

मैं भी उसका साथ दे रही थी.. फिर वो अलग हुआ।

मैंने उससे पूछा- मेरे पति?
वो बोला- फ़िक्र न कर वो छूट जाएगा.. लेकिन तू अब मेरी है।
तब मैंने ‘हाँ’ कहा।

अब उसका लंड फिर से खड़ा हुआ तो उसने मेरी गांड में उंगली डाली, मैंने भी कुछ नहीं कहा।

उसने मेरी गांड मारना शुरू की.. मुझे शुरू में उसके मोटे लंड के कारण दर्द हुआ फिर मजा आने लगा।

दूसरे दिन उसने मुझे घर छोड़ा और बोला- कल आ जाना।
मैंने ‘हाँ’ कर दी।

फिर दोपहर को समर भी आ गए। अब गज्जी मुझे रोज चोदता है।

मुझे भी उसके लंड से मजा आता है।

मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मेल लिखिएगा।

Nehara401@gmail.com

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Monday, June 4, 2018

मेरी बुआ की चुदास

फिर मैंने उनकी कुर्ती में हाथ डाल दिया और चूचों को और जोर से मसलने लगा. अब तक बुआ पूरी तरह गरम हो चुकी थी. फिर उन्‍होंने मेरा लंड पकडा और मुंह में ले लिया. वो घुटनों पर बैठ के मेरे लंड को पूरा अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम उमेश है और मैं पुणे का रहने वाला हूँ. मेरी उमर 17 साल है और हाईट करीब 6 फुट है. चूंकि मैं रोजाना जिम जाता हूँ तो बॉडी भी हेल्दी है. मेरा लंड करीब साढ़े 6 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है.

आप लोगों का ज्यादा वक्त न बर्बाद करते हुए अब मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. ये कहानी मेरी और मेरी बुआ की है. मेरी बुआ का फिगर 36-30-38 है और उनकी उम्र करीब 39 साल है. वो अक्‍सर मेरे घर आया करती थीं. मेरी उन पर कभी गंदी नजर नहीं थी, लेकिन एक बार जब मेरी गर्मी की मेरी छुट्टियां चल रही थीं और मैं घर पर ही रहता था.

उस दौरान अचानक एक दिन बुआ मेरे घर आ गईं. उन्हें देख मैं बहुत खुश हुआ. उन्‍होंने लाल रंग का सूट पहन रखा था और वह बहुत टाइट था. उनके उस टाइट सूट से उनके चूचे बाहर आने को तड़प रहे थे.

उनकी बड़ी गांड के बारे में तो अब क्या ही बताऊं दोस्‍तों! उसे देख के तो मैं पागल सा हो गया था. क्‍या गांड थी! बहुत मोटी. और जब वह चलती तब उनके बूब्स और गांड लगातार ऊपर – नीचे उछलते रहते. मेरा तो उन्हें देख के ही लंड खडा हो गया था.

अगले दिन बुआ मेरे कमरे में सफाई करने आईं, लेकिन उस समय मैं सो रहा था. दोस्तों, मैं अक्‍सर अंडर विअर या शॉर्ट में ही सोता हूँ. जैसे ही बुआ मेरे कमरे में आईं वैसे ही मेरी नींद खुल गई, लेकिन मैं सोने का नाटक करता हुआ पड़ा रहा.

मैंने देखा कि बुआ झुक कर कमरे में झाडू लगा रही थी. उनके झुकने के कारण उनके गोरे – गोरे और बड़े – बड़े चूचे मुझे साफ दिख रहे थे. बुआ के चूचे उनकी कुर्ती में झुल से रहे थे. ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं तो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था.

तभी अचानक बुआ की नजर मेरे खड़े लंड पर पडी. वो मेरे और करीब आईं और मेरे लंड को सहलाने लगीं. सहलाने के साथ – साथ वो सिसक भी रही थीं. अब मेरे अंदर तो मानो लड्डू फूट रहे थे. मेरा मन उनको पटक कर चोदने को किया, लेकिन जैसे ही मैंने हल्की सी हरकत की, बुआ घबरा गईं और फिर कमरे से चली गईं.

मैं समझ गया था कि वो चुदने को बेताब हैं. शाम हुई तो मैं बुआ को ढूंढने लगा. वो बालकनी में खड़ी थीं और उनकी पीठ मेरी तरफ थी. पीछे से उनकी मोटी गांड को देख के मैं पागल सा हो गया. क्‍या मोटी गांड थी! कोई भी उनके फिगर को देख ले तो मुठ जरूर मार देगा.

मेरा भी लंड खडा हो गया था और फिर मैं उनकी ओर पीछे से बढ़ा और चौकाने के लिए उनके कंधे पर हाथ रख दिया. जैसे ही वो डर कर पीछे हुई तो उनकी गांड मेरे लंड से टकरा गई. मेरे लोहे जैसे लंड से टकराकर उनके मुंह से एक हल्की सी चीख निकल गई. लेकिन मैं खुश हो गया.

फिर वो बिना कुछ बोले अपने रूम में चली गईं. अगली शाम घर में बुआ और सिर्फ मैं ही था. घर के बाकी लोग किसी काम से बाहर गए हुए थे. मैं बुआ के बारे में सोच कर मुठ मारने बाथरूम गया, लेकिन दरवाजा बंद करना भूल गया.

तभी बुआ अचानक बाथरूम में आ गईं और मुझे मुठ मारते देख वो हैरान होकर वहीं खड़ी हो गईं. बुआ को देख मैंने तुरन्त ही अपना लंड जीन्‍स के अंदर डाल दिया और बुआ से कहा, “सॉरी बुआ, अब आईंदा ऐसा नहीं होगा लेकिन प्‍लीज, आप किसी को बताना मत. आप जो बोलोगी मैं करने को तैयार हूँ.”

फिर बुआ ने कहा, “जैसे मैं कहूंगी तुम करोगे?” मैंने हाँ कर दी. यह सुनते ही बुआ ने बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया और मुझसे जीन्स उतारने को कहा. इस पर मुझे बहुत शर्म आयी और मैंने कहा बुआ मैं ऐसे नहीं कर सकता. तो बुआ ने कहा, “उतारो वरना मैं सबको बता दूंगी.”

अब मैंने अपनी जीन्‍स उतार दी. फिर बुआ मेरे पास आईं और मेरी अंडर विअर पर हाथ फेरने लगी. मैंने कहा, “बुआ नहीं, ये क्‍या कर रहे हो आप.” वो कुछ नहीं बोलीं और फिर उन्‍होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया. अब मेरा भी मूड बनना शुरू हो गया और धीरे – धीरे लंड भी खडा हो गया.

बुआ मुझे लगातार किस कर रही थी. उनकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी. किस करते – करते मैंने उनके बाल पकड़ लिये और उनके होंठों का रस चूसने लगा. उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था. किस करने के साथ – साथ वो मेरे लंड को भी सहला रही थीं.

फिर बुआ अपने मुंह से मेरी शर्ट के बटन खोलने लगीं. उनकी गरम सासें मुझे और गरम कर रही थीं. बटन खोलने के दौरान उनके होंठ मेरी छाती को छू रहे थे. अब मैंने भी उनके चूचे पकड़ लिए और मसलने लगा. इतने बड़े और मुलायम चूचे मेरे हाथ में नहीं समा रहे थे. मैं लगातार बुआ के गोरे – गोरे चूचों को मसल रहा था. अब वो सिसकियां लेने लगी थीं.

फिर मैंने उनकी कुर्ती में हाथ डाल दिया और चूचों को और जोर से मसलने लगा. अब तक बुआ पूरी तरह गरम हो चुकी थी. फिर उन्‍होंने मेरा लंड पकडा और मुंह में ले लिया. वो घुटनों पर बैठ के मेरे लंड को पूरा अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी.

तभी मैंने उनका सर पकड़ा और लंड उनके मुंह में ही आगे – पीछे करने लगा. बुआ ‘अममम अममम अममम’ की आवाज करने लगी थीं. मैं अब गरम हो गया था. फिर मैंने उनकी कुर्ती उतार दी. क्‍या बताऊ दोस्‍तों, उनका गोरा बदन और बड़े – बड़े कड़क चूचे देख के मुझे तो मजा ही आ गया था.

अब वो मेरे सामने एक दम नंगी खडी थी. फिर मैंने उनकी कमर पकड़ी और अपने तरफ खींचा. वो मेरे नजदीक आ गईं और अब उनके चूचे मेरी छाती से दब रहे थे. फिर मैं उन्हें किस करने लगा और साथ ही साथ उनकी पीठ पर हाथ भी घुमा रहा था.

करीब 5-7 मिनट किस करने के बाद उन्‍होंने अपनी सलवार उतार दी. उन्‍होंने पैन्‍टी पहन रखी थी. फिर उन्होंने उसे भी उतार दिया. मैं उनकी गुलाबी चूत देखता रह गया. अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्‍हें दिवार पर टिकाया और शॉवर चला दिया. पानी की बूंदें उनकी चिकनी पीठ और झूलते चूचों से टपक रही थी.

यह देखकर मेरा लंड फटने को आ गया. फिर मैंने उनकी चूत पर हाथ मारा ताकि उनकी चूत और टाईट हो जाये. अब मैंने अपना मोटा लंड उनकी चूत पर रखा तो बुआ बोली, “मनीष, अब और मत तडपाओ.” फिर मैंने एक ही झटके में आधा लंड उनकी चूत अंदर डाल दिया. जिससे वो चीख पड़ी, “आहहहह मनीष, उम्म.”

तब तक एक और झटके में मैंने पूरा लंड उनकी चूत के अंदर दे दिया. वो दर्द से चिल्‍ला रही थी. मुझसे और रहा नहीं गया और मैं पागलों की तरह बुआ की पीठ को पकड़ कर चोदने लगा. बुआ बोलती रही धीरे – धीरे करो, पर मैं नहीं रूका और जोर से झटके मारते रहा.

फिर मैंने अपने लंड निकाल लिया और उस पे क्रीम लगाई और बुआ की गांड में लंड पेल दिया. इससे बुआ की आंखों में आंसू आ गये और वो, “आ आहह, मनीष धीरे से, धीरे से” बोलती रही. लेकिन मैंने धक्‍के मारने चालू रखे. फिर मैंने उनके लटकते गोरे – गोरे चूचों को पकड़ लिया और चोदने लगा. चोद – चोदकर मैंने बुआ की गांड लाल कर दी थी.

अब हम दोनों झड़ रहे थे और झड़ गए. फिर बुआ ने मुझे लंबी किस किया और कहा, “अब हम हमेशा सेक्‍स किया करेंगे.” फिर हम नहाने गए और मैंने नहाते – नहाते उनके चूचे चूसे और किस किया.

इस दिन के बाद बुआ से दो दिन तक चला नहीं गया. क्‍योंकि मैंने उनकी गांड बहुत जोर से और बहुत देर तक मारी थी.

उम्‍मीद करता हूँ कि आपको मेरी यह कहानी बहुत अच्‍छी लगी होगी. कहानी पर आप अपने सुझाव मुझे मेरी मेल आईडी पर दें. मेरी मेल आईडी –

samhero123456@gmail.com

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विधवा पड़ोसन आंटी की प्यासी चूत

अब मैं उठा और आंटी के पैरों को फैलाकर अपना लंड आंटी की चूत पर सेट किया. चाटने के कारण आंटी की चूत पहले ही पूरी गीली हो चुकी थी. फिर मैंने जोर से एक धक्का मारा और एक ही बार में मेरा लंड आंटी की चूत में घच की आवाज के साथ घुस गया. आंटी की गर्म चूत का अहसास मेरे लंड पर इतना अच्छा लग रहा था कि पूछो ही मत!…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मैं इंदौर का रहने वाला हूँ. मैं अन्तर्वासना पर रोज कहानी पढ़ता हूँ. मैं पिछले 5 सालों से अन्तर्वसना पर कहानियां पढ़ रहा हूँ. इस दौरान प्रकाशित की गई अन्तर्वसना की लगभग हर एक कहानी को मैंने पढ़ा है. अन्तर्वसना की कहानियां मुझे बहुत अच्छी लगती हैं तो मैंने सोचा कि क्यों न मैं भी यहां पर अपनी कहानी लिखूं और आप सबको पढ़ाऊँ.

दोस्तों, मेरी यह कहानी तब की है, जब मैं 12वीं में पढाई कर रहा था. उस समय मेरे घर के सामने वाले घर में एक आंटी रहती थी. उनको एक लड़की और एक लड़का था. लड़का बड़ा था और वह एक कंपनी में काम करता था. वो रोज सुबह ही काम पर चला जाता था और फिर शाम पांच बजे ही आता था.

उनकी लड़की 18 साल की थी और वो अभी पढ़ाई करती थी. वह बहुत मस्त और सेक्सी लड़की थी. जो भी उसको देख ले उसका लन्ड तो खड़ा होना ही था. यही हाल मेरा भी था. उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मन करता था कि बस अभी उसे पकड़ लूँ और अपना हथियार उसकी चूत में डाल कर चोद दूँ.

आंटी भी अभी 40 साल की ही थीं. वो भी अपनी बेटी की ही तरह बहुत सेक्सी थीं. उनका फिगर 36-28-38 का था. बूब्स तो इतने मस्त थे कि मन करता था कि अगर मिल जाएं तो पकड़ कर मसल डालूं.

जब आंटी के घर में कोई नहीं रहता था और उन्हें कोई काम पड़ जाता था तो वो मुझे बुला लेती थीं. मैं भी कभी इंकार नहीं करता और जाकर उनका काम कर देता था. आंटी के पति 10 साल पहले मर गए थे. एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था तो मैं टीवी लगाकर ब्लू फ़िल्म देख रहा था. इस दौरान मेरा 7 इंच का लंड पूरा खड़ा हो गया था. फिर मैंने अपनी पैंट उतारी और मुठ मारने लगा. मैं जोर – जोर से मुठ मार रहा था. ऐसा करने में मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं भूल ही गया कि मेन गेट अभी खुला हुआ ही है.

अभी मैं अपना लंड हिला ही रहा था कि तभी अचानक से मेरी नजर सामने पड़ी. नज़र सामने पड़ते ही मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. सामने आंटी खड़ी थीं. उन्हें सामने देख कर डर के मारे तो मेरा बुरा हाल हो गया.

तभी आंटी बोलीं, “ये क्या कर रहे हो?” तब मुझे होश आया और मैंने झट से पैंट पहन ली और बोला, “आंटी, प्लीज किसी को बताना मत.” तो आंटी बोली, “ठीक है, नहीं बताउंगी पर तू अगर मेरी बात मानेगा तो.”

मैं बोला, “मैं आपकी हर बात मानूँगा.” तो आंटी बोली, “मेरे घर चलो.” मैं बोला, “ठीक है, चलो.” और फिर मैं आंटी के साथ चुपचाप उनके घर चला गया. वहां जाकर आंटी बोली, “तुम ये सब क्यों करते हो?” तो मैं कुछ नहीं बोला और चुपचाप खड़ा रहा. तो आंटी बोली, “कभी किसी लड़की के साथ भी किया?”

मैं बोला कि नहीं तो वो बोली, “मतलब सिर्फ हिला के ही काम चलाओगे?” इसपर मैं कुछ नहीं बोला. तो वो फिर बोलीं, “किसी औरत के साथ करोगे?” मैं बोला, “किसके साथ?” तो वो बोली, “तू बता करेगा कि नहीं.” मैं बोला, “हां, करूँगा.” तो वो बोली, “तुझे मेरे साथ करना है.”

मुझे तो अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मुझे इस तरह आंटी की चुदाई करने का मौका भी मिल जायेगा. मैं झट से राजी हो गया और बोला, “क्यों नहीं करूंगा.” तो आंटी बोली चलो रूम में. फिर हम दोनों बेडरूम में चले गए.

अंदर जाकर आंटी ने गेट बंद किया और बेड पर बैठ गई. फिर मैं भी बेड पर चढ़ गया और आंटी को किस करने लगा. अब आंटी भी बेतहासा मुझे चूमने लगी थीं. हम दोनों एक – दूसरे के मुंह में जीभ डाल कर चूस रहे थे.

तभी मेरा एक हाथ आंटी की चूची पर पहुंच गया और मैं ब्लाउज़ के ऊपर से ही आंटी की चूची को मसलने लगा. अब मेरा लंड अकड़ने लगा था तो मैंने एक ही झटके में आंटी का ब्लाउज़ और ब्रा उतार दिया. जिससे आंटी की दोनों चूची एक साथ ही बाहर आ गई थीं.

अब मैं दोनों हाथों से आंटी की चूची मसलने लगा. आंटी मदहोश हुई जेआ रही थीं और इनके मुंह से जोर से ‘स स श श जोर से मसल डालो मेरी चूची को बेटे, आह आह’ की आवाजें आ रही थीं.

फिर आंटी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलने लगीं तो कुछ ही देर में मैंने आंटी का पेटीकोट उतार दिया. आंटी ने अंदर कुछ नहीं पहना था. काली झांटों में आंटी की चूत क़यामत लग रही थी. जिसे देख मैं तो पागल हो रहा था.

फिर मैंने आंटी की चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और उस उंगली से आंटी को चोदने लगा. अब आंटी तेज – तेज चिल्लाने लगी थीं. उनके मुंह से ‘आह आह अस अस स’ की आवाजें आ रही थीं. अब मैं आंटी के पैरों के बीच में आ गया और आंटी की चूत में जीभ डाल के उनकी चूत चूसने लगा.

इससे तो आंटी एक दम पागल हो गईं और चिल्लाने लगीं ‘आह आह अड़ स स स, अब बर्दाश्त नहीं होता बेटा, बस अब जल्दी से अपना लन्ड मेरी चूत में डाल दो और मेरी प्यास बुझा दो. मेरी चूत बहुत दिन से प्यासी है, आह ऊँह ऊँह’.

अब मैं उठा और आंटी के पैरों को फैलाकर अपना लंड आंटी की चूत पर सेट किया. चाटने के कारण आंटी की चूत पहले ही पूरी गीली हो चुकी थी. फिर मैंने जोर से एक धक्का मारा और एक ही बार में मेरा लंड आंटी की चूत में घच की आवाज के साथ घुस गया. आंटी की गर्म चूत का अहसास मेरे लंड पर इतना अच्छा लग रहा था कि पूछो ही मत!

अब मैं जोर – जोर से आंटी को चोदने लगा. आंटी अजीब – अजीब सी आवाजें निकाल रही थीं. उनके मुंह से लगातार ‘अस अस स्जस सश श चोदो मुझे आह आह जोर से अहह्हज’ की आवाजें आ रही थीं. काफी देर तक जोरदार चुदाई करवाने के बाद आंटी का शरीर अकड़ने लगा और आंटी ने जोर से मुझे पकड़ लिया. वो कस के मुझसे चिपक गईं थी और फिर आंटी झड़ने लगी.

आंटी की चूत का गर्म – गर्म पानी के अहसास को मैं भी ज्यादा देर तक सह न सका और मेरे लंड ने वीर्य की पिचकारी आंटी की चूत में मार दी. दो – तीन पिचकारी में मेरा पूरा पानी आंटी की चूत के अंदर जा चुका था. मेरे पानी से उनकी चूत भर गई थी.

फिर कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे और फिर मैं उठा और बाथरूम में जाकर लंड को साफ किया. इसके बाद वापस आकर कपड़े पहने. मेरे साथ ही आंटी ने भी कपड़े पहने और बोली, “राहुल, तुम तो बड़ी मस्त चुदाई करते हो, बहुत मजा आया.”

उसके बाद से अब हमें जब भी मौका मिलता है, मैं आंटी की चुदाई जरूर करता हूँ.

तो दोस्तों, कैसी लगी आपको मेरी यह कहानी? मुझे मेल करके जरूर बताना. मेरी ये पहली कहानी है अगर इसमें कोई गलती हुई हो तो अपना सुझाव जरूर दें. मेरी ईमेल आईडी – rk2560887@gmail.com

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Sunday, June 3, 2018

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